लंबी लाइनें, भरी ट्रेनें, लोग बोले- वोट से जवाब देंगे: छठ पूजा के लिए बिना सीट बिहार का सफर, क्या चुनाव में दिखेगा गुस्सा

कांग्रेस नेताओं ने वीडियो पोस्ट करते हुए सवाल किया, 'कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें। क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं।'
 
नमूना व्यक्ति की बात लेना मुश्किल लग रहा है - रेलवे सेवाएं पैदल कर दी गई हैं! 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हों? यह तो योजनाबाजी से कहीं ज्यादा है।

रेलवे का खर्च सबके बैलेज पर चल रहा है - मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई... सभी शहरों में लोग खुद को नुकसान पहुंचाकर, अपने घरों से जाने के लिए पैदल कर दिया गया है।

अगर हमारी सरकार खुशी दिलाने के लिए सोचती है तो खुशी से सोचें - एक प्लेटफॉर्म पर 10,000 लोगों को एक-एक करके उतरना पड़ता है। यह एक बड़ा जिम्मेदारी है, लेकिन मुझे लगता है कि इस बात पर ध्यान न दिया गया है।
 
मुझे यह सवाल लगा कि कोई ऐसा प्रश्न कैसे कर सकता है जब स्टेशन पर दुकानें बंद हो रही हैं... मेरी बहन की दुकान भी कुछ दिन पहले बंद हो गई थी, फिर क्यों? मुझे लगता है कि हमारी सरकार जैसे स्टेशन पर विकास के काम करने की ताकत नहीं है। मैंने अपने गाँव में एक छोटा सा प्रस्ताव बनाया था, जिसमें हमें नया स्कूल खोलना चाहिए, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ।
 
यह तो एक बड़ा सवाल है... क्या भारत सरकार की ओर से यह स्वीकृति नहीं की गई कि लोगों के सवालों को ध्यान में रखकर 12,000 स्पेशल ट्रेनों की स्थापना नहीं की जा सकती।

कांग्रेस नेताओं की बात सुनते हुए लगता है कि सरकार द्वारा योजनाएँ बनाई जा रही हैं लेकिन उनकी व्यावहारिकता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कई बार ऐसी होती है जब सरकार के पास ऐसे सुझाव और प्रस्ताव मिलते हैं जो लोगों की जरूरतों को समझने वाले लगते हैं, लेकिन फिर उनका अमल नहीं होता।

इसमें एक बड़ा सवाल उठता है कि सरकार द्वारा लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए क्या किया जा सकता है।
 
🤔 भाई वीडियो देखा तो बहुत ही गंभीर सवाल है। मुझे लगता है कि सरकार को और तेजी से इन ट्रेनों को बनाने पर ध्यान देना चाहिए। ये सवाल इतना भी नहीं पूछता जिससे नेताओं को खेद महसूस कराए, बल्कि यह दिखाता है कि वास्तव में स्थिति बिगड़ रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार इस पर जरूर ध्यान देगी और जल्द से जल्द समाधान निकाले।
 
मुझे लगता है कि यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं थोड़ा संदेह महसूस कर रहा हूँ। 12,000 स्पेशल ट्रेनें तो सचमुच एक बड़ी संख्या है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें पहले उन्हें कैसे उपयोग करने की योजना बनानी चाहिए। हमारे देश में रेलवे नेटवर्क बहुत विकसित नहीं हुआ है, इसलिए मुझे लगता है कि इन ट्रेनों को सही तरीके से लागू करने में समय और प्रयास लगेगा।

इसके अलावा, मुझे लगता है कि सरकार ने इस पर अच्छी योजना बनाई है, लेकिन हमें यह देखने की जरूरत है कि इन ट्रेनों से वास्तव में कैसे फायदा होगा। हमें उन्हें कैसे उपयोग करना है, उन्हें कहाँ रखा जाना है, और उन्हें कैसे रखरखाव किया जाएगा - ये सब सवालों पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
 
मुझे बहुत दुख हुआ कि रेलवे पर हो रही चपेट में आ जाने वाले लोगों का सही स्वागत नहीं कर पाया जा रहा है। 12,000 स्पेशल ट्रेन ये कुछ भी नहीं है जब तक हमारे देश को उन्हें भरपूर रूप से उपयोग करने की बजाय वे खराब हालात में फंसने वालों को बचाने का प्रयास नहीं किया जाए। 🚫

मेरा ये मनna hai ki हमें इन ट्रेनों को एक अच्छा स्वागत करना चाहिए और उन्हें वैसी ही बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए, जिस से देश में भ्रष्टाचार कम निकले, ताकि हमारे युवाओं को निराशा होने की जगह कोई अच्छा मौका मिले।

उसकी बजाय इन ट्रेनों पर निजी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए शुल्क लगाने की बात कुछ नहीं कुरूप है। यही देश को चांगला बनाने का रास्ता तो निकलेगा।
 
मुझे ये देखकर बहुत खेद हो रहा है कि हमारे देश में भ्रष्टाचार फैल रहा है, लेकिन यह सच है कि सरकार द्वारा शुरू की गई स्पेशल ट्रेन योजना का क्या मकसद था। तो क्या वास्तव में 12,000 स्पेशल ट्रेनें कोई जगह नहीं परोस रही हैं? ये सवाल निकलना सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए होने की संभावना है।
 
😐 ये देखकर मुझे बहुत थोड़ा दुख हुआ, तो हमारे देश में अभी भी इतनी गरीबी क्या कर लेती है। 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं? निकाल लीजिए और शामिल करें, तभी ये सवाल समाधान पा सकते हैं। 🚂

पहले से जो सोचते थे कि व्यवस्था ठीक है, अब देख रहे हैं कि हर साल ही गड़बड़ी और बढ़ती बुराई। क्या हमारी सरकार को यह नहीं पता कि ये कैसे प्रभावित कर रहा है? 🤔
 
मुझे लगा कि ये देखकर बहुत दुःख होगा। लोगों को बस यही पता नहीं चाहिए, कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां और कब तैयार हैं। क्या हमें यह जानने की जरूरत नहीं थी, कि बीजेपी सरकार ने विशेष रूप से इस मुद्दे पर ध्यान दिया है? लेकिन, लगता है कि सरकार और कांग्रेस भी एक-दूसरे को आचरण में देखना पसंद करते हैं। 🤦‍♂️

हमें अपनी समस्याओं के साथ-साथ इसके समाधान की भी तलाश करनी चाहिए। तो अगर सरकार को पता नहीं है तो हमें यह जानने की जरूरत नहीं है। बस इतना कहना चाहिए, 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां और कब तैयार हैं। लेकिन, दुःख की बात कुछ और है, ये सवाल हमें यह नहीं बताता कि आगे क्या होगा। 🚂
 
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