दिल्ली के लालकिले पर आया बंदूक मारuti, सुरक्षा एजेंसियों को कई सवाल उठाए। पहले, यह सवाल था कि आत्मघाती हमला हुआ या नहीं? फिर, तीन लोग जिन्हें पुलिस ने कार में बैठे देखे थे, उन्हें क्या भूमिका थी? शायद यह एक अच्छा सवाल था, लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियों को इसके जवाब में कई और सवाल उठने लगे हैं।
क्या यह हमला फिदायीन हमला था या यह कार सवार की गलती थी? दोनों में से कहीं भी संभव है कि यह हमला शायद किसी और जगह पर किया गया था, लेकिन इस बीच ही गलती से हुआ। फिर, यह सवाल उठता है कि क्या धमाका जानबूझकर किया गया था या नहीं।
रास्ते में एक दूसरे, दो और भी सवाल उभरने लगे हैं। कार शायद किसी साजिश से ले गई थी, लेकिन रास्ते में गलती से धमाका हुआ। फिर, यह सवाल उठता है कि क्या कार सवार असली प्लान से अनजान थे?
यह सवाल जांच एजेंसियों को बहुत कठिन कर देता है। उन्हें अभी तक इस मामले की सबसे बड़ी पहेली को तोड़ना होगा। यह सवाल उठता है कि क्या धमाका एक अच्छा हमला था, जिस पर कार सवार नियंत्रण खोने से हुआ, या फिर यह एक बुरा हमला था, जो शायद किसी और जगह पर किया गया था।
क्या यह हमला फिदायीन हमला था या यह कार सवार की गलती थी? दोनों में से कहीं भी संभव है कि यह हमला शायद किसी और जगह पर किया गया था, लेकिन इस बीच ही गलती से हुआ। फिर, यह सवाल उठता है कि क्या धमाका जानबूझकर किया गया था या नहीं।
रास्ते में एक दूसरे, दो और भी सवाल उभरने लगे हैं। कार शायद किसी साजिश से ले गई थी, लेकिन रास्ते में गलती से धमाका हुआ। फिर, यह सवाल उठता है कि क्या कार सवार असली प्लान से अनजान थे?
यह सवाल जांच एजेंसियों को बहुत कठिन कर देता है। उन्हें अभी तक इस मामले की सबसे बड़ी पहेली को तोड़ना होगा। यह सवाल उठता है कि क्या धमाका एक अच्छा हमला था, जिस पर कार सवार नियंत्रण खोने से हुआ, या फिर यह एक बुरा हमला था, जो शायद किसी और जगह पर किया गया था।