'जनता को सरकार के बहाने नहीं, साफ हवा चाहिए', राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदूषण पर भाजपा को घेरा

राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदूषण पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा है कि जनता साफ हवा चाहती है, लेकिन इसके लिए बहानों से परहेज किया जा सकता है। उन्होंने दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, 'साल दर साल दिल्ली की हवा जहरीली होती जा रही है, लेकिन भाजपा सरकारें बस बहाने बदलती हैं। अब तो केंद्र और दिल्ली, दोनों जगह उनकी ही सरकार है। अब बहाने नहीं, जनता को साफ हवा चाहिए।'

राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण उन्होंने अपनी मां और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिल्ली से बाहर भेजने पर विचार किया था। उनके अनुसार, अब जनता तो न केवल एक सरकार के लिए बहाने बदलती है, बल्कि दूसरी सरकार के लिए भी बहाने बदल रही है।

वहीं, प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। वह कहती हैं कि इससे पहले उन्होंने रविवार (02 नवंबर, 2025) को दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से हस्तक्षेप करने और ‘प्रदूषण युक्त धुंध’ को साफ करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
 
मैंने तो देखा है मेरी बहन की जेब में हमेशा से खरोंच है, वह भी अब दिल्ली प्रदूषण पर बोल रही है... लेकिन चिंता करने की जरूरत है ना, हवा खराब हो गई तो फिर यह कैसे सुधरेगी, मेरी बहन तो कहीं दिल्ली नहीं जाती, वह शायद तो खिड़कियों से बाहर बैठ कर हवा का आनंद लेती है... 🤔

मैंने अपने भाई को तो सालों से प्रदूषण पर चिंतित देखा है, वह हमेशा कहता था कि सरकारें अगर अच्छी निकलें, तो इससे रुक सकता है, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह बात इसलिए नहीं कही जा रही है, क्योंकि चिंतित होने से कुछ भी नहीं बदलेगा, वह तो अब कहेंगे हम तो साफ हवा के लिए बहाने बदलते हैं...

मुझे लगता है कि प्रदूषण के बारे में बोलने से पहले चिंतित होना एक अच्छी शुरुआत नहीं है, जब तक हम अपने घरों को साफ न करें, तो यह कैसे सुधरेगा, वह तो जानते हैं कि दिल्ली में हवा खराब हो गई है और फिर कहां चलेगी, वह तो बात के लिए कहीं भी नहीं जाएगी।
 
😬 दिल्ली में प्रदूषण की बात तो हर दिन होती है, लेकिन लगता है कि सरकारें ना समझतीं। मैंने अपने स्कूल के पर्यावरण विभाग में पढ़ाया गया, कि हमारी हवा बहुत प्रदूषित है। साल बाद दिल्ली की हवा जहरीली होती जा रही है! 🤢 सरकारें तो बताती हैं कि दिल्ली में इसे नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन सालों से ऐसा नहीं हुआ। 😔 अब तो प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि हमारा भविष्य खतरे में है। 🤦‍♀️
 
🤔 प्रदूषण की समस्या वास्तव में बहुत जटिल है, हमारे देश में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कोई एक समाधान नहीं है। लेकिन अगर हम यहाँ सोचते हैं कि सरकारों की सहायता से क्या कर सकते हैं, तो हमें अपने शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
हमें अपने घरों और औद्योगिक स्थलों पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नए नीतियाँ बनानी चाहिए, जैसे कि ऑटोमोबाइल से उत्पन्न वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाना।
अगर हम अपने देश में एकजुट होकर इन समस्याओं पर काम करेंगे, तो शायद हम वायु प्रदूषण को कम कर सकेंगे और अपनी हवा को साफ रख सकें। 💨
 
राहुल गांधी जी की बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ, प्रदूषण और साफ हवा की बात हमेशा ही भाजपा सरकार को छू जाती है, लेकिन इस बार वे खुलकर घेराव लेने लगे हैं। मैं समझता हूँ कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है, और इसके लिए हमें संगठित तरीके से निपटने की जरूरत है। प्रियंका गांधी जी की बात भी अच्छी लगी, उन्होंने सही कहा कि सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे। मैं उम्मीद करता हूँ कि जल्द ही दिल्ली की हवा साफ होगी।

क्या हमारी सरकार हमें साफ हवा देने के लिए रोजाना 5000 रुपये जुटाएगी? क्यों नहीं? 🤔
 
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को तुरंत हवा की बात करनी चाहिए, फिर तो हमें क्या मिलेगा? उनके लिए जहरीली हवा का बहाना ढूंढना आसान है कि नहीं ?
 
बhai, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है! दिल्ली में हवा प्रदूषण से भरी जा रही है, और सरकारें बस फुसलाती रहती हैं। क्योंकि तो हमारी देशभर के लोग साफ हवा चाहते हैं, लेकिन इन दिनों पूरा ध्यान इस पर नहीं देते। मैंने अपने दोस्तों के साथ बात की, और हम सभी एक ही मानना था - यह बहुत बड़ा मुद्दा है!
 
यह तो बहुत बड़ी समस्या है दिल्ली में हवा की, बीते कुछ वर्षों से, यहाँ की हवा जहरीली होती जा रही है, लेकिन भाजपा सरकारें बस हमेशा नई-नई चीजें बनाती रहती हैं। उन्हें सिर्फ तैयार करना होगा, लेकिन साफ हवा के लिए, यह बहुत जरूरी है। मैं नहीं समझता कि भाजपा सरकारें हमेशा इतनी टिक्की हैं, जब तक दिल्ली की हवा खराब हो, वे खुश रहते हैं। 🤔
 
मैंने देखा है कि राहुल गांधी जी ने तो भाजपा सरकार पर पूरी तरह से हमला कर दिया है, लेकिन क्या वे नहीं जानते कि उनके खिलाफ भी बहाने बदलते रहते हैं? मुझे लगता है कि जनता तो राहुल गांधी जी से लेकर प्रियंका गांधी जी तक, सब कुछ करती है, बस एक बात का फायदा नहीं छोड़ती।
 
मैंने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर बहुत गंभीरता से नहीं सोचा है.. तुम्हारे दोस्त की पत्नी की दादी ने तो दिल्ली से 20 किमी दूर ही बसा हुआ था और वह भी फूल खिलाने जाती थी।

मैंने एक बार अपने चाचा की कहानी सुनाई थी, वह एक शिक्षक थे और उन्होंने हमेशा बच्चों को धूप में खेलते हुए देखा है, लेकिन वे नहीं जानते थे कि उनके चेहरे पर लगातार गंदगी जमा होती रही।

मैं सोचता हूं, अगर हमारे देश में हर साल एक 'वायु प्रदूषण सप्ताह' मनाने का निर्माण हो जाए तो क्या होगा, इसका जवाब तुम्हें तुम्हारे बच्चों और उनकी पत्नियां बता सकेंगे।

मैं खुश हूं कि मेरे शहर के पास एक अच्छा संग्रहालय है जहां हम सब गर्मियों में आराम से दिन बिता सकते हैं।
 
बड़े बुरे मुश्किल में पड़ी दिल्ली 🌫️। सरकार तो भी नहीं बदल पा रही, और जनता तो तेजी से बदतर स्थिति में जा रही है! साफ हवा की मांग तो सचमुच ठीक है, लेकिन इसके लिए पर्यावरण विभाग को सस्ता नहीं बनाया जा सकता। 🚫

ज़रूरत है एक नई रणनीति, सरकार को दिल्ली से निकलने का समय मिल गया, अब लोगों की आवाज़ सुनने का समय आ गया है। प्रियंका जी की बात तो सही है, हमें पर्यावरण से लड़ने के लिए एकजुट होना होगा। 🌟

और मुझे लगता है कि यह दिल्ली की बड़ी समस्या नहीं है। हमारे देश की प्रदूषण समस्या तो बहुत गहरी है, और इसके लिए समाधान ढूंढने के लिए हमें साथ में काम करना होगा। 🌈
 
राहुल जी की बात समझ में आती है, लेकिन हमें अपने देश की राजनीति से दूर रहना चाहिए। प्रदूषण एक बड़ा समस्या है, लेकिन इसके पीछे कुछ और भी कारण हो सकते हैं। हमें अपने नेताओं को सही मार्ग पर रखकर काम करना चाहिए, न कि उन्हें घेरना या बहानों से परहेज करना।

मैं समझता हूं कि प्रियंका जी भी अपने पक्ष में बोल रही हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली की हवा एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि हमारे देश की एक बड़ी समस्या। हमें अपने नेताओं से बेहतर विकल्प ढूंढने की जरूरत है।

कुछ लोग कहते हैं कि सरकारों को प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े कानून बनाए जाने चाहिए। मैं इस बात से सहमत हूं। हमें अपने देश की हवा को साफ रखने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।
 
राहुल जी की बात सुनकर मुझे लगता है कि हमें वायु प्रदूषण को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। यह तो हर किसी के लिए एक बड़ा मुद्दा है, खासकर दिल्ली जैसे शहरों में।

मैं समझता हूं कि सरकारें वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर ध्यान नहीं दे रही हैं। लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को बहुत ही हल्के में लिया है।

राहुल जी और प्रियंका जी की बात सुनकर मुझे खुशी हुई। हमें वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अधिक से अधिक आवाज उठानी चाहिए। यह तो एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन अगर हम इसे हल्के में न लें, तो शायद हम इसका समाधान निकाल सकें। 🙏🌿
 
🤔 तो भाई, यह तो बहुत ही दुखद बात है कि प्रदूषण जैसा मुद्दा अभी भी इतने बड़े नेताओं तक पहुँच नहीं पाया है। राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी दोनों ने बहुत ही सही बात कही है, लेकिन क्या इनके पास विचार करने का समय है? 🤦‍♂️

मुझे लगता है कि यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है कि इसके लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। अगर जनता साफ हवा चाहती है, तो सरकार भी अपने शब्दों में बदलाव लाना चाहिए। 🌿

लेकिन, यहाँ एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि प्रदूषण का समाधान आसान नहीं है। इसमें समय और प्रयास लगेगा। लेकिन, अगर हम एक साथ मिलकर इस पर काम करें, तो शायद हम इसका समाधान निकाल सकें। 💪

तो आइए, सब मिलकर इसके लिए कुछ करने की कोशिश करें। दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए, हमें एक साथ मिलकर अपनी जिम्मेदारियों निभानी होगी। 🌟
 
मैंने देखा है कि सरकारें अक्सर बहुत बड़े मुद्दों की बात करती हैं, लेकिन कुछ छोटे-छोटे बदलाव कर सकती हैं। मुझे लगता है कि अगर हम साफ हवा के लिए एकजुट हो जाएं, तो सरकारें अपनी पूरी कोशिश कर सकती हैं। यह एक अच्छा विचार है कि राहुल गांधी ने अपनी माँ और सोनिया गांधी को दिल्ली से बाहर भेजने पर विचार किया, लेकिन अभी तो यह तो एक सवाल है, क्या सरकारें इस पर ध्यान देंगी।
 
😐 यह तो बहुत बड़ी बात है राहुल गांधी जी ने कही है... प्रदूषण जैसा मुद्दा सिर्फ एक सरकार के लिए ना बना रहता, दूसरी सरकार भी इसे लेकर नहीं आती, और जनता तो बस एक बहाने से छूटने की कोशिश करती है... इसका समाधान तो केवल हमारे पास ही है, अगर हम एकजुट होकर इस पर ध्यान देते हैं तो फिर देखेंगे कि कुछ नहीं रह जाता।
 
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