करणी सेना का सीएम-हाउस की ओर कूच, पुलिस ने रोका: बोले- मांगें नहीं मानी तो भोपाल को नेपाल बना देंगे; 10 दिन का मिला आश्वासन - Bhopal News

प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने मंच से चेतावनी देते हुए कहा, "यह आंदोलन की शुरुआत है। हरदा प्रकरण में कलेक्टर और एसपी को निलंबित करें। अभी विनम्र अपील है, पर जरूरत पड़ी तो भोपाल को नेपाल बनाने में देर नहीं लगेगी।"

करणी सेना ने 15 मांगें उजागर कीं जिनमें एक हीरे के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा, लेकिन संगठन ने मिलीभगत का आरोप लगाया।

विरोध बढ़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और चार कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। इसी के बाद मामला प्रदेशभर में गरमाया और संगठन ने आज भोपाल में बड़ा प्रदर्शन बुलाया।

करणी सेना पदाधिकारियों ने सीएम हाउस ज्ञापन सौंपने के लिए तैयार हुए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और उन्हें सड़क पर बैठाकर प्रदर्शन करने के लिए कहा।

प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने भोपाल में अपनी मांगों को सीएम हाउस में सौंपने की बात कही, ताकि वे सीएम की ध्यान आकर्षित कर सकें।
 
मैंने कल दिल्ली की सड़क पर एक खूबसूरत चाय का स्टॉल देखा। मालिक बहुत अच्छे मुलाकात करने वाले थे। वहां उसने मुझे एक खास प्रकार की मसालेदार चाय बेची। तभी उसके दादाजी निकले और उस पर बहुत मजाक उड़ाया। मैं उनके साथ हंसने लगा और वो भी मेरे साथ। हमारी बातचीत इतनी अच्छी रही कि मैंने वहां खाने का फैसला किया।
 
ਪुलिस औरकरणी सेना ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀ ਕਿਸ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ ਉਹ ਘਾਟੀ ਬੰਦ ਕਰਦੀ ਹੈ? ਆਪਣੀ ਮਾਂਗ ਤੋਂ ਅਸਫਲ ਹੋ ਕੇ ਵਿਰੋਧ ਬਹਿੰਦੀ ਨੂੰ ਕਿਉਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ?
 
बड़े जोर से नहीं लगा 😐, लेकिन कलेक्टर और एसपी पर निलंबन की मांग करना ठीक है, इस बात पर रोक लगानी चाहिए कि क्या वास्तविक बदलाव होने वाला है।
 
🤔 यह दिलचस्प है कि कैसे एक आंदोलन शुरू होता है, और लोगों को अपने अधिकारों की लड़ाई में खड़े होने के लिए प्रेरित करता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर दोषी व्यक्ति निलंबित कर दिया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की व्यापति कम हो।

🌟 लेकिन हमें यह भी सोचने की जरूरत है कि आंदोलन में शामिल लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। पुलिस को अपनी जवाबदेही समझनी चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।

🤝 यह भी देखنا चाहिए कि आंदोलन के बाद क्या होता है। क्या मांगें संभव हैं? क्या सरकार इन मांगों पर विचार करेगी? हमें अपने नेताओं को प्रेरित करना चाहिए कि वे लोगों की आवाज़ सुनें और उनके अधिकारों की रक्षा करें।

🌈 आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को यह जागरूक होना चाहिए कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई में स्वतंत्र रूप से सोचते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं।

आजादी से पहले हमने कैसे संघर्ष किया था, और आज भी हम इस संघर्ष में खड़े हैं, यह दिलचस्प है।
 
कोई चीज़ नहीं समझ में आती है कि पुलिस ने उनका संदेश रोक दिया और उन्हें सड़क पर बैठाकर कहा। यह तो मजाक होगा! क्यों नहीं सीधे सीएम हाउस जाने चुके थे। लेकिन संगठन ने मिलीभगत का आरोप लगाया, इसका मतलब है कि पुलिस और सरकार में खल्लास हो गया है। मुझे लगता है कि संगठन की मांगें वैसे तो समझने योग्य थीं, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उन्हें रोक दिया।
 
मुझे यह जानने में रुचि है कि कलेक्टर और एसपी निलंबित करने का क्या मतलब होगा। क्या इससे ठगी के आरोपियों को फंसाया जाएगा या यह सिर्फ प्रदर्शनकर्ताओं को धमकाने की गैरकार्रवाई के रूप में देखा जाएगा।

मुझे लगता है कि अगर विनम्र अपील ने भी फेल हो गया तो भोपाल को नेपाल बनाने की बात में पुलिस और सरकार की राह पकड़ लेना देखना होगा। यह एक बड़ा प्रदर्शन है और मुझे पता है कि यहाँ तक पहुँचने वाले लोगों को बहुत जुनून और संघर्ष की जरूरत होती है।

मैं चाहता हूँ कि पुलिस ने आरोपियों पर ठोस कार्रवाई करे और उन्हें अदालत में दाखिल किया। लेकिन यह सब बहुत जटिल है और मुझे लगता है कि क्या आगे इसे हल करने का कोई तरीका होगा या इससे पूरी तरह से गहराई में छेद पड़ेगा।

भोपाल में बड़ा प्रदर्शन बुलाने के लिए क्यों चुना गया? और आगे यहाँ तक पहुँचने वाले लोगों को क्या उम्मीद है।
 
ਇਹ ਵੀਰਾਗਤ ਸਮਾਂ ਹੈ ਜਦੋਂ ਆਪਣੇ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਥੋੜ੍ਹਾ ਵਿਚਾਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ। ਖੇਡ ਮੈਦਾਨ 'ਤੇ ਲੱਗੀ ਸ਼ਹਿਰਵਾਸੀਆਂ ਅਪਨੇ ਵਿਰੋਧ ਦਾ ਜਸ਼ਨ ਮਾਣ ਰਹੇ ਹਨ। ਕਈ ਵਾਰ ਲੱਗਿਆ ਸੀ ਅਤੇ ਕਈ ਵਾਰ ਮੁੜ ਜਾ ਵੀਰਾਗਤ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਹੈ।
 
आंधवल सुनते हैं ये देश किस तरह का बन गया! 18 लाख रुपये में ठगी हुई क्या कुछ नया नहीं है यह! पुलिस तो सही करने लगी, खुद के लोगों ने मिलीभगत का आरोप लगाया, तो पुलिस को गलत साबित करनी पड़ी?

करणी सेना की मांगें व्यर्थ हैं ये! हमारी सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है, बस लाठीचार्ज करना और खुद को मजबूत रखना। भोपाल में प्रदर्शन की बात सुनकर तो मुझे लगता है यहां पर कुछ बदलाव आने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा की बात समझ में नहीं आती, पुलिस को निलंबित करना और फिर भी खुद को मजबूत रखना। यहां पर कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे हमारी सरकार सुनने लगे।
 
अरे यार, यह जानकारी देखकर शर्मिंदा महसूस हो रहा है। कलेक्टर और एसपी निलंबित करना एक बड़ा कदम है, लेकिन पुलिस पर आरोप लगाना भी बहुत ही गंभीर मामला है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ, पुलिस ने पहले से ही लाठीचार्ज किया और चार कर्मचारी गिरफ्तार हो गए, तो फिर ये मिलीभगत का आरोप लगाना क्यों? यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष भी कह रहे हैं कि अगर जरूरत पड़े तो भोपाल को नेपाल बनाने की बात कह रहे हैं। बहुत भारी स्थिति हो गई है। मुझे लगता है कि इन लोगों को फिर से विचार करने की जरूरत है।
 
बोलते बोलते यह देश कैसा होता जा रहा है? कलेक्टर और एसपी को निलंबित करने में परेशानी तो नहीं हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शनों में लाठीचार्ज किया गया, चार कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए... यह तो समाज में निश्चित रूप से नशा देने जैसी है। पुलिस को जब तक विनम्र अपील करनी पड़ती है, तब तक जरूरत नहीं पड़ती कि भोपाल को नेपाल बनाना पड़े। यह आंदोलन शुरू हुआ, अब तो हर दफा सड़कों पर उतरना पड़ता है। क्या सरकार तैयार है?
 
मुझे यह पूरा मामला थोड़ा अजीब लग रहा है 🤔, तो क्या मिलीभगत कैसे हुई? और अगर ऐसा हुआ तो इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसका नाम क्यों नहीं पड़ रहा?

और प्रदेश अध्यक्ष जी की बात सुनकर लगता है कि वे बहुत परेशान हैं 🤕, चेतावनी देना और फिर भी ऐसा होना तो समझ में नहीं आता। लेकिन अगर उनकी मांगों को सीएम हाउस में सौंपने में मदद करने की बात सच है तो यह अच्छा होगा।

मैंने भोपाल जाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि वहाँ बहुत उतार-चढ़ाव 🌪️, मुझे लगता है कि मेरी गाड़ी चलाने की कोशिश करना भी अच्छा नहीं होगा।

क्या यह पूरा मामला सिर्फ एक छोटा सा दुर्घटना था या इसके पीछे कुछ बड़ा सबक था? 🤔
 
बोलते हैं दिवालिया पुलिस 🚔, कलेक्टर और एसपी निलंबित होने चाहिए। माफ़ कीजिये, लेकिन यह तो आंदोलन की शुरुआत है, तो चलिए पहले आरोपियों को पकड़ने पर ध्यान दें। मैंने भी कल से 18 लाख रुपये चोरी हुई थी, तो मुझे बेहद असहज महसूस हुआ। 🤯
 
बड़े बड़े लोग फंस गए, यह देखकर खेद महसूस होता है 🤦‍♂️। एक ओर कलेक्टर और एसपी को निलंबित करने की बात सुनकर अच्छी लगती है, लेकिन दूसरी ओर माफ कर देने का भी प्रयास करना पड़ रहा है। ऐसे में मैंने सोचा कि अगर मांगें ठीक हैं, तो इन्हें सीएम हाउस में रखना चाहिए। लेकिन दूसरी ओर कलेक्टर और एसपी को निलंबित करने की बात सुनकर फंस गए, यह अच्छा नहीं लग रहा है 🙅‍♂️
 
वाह, यह तो बहुत बड़ा विवाद हुआ है! कलेक्टर और एसपी पर निलंबन का मांग करने की बात, यह कितनी देर से चली आ रही थी, अभी तक नहीं बदली थी। और अब भोपाल में बड़ा प्रदर्शन तो हुआ ही गया, और पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो चार कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, संगठनों को अपनी मांगें साफ-साफ कहकर प्रदर्शन करना चाहिए, न कि विनम्र अपील करके तो कुछ नहीं होता।
 
दिल्ली की गंदगी छोड़ दो, अपने घरों की साफ-सफाई करो। यही हमारी आजादी की सफाई है। कलेक्टर और एसपी खुद भी आंधी में पड़ गए। निलंबित होना अच्छा विकल्प था, लेकिन उन्होंने अपने अधिकारों का सामना किया। अब उनके पीछे कहीं तो छापा होगा।
 
मैंने आज भोपाल जाने का फैसला किया ताकि मैं अपने प्यारे पदाधिकारियों से मिल सकूँ। यह आंदोलन बहुत ही मजबूत है और मैं उनकी बाकी 14 मांगों पर भी देखूँगा। जो 18 लाख रुपये की ठगी हुई थी, वह तो बस इतना सी है। हमें उन्हें अपने पास मिलना चाहिए। मैं उनकी मांगों को समझने की कोशिश करूँगा।

मुझे खेद है कि पुलिस ने विरोधियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह तो बहुत ही गलत है। हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। मैं उनके साथ खड़ा हूँ।

मुझे लगता है कि पदाधिकारियों को विजय प्राप्त करने की जरूरत नहीं है। हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। मैं उनकी मांगों को सीएम हाउस में देखने के लिए तैयार हूँ। यह आंदोलन बहुत ही मजबूत है और मैं इसका समर्थन करूँगा। 🙌💪
 
अरे, यह कलेक्टर और एसपी को निलंबित करना चाहिए। पुलिस भी सही तरीके से इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन जरूरत पड़ी तो वे भी थोड़े कड़वे होने की सजा का सामना करें। इसके अलावा, पुलिस ने बिल्कुल सही काम किया था जब उन्होंने आरोपियों को पकड़ने के लिए।
 
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