मानसून विदा, फिर कहां से आ गई इतनी बारिश: अगले 4 दिन में 15 राज्य भीगेंगे; बेमौसम बरसात का फसलों और सर्दी पर क्या असर

उत्तर भारत में सोमवार को 15 राज्यों में बेमौसम बरसात का दर्ज हुआ है।

देश भर में पिछले 24 घंटों में देश के 14 से ज्यादा प्रदेशों में हल्की, मद्धम या भारी बारिश हुई है। इनमें गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश शामिल हैं।

26-27 अक्टूबर को इन सभी 15 राज्यों में तेज बारिश दर्ज की गई। कर्नाटक में तमिलनाडु और ओडिशा के कई इलाकों में 7 सेमी या उससे ज्यादा बारिश हुई। गुजरात, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में भी तेज बारिश का दौर चल रहा है।

जानकारी के अनुसार देश भर में 90% से अधिक इलाकों में बादल छाए हैं या हल्की सी मद्धम बारिश हो रही है।
 
ये तो बस बड़ा-बड़ा मौसम बदल गया है 🌪️😱। पिछले कुछ दिनों से बीता नहीं था कि बारिश से सबकुछ खुश हुआ था, और अब फिर से ये तो 15 राज्य में बरसात की चर्चा कर रहे हैं। मैं कहूँगा कि ये तो बस भारतीय मौसम की तरह ही है 🤣। कभी-कभार बड़े-बड़े बदलाव आते हैं, और खैर कुछ हल्का-फुल्का बारिश भी अच्छा लगता है। लेकिन 26-27 अक्टूबर में तेज़ बरसात तो कुछ अलग ही परिस्थितियों से जुड़ी हुई होगी। 🤔
 
बात बात में तो लोग कहते हैं कि ये देश नशीब से चलने वाला है 🌪️, पर अंततः यह तो हमारे गुरु-गुरु से निकलने वाली बात है। क्योंकि जब भी चीजें खराब होती हैं तो लोग एक दूसरे को दोष देते हैं। मुझे लगता है कि सरकार अच्छी तरह से तैयार नहीं थी, फिर बेमौसम बरसात का इस्तेमाल करके उन्हें ठिकाना बताया जा सकता था।
 
बस बात करते रहते है तुम, ये भारी बरसात कौन देख रहा था? 🌨️ आंधी और तूफान में कई जगहों पर बहुत बड़ी समस्याएं हो रही हैं। मेरी राय में 15 राज्यों में बेमौसम बरसात के कारण पूरा उत्तर भारत धक्का आ गया है। तेज बारिश और हवाओं से बहुत सारे इलाके जले गए या तबाह हो गए।
 
बात तो यह है कि उत्तर भारत में सोमवार को बेमौसम बरसात का दर्ज हुआ है, और पिछले 24 घंटों में देश भर में कई राज्यों में हल्की या मधम बारिश हुई है। यह तो एक आम बात है कि अक्टूबर महीने में दिल्ली जैसी पहाड़ी इलाकों में वर्षा तेज होती है, लेकिन राज्यों में भी इस तरह से बरसात होना अच्छा नहीं है।

मैंने सोचा कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में 7 सेमी या उससे ज्यादा बारिश हो गई, तो यह अच्छा है कि वहाँ पेड़-पौधों के लिए पानी कम नहीं आया। लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में भी तेज बारिश का दौर चल रहा है, तो यह अच्छा है कि वहाँ के लोगों को खेती करने के लिए समय मिल गया।
 
बेमौसम बरसात ने फिर से उत्तर भारत को जालिम कर दिया 🌨️। मुझे लगता है कि प्रदेशों की जल संचयन क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि आगे ऐसी बारिश का सामना करने की जरूरत न हो। जल संचयन और उपयोग की शिक्षा भी लोगों में फैलाने की जरूरत है। और सरकार को प्रदेशों के बीच जल आपूर्ति को व्यवस्थित करने की जरूरत है ताकि एक तरफ से निरंतरता बनी रहे।
 
ये तो अच्छा कुछ है! न जाने कितने दिन बाद भी लोग खुश हुएँगे। पिछले 24 घंटों में कोई फर्क नहीं पड़ा। अब क्या हुआ? तेज बारिश और फिर से चक्कर में आ गए। इन 15 राज्यों को तो पहले से ही बीमारियाँ थीं। अब भीषण बारिश से ज्यादा कुछ नहीं बदलेगा।
 
🌨️ इस बेमौसम बरसात के मामले में मुझे लगने वाली पूरी बुराई नहीं लगती, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। जैसे कि यह तेज़ बारिश कहाँ से आ रही है? और क्या यह देश की जल संसाधनों पर कितना दबाव डालेगी? मुझे लगता है कि सरकार ने अच्छे प्लान बनाए हुए होंगे, लेकिन हमें अपनी जल व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने का ध्यान रखना चाहिए।

कुछ राज्यों में ऐसे इलाके भी हैं जहाँ बारिश की जानकारी नहीं है, और यह उन लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। मुझे लगता है कि हमें इन इलाकों में मदद करनी चाहिए, ताकि वे अपने घरों से बाहर निकल सकें।

अगर सब अच्छाई होती, तो यह बेमौसम बरसात हमारे लिए एक बड़ा फायदा भी हो सकता है। जैसे कि फसलें बढ़ने के लिए और पेड़ों को पानी मिले। लेकिन हमें अपनी जरूरतों से पहले उसकी गणना करनी चाहिए।
 
बेटा, यह तो बहुत बड़ा विजयासेन हुआ है 🌂️! पूरे उत्तर भारत में गोल्डन ड्रॉप्स की तरह बरस रहा है, लेकिन फिर भी हमारी देश की सड़कें और गलियाँ अभी तक तैयार नहीं हो पाई हैं। मुझे लगता है कि ये तेज बारिश कुछ महीनों के लिए जारी रहेगी, इसलिए सड़कों की मरम्मत करने वाले लोगों को भी तैयार रहना चाहिए।
 
बात तो बहुत रूखी है 🌂️, सोमवार को इतनी बारिश क्या कर दिया? मुझे लगता है कि इसे लेकर सबकुछ जल्दी से ठीक होना चाहिए, खासकर अगर मौसम विज्ञानियों को लगता है। हमें अपने घरों में पाई हुई बारिश की देखभाल करनी चाहिए और आगे की तैयारी करें।
 
Back
Top