तमिलनाडु सरकार को एक बार फिर से निर्भया चाहिए, यह सवाल पूछना जरूरी है। कोयंबटूर में हुए कथित गैंगरेप का आरोपी, जिसमें दिल दहला देने वाली घटना की गई थी, तमिलनाडु सरकार की पूर्ण विफलता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा, 'कोयंबटूर की यह घटना दिल दहला देने वाली है। एक 20 वर्षीय छात्रा अपने मित्र के साथ थी, उसके साथ गैंगरेप हुआ। यह घटना हमें उस निर्भया की याद दिलाती है जिसके लिए पूरा देश एकजुट हुआ था।'
प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा, 'सरकारों को कब समझ आएगा कि बेटियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है? आखिर और कितनी निर्भया चाहिए होंगी ताकि वे जागें? यह निश्चित रूप से सरकार की विफलता है।'
यह घटना हमें 2012 के दिल्ली निर्भया कांड की दर्दनाक यादें ताजा कर देती है, जब पूरे देश को हिला दिया था। तब से, भारत में यौन हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए थे। लेकिन आज भी, तमिलनाडु सरकार एक छात्रा को सुरक्षा देने में नाकाम रही है, जो सरकार की सीधी जिम्मेदारी है।
पुलिस ने बताया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है। पीड़िता को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि उसका मित्र कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (CMCH) में उपचाराधीन है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा, 'कोयंबटूर की यह घटना दिल दहला देने वाली है। एक 20 वर्षीय छात्रा अपने मित्र के साथ थी, उसके साथ गैंगरेप हुआ। यह घटना हमें उस निर्भया की याद दिलाती है जिसके लिए पूरा देश एकजुट हुआ था।'
प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा, 'सरकारों को कब समझ आएगा कि बेटियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है? आखिर और कितनी निर्भया चाहिए होंगी ताकि वे जागें? यह निश्चित रूप से सरकार की विफलता है।'
यह घटना हमें 2012 के दिल्ली निर्भया कांड की दर्दनाक यादें ताजा कर देती है, जब पूरे देश को हिला दिया था। तब से, भारत में यौन हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए थे। लेकिन आज भी, तमिलनाडु सरकार एक छात्रा को सुरक्षा देने में नाकाम रही है, जो सरकार की सीधी जिम्मेदारी है।
पुलिस ने बताया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है। पीड़िता को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि उसका मित्र कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (CMCH) में उपचाराधीन है।