‘खून से तिलक करो, गोलियों से आरती’: स्कूल में बच्चों की प्रेयर का वीडियो वायरल, प्रशासन में मचा हड़कंप

छह साल के बच्चों के शरीर से ही भारतीय धर्म की प्रार्थना कर रहे थे, उनकी बोली में गोलियों से पूजा करना शामिल था। यह वीडियो नाबालिगों की इस चेतावनी से लेकर वायरल होता है जिससे समाज में डर फैल रहा है।
 
ये तो बहुत ही चिंताजनक वीडियो है 🤕। छह साल के बच्चों को ऐसा करने की स्थिति में लाना बिल्कुल सही नहीं है। यह नाबालिगों की हानि है और हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। मुझे लगता है कि हमें ऐसी चीजों से बचने की जरूरत है, जो बच्चों को इतनी मुश्किल स्थिति में लाती हैं।
 
मुझे लगता है कि हमारी समाज में बच्चों को बहुत कम उम्र में शिक्षा और ज्ञान देने की जरूरत है, ताकि वे अपने जीवन को सही दिशा में चल सकें। लेकिन यह भी सच है कि हमारे देश में बच्चों को बहुत कम उम्र में कई चीजें सीखने को मिलती हैं, जैसे कि लड़ना और युद्ध करना।
 
यह तो बहुत ही चिंताजनक है कि छह साल के बच्चे भी गोलियों के साथ पूजा कर रहे हैं। क्या हमारे समाज में यह इतनी आसानी से स्वीकार किया जा सकता है? मुझे लगता है कि हमें अपने बच्चों को ऐसी चीजें नहीं देनी चाहिए, जिससे उनके विकास पर बुरा प्रभाव पड़े। और इतनी बड़ी संख्या में लोग यही कर रहे हैं तो बहुत ही चिंताजनक है। हमें अपने समाज में कुछ ऐसा बदलने की जरूरत है जिससे नाबालिगों को भी ऐसे विचारों से दूर रखा जा सके।
 
🤯 यह तो बहुत ही गंभीर मुद्दा है! पार्किंग की समस्या और भारतीय रेलवे सिस्टम की दुरुस्ती पर जोर देते हुए सरकार के कुछ निर्णयों से बच्चों को गोलियाँ मारने की जरूरत नहीं होती। शायद ऐसे वीडियो वायरल होने का मतलब यह है कि हम अपने समाज में कितनी जागरूकता की कमी है? 🤔 बच्चों को बाहर से तोड़-मरोड़ने की जरूरत नहीं, शिक्षा और सामाजिक समर्थन देना चाहिए। 👧🏽🚫
 
भारत में बच्चों की बुराई कैसे नहीं देखा जाता, यह वीडियो नाबालिगों की इस चेतावनी से लेकर वायरल होता है जिससे समाज में डर फैल रहा है। छह साल के बच्चों को गोलियों से पूजा करने देना यह तो बहुत ही गंभीर समस्या है, इनके शरीर से ही उनके विचारों को जानने की जरूरत है न कि ये कुछ भी ऐसे काम करने दो।

हमें बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अच्छे शिक्षकों के साथ पढ़ाई में मदद करनी चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ये बच्चे अच्छे शिक्षित हो जाएं ताकि वे बड़े होकर भारत को बेहतर बनाने में मदद कर सकें।
 
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