कांग्रेस में बढ़ा ‘लेफ्ट टर्न’: भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के जवाब में बदला पार्टी का रुख; बोले शशि थरूर

कांग्रेस का अब वामपंथी रुख, शशि थरूर ने कहा - "हमारी पार्टी का यह बदलाव या तो रणनीतिक है या वैचारिक।"

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी का अब रुख पहले की तुलना में ज्यादा वामपंथी हुआ है, ताकि वह भारतीय जनता पार्टी की विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला कर सके।

उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी अब नीतियों और विचारधारा के स्तर पर ज्यादा वाम झुकाव रखती है, जबकि मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस ज्यादा केन्द्रवादी रुख अपनाती थी।"

शशि थरूर ने यह भी कहा, "आंतरिक लोकतंत्र हर राजनीतिक दल में जरूरी है और किसी भी पद पर अनिश्चितकाल तक बने रहना गलत है।"
 
शशि थरूर जी की बात सुनकर मुझे लगता है कि उनकी पार्टी ने सही समय पर अपना रुख बदलने की जरूरत है, खासकर जब भारतीय जनता पार्टी की विभाजनकारी राजनीति बढ़ रही है। अगर हमारी पार्टी ज्यादा वामपंथी हो गई है तो यह अच्छा है, लेकिन उन्होंने कहा है कि यह बदलाव रणनीतिक है या वैचारिक, यह देखने की जरूरत है। 🤔
 
कांग्रेस पार्टी का यह बदलाव, ये तो दिखता है कि जीवन में हमेशा कुछ न कुछ बदलता रहता है, लेकिन इस बात पर ध्यान रखना जरूरी है कि हम अपने लक्ष्यों और मूल्यों को कभी भी बदल नहीं देते।

शशि थरूर जी की बात सुनते समय, मुझे यह सोचने को मिलता है कि जीवन में हमेशा एक नया अवसर और नई चुनौतियाँ आती रहती हैं। हमें अपने साथी साथी, हमारी पार्टी या दल के निर्णयों से सहमत नहीं होने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस का केन्द्रवादी, वहाँ से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में संतुलन बनाना एक बड़ा कला है।
 
कांग्रेस ने वामपंथी दिशा में बढ़ना चाहिए तो फिर तो शशि थरूर जी को स्टेटमेंट पर ध्यान देना पड़ता 🤔
 
मुझे लगता है कि अगर सब कुछ ठीक हो तो हमें खाने के लिए कुछ न मिल जाए, फिर भी हम खाना बनाकर खा सकते हैं और खुश रह सकते हैं 🍴। और बोलते हुए शशि थरूर जी की बात सुनकर लगता है कि अगर हम सब एक दूसरे को अच्छी तरह से समझें तो बहुत सारी समस्याएं हल हो सकती हैं।
 
बोलो बोलो, शशि थरूर जी ने सही कहा, कांग्रेस पार्टी को अपने वामपंथी रुख में बदलाव करने की जरूरत है, ताकि वह भाजपा की विभाजनकारी राजनीति से लड़ सके। लेकिन यह सवाल उठता है कि कांग्रेस ने अपने वामपंथी रुख में बदलाव कब और कैसे करेगी, और यह क्या परिणाम होगा। मुझे लगता है, कांग्रेस पार्टी को अपने विचारों और नीतियों को स्पष्ट रूप से बताने की जरूरत है, ताकि लोग समझ सकें कि वे कहाँ जा रहे हैं और क्यों 🤔
 
सोचो तो शशि थरूर ने वाकई अच्छे दिशा में कांग्रेस को ले लिया है... लेकिन इतनी बदलाव करने से पहले उन्होंने सोचा था? क्या उनकी रणनीति तय कर ली है? और शशि जी ने बोला की मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस ज्यादा केन्द्रवादी रुख अपनाती थी, तो भी उन्होंने अपनी पार्टी को ऐसा नहीं बनाया है... शायद फिर भी विभाजनकारी राजनीति से निपटने में विफल रही है। 🤔
 
बस, तो कांग्रेस पार्टी ने अपने दिशा में थोड़ा बदलाव किया है, जिससे वे बीजेपी की तरह लोकतंत्र की छड़ी पर चढ़ सकें। शशि सिर्फ ऐसा कहने लगे की हमारा रुख अब एकदम वामपंथी हुआ है या फिर यह तो मेरी रणनीति है। अगर कोई तो वामपंथी होना चाहता है तो शायद लोकतंत्र से परहेज कर दे।
 
मैंने ऐसा कभी सोचा नहीं था... शशि जी तो वाकई बदल गए हैं! पहले वह सीधे-सीधे कह रहे थे कि हमारी पार्टी में कुछ गड़बड़ी हुई है... लेकिन अब वाह, अब वामपंथी रुख कर लिया है! तो यही सच्चाई है? क्या मनमोहन जी के दौर से पहले हमारी पार्टी थोड़ी और केन्द्रवादी थी, फिर भी तो हमें अच्छा सरकार मिला होगा, ना? 🤔
 
कांग्रेस पार्टी का यह बदलाव देखकर लगता है कि अब वह ज्यादा वामपंथी हो गई है 🤔। मनमोहन सिंह के समय से केंद्रवादी रुख छोड़कर नीतियों पर और अधिक विचारधारा पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। तो यह बदलाव रणनीतिक है या वैचारिक यह सवाल अब जानने की जरूरत है।
 
मुझे लगता है कि शशि थरूर जी ने बोल दिया है कि हमारे देश में अब वामपंथी राजनीति का बहुत बढ़ गया है, और कांग्रेस पार्टी तो उसका सीधा हिस्सा बन गई है। लेकिन मुझे लगता है कि यह बदलाव अच्छा नहीं है, क्योंकि अब हमारी राजनीति अधिक विभाजित हो रही है। 🤔

मैंने देखा है कि बहुत से लोग कहते हैं कि शशि थरूर जी ने कांग्रेस पार्टी का बदलाव रणनीतिक तरीके से किया है, लेकिन मुझे लगता है कि यह बदलाव विचारधारा में भी आया है। 📈

मैंने अपनी पत्नी से बात की थी, और उसने कहा कि वह शशि थरूर जी के बयान पर खुश नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वह भी समझती है कि राजनीति में बदलाव जरूरी है। 💕
 
अगर गंभीर सियासी बदलते दिनों में कांग्रेस पार्टी वामपंथी होने का फैसला कर रही है, तो यह अच्छी बात है 🤝। हमें भारतीय जनता पार्टी जैसी विभाजनकारी राजनीति से परे उठना होगा, लेकिन इसे सही तरीके से करना जरूरी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह केन्द्रवादी रुख अपनाना जरूरी नहीं है, हमें विचारधारा को मजबूत बनाना चाहिए और लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाना चाहिए।
 
बिल्कुल यार, यह देखकर मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बदल दी है... अब वामपंथी दिशा में जा रही है। शशि थरूर जी की बात सुनकर लगता है कि मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस अधिक केन्द्रवादी थी, लेकिन अब वामपंथी हो रही है। यह तो रणनीतिक बदलाव होने की तरह लगता है... लेकिन अच्छा है कि उन्होंने साफ कह दिया है कि अनिश्चितकाल तक एक पद पर रहना गलत है। 🤔
 
😊👀 वामपंथी दिशा में बदलने से पहले तो कांग्रेस ने कभी नीतियों में बदलाव नहीं किया था, लेकिन अब उनकी पार्टी बहुत सक्रिय रूप से बदल रही है 🔄💪 यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वामपंथी दिशा में बदलने से पहले कांग्रेस ने कभी भी ऐसा नहीं किया था, लेकिन अब उनकी पार्टी बहुत सक्रिय रूप से बदल रही है। 👊
 
नेताजी ने हमेशा कहा था कि "स्वतंत्रता पाने के लिए संघर्ष करना बहुत भयंकर होता है, लेकिन वास्तव में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने दिल और आत्मा को भी बेचना पड़ता है।"
 
यह वामपंथी रुख तो एक अच्छा संकेत हो सकता है कि कांग्रेस में कुछ नया लाने की जरूरत है, फिर भी यह बदलाव कितना ज्यादा वामपंथी है, यह समय के साथ देखना होगा। मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस जो केन्द्रवादी रुख अपनाती थी, वह एक अच्छा समय था, लेकिन अब किसी भी पद पर अनिश्चितकाल तक बने रहना गलत है, इसलिए यह बदलाव सही है।
 
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