मुरादाबाद के रेस्टोरेंट में 5 सिलेंडर फटे, महिला की मौत: भीषण आग से घिरे लोग, 10 झुलसे; पहली मंजिल की खिड़की तोड़कर कूदे - Moradabad News

मुरादाबाद में रेस्टोरेंट में हुई आग से 10 लोगों की जान गुजर गई है। 56 वर्षीय महिला माया श्रीवास्तव भी इसमें अपनी जान खो गई थी।

आग लगने के बाद रेस्टोरेंट की सभी खिड़कियां तोड़कर लोग निकल आए। इसके बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर नियंत्रण पा लिया। जिन लोगों को सीवेज और ड्रेनेज में झुलसने का डर था, उनकी मदद कराने के लिए पुलिस ने लोगों को पकड़कर बाहर निकाला।
 
आग लगने की चोट बहुत ज्यादा हुई, खास तौर पर देश में ऐसा सूना स्थान जहां लोग अपनी जिंदगी को इस तरह से जीने की उम्मीद कर रहे थे।

आग लगने से जिन लोगों की जान गई, उनके परिवार और दोस्तों को बहुत दर्द हुआ होगा। मैं उनकी शांति और पीड़ा की कल्पना नहीं कर सकता। आग के बाद की स्थिति में लोगों को मदद करने वाले पुलिस और फायर ब्रिगेड ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन ऐसी जगहों पर सीवेज और ड्रेनेज की समस्याओं को हल करने से पहले आग लगने में कुछ भी बदल नहीं होगा।

मैं उन लोगों को याद करता हूं जो ऐसे व्यवसाय चलाते थे जिन्हें जल्दी से पानी और हवा मिलें, लेकिन अब उनकी जगह ऐसे रेस्टोरेंट खुल रहे हैं जहां आग लगने का खतरा अधिक है।
 
जल्द ही ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए 🤕, कोई भी घटना जैसी हमेशा सोचते रहते हैं... आग लगने पर लोगों को अपनी जान निकालनी पड़ी तो यह तो बहुत दर्दनाक है... मुरादाबाद में तो पहले से ही लोगों को कई तरह की समस्याएं किस्सी चीज़ नहीं लग रही थी, अब ऐसा होना बिल्कुल सही नहीं है।
 
🤕 यह तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि रेस्टोरेंट में आग लगने से इतनी जान गई। मैं बस सोचता था कि फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में उस पारंपरिक दुकान पर आग लगने की बात होती है, लेकिन वास्तविकता तो और भी दुखद है। सीवेज और ड्रेनेज में झुलसने का डर इतना बढ़ गया था कि लोग ने अपने घरों से भागना शुरू कर दिया। ऐसे में पुलिस की बात समझी जानी चाहिए। हमें तो यह सोचकर ही रहना चाहिए कि आग लगने के बाद लोगों को सहारा और मदद मिले।
 
यह तो बहुत ही दुखद खबर है 🤕। मुरादाबाद में आग लगने से जिन लोगों को भारी नुकसान हुआ, उनके लिए यह एक बहुत बड़ा झटका होगा। और सबसे खेद करने योग्य बात यह है कि इतनी दुर्घटना में 10 लोगों की जान गुजर गई है।

यह तो आग लगने के बाद जैसे ही सबकुछ साफ होता है, हमें अपनी सुरक्षा और सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मैं शायद इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हमारे पास मौजूद उपायों और सुधारों पर बात करना चाहूंगा।
 
तो यह तो बहुत ही दुखद घटना है... कुछ लोगों की जिंदगी समाप्त हो गई, यह तो बहुत ही दुखद है। लेकिन फिर भी, आग लगने के बाद रेस्टोरेंट की सभी खिड़कियां तोड़कर निकलना? यह तो क्या सोच रहे थे? कुछ लोगों को सीवेज और ड्रेनेज में झुलसने का डर था, उनकी मदद कराने के लिए पुलिस ने लोगों को पकड़कर बाहर निकाला, यह तो अच्छी तरह से हुआ, लेकिन फिर भी, आग लगने के बाद इतनी जल्दी निकल जाना? यह तो बहुत ही अजीब है।
 
🤕 यह तो बहुत बड़ा दुर्घटना हुआ 🚒 आग लगने से जान जूझ गई, मेरे मन में तो शायद ही कोई अच्छा विचार आ रहा है। रेस्टोरेंट में इतनी भीड़ हुई थी, लोगों की जिंदगी क्या होती है? मैं सोचता हूँ कि अगर वह महिला तो अपने परिवार को फोन कर देती, उनकी जान बच जाती। मुझे लगता है कि रेस्टोरेंट में सीवेज और ड्रेनेज की समस्या तो बहुत बड़ी है, लोगों को पता नहीं होता कि हमारी दुनिया भी छोटी है।
 
आग लगने वाली जगह पर जाकर देखा गया तो बहुत भयानक सीन देखने को मिला 😱। क्या यह सब नहीं हो सकता था अगर रेस्टोरेंट की सफाई ठीक से न होती? जैसे कि ड्रेनेज और सीवेज की समस्याएं क्यों बढ़ गईं, यह बात समझ में नहीं आई। लोगों को तोड़ी-मोड़ी खिड़कियां निकालना भी एक बहुत बड़ा जोखिम था, इसे देखने से दर्द हुआ 🤕। फायर ब्रिगेड ने जल्दी आkar आग पर नियंत्रण पाया तो दिल को राहत मिली।
 
मुरादाबाद में हुई आग की घटना से लोगों को बहुत दुख हुआ है। तो यह सवाल उठता है कि रेस्टोरेंट में आग लगने पर कहाँ जिम्मेदारी है? क्या यह सरकार, शहर के प्लानिंग बोर्ड या सीवेज-ड्रेनेज विभाग की नीतियों की गड़बड़ी हुई?

मुझे लगता है कि आग लगने के बाद तुरंत लोगों को बाहर निकालने में पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही। लेकिन सीवेज और ड्रेनेज में झुलसने वालों की मदद कराने के लिए, सरकार को अपनी नीतियों को तुरंत सुधारने की जरूरत है।
 
अगर तुम्हारा रेस्टोरेंट आग लग जाए तो उसकी सब्सिडी देने वाले सरकारी स्कीम्स क्या हैं? यही सवाल मुरादाबाद के इस दुखद घटना के पीछे एक बड़ा रहस्य हो सकता है #दुखदघटना
मेरे मतभेद में तुम्हारे सरकार से दोस्ती करने वालों का स्थान नहीं है, लेकिन अगर आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड ने जल्दी से आग पर नियंत्रण पा लिया, तो यह अच्छी बात है #फायरब्रिगेड
मुरादाबाद में जिन 10 लोगों की जान गई, उनके परिवारों को सरकार द्वारा सहायता और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए #न्यायभाई
आग लगने वाली जगह पर तेज राहत कार्रवाई होनी चाहिए, न कि लंबे समय तक खिड़कियों को तोड़कर लोगों को बाहर निकालना #राहतकार्रवाई
 
😔 यह तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है... मुरादाबाद में ऐसी चीजें कभी नहीं होनी चाहिए। रेस्टोरेंट में आग लगने से 10 लोगों की जान जा गई, यह बहुत दुखद है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि आग लगने के बाद रेस्टोरेंट की सभी खिड़कियां तोड़कर निकल आए... यह हमारे भविष्य के लिए खतरा है। और पुलिस ने लोगों को पकड़कर बाहर निकालने का काम भी किया, जिससे सीवेज और ड्रेनेज में झुलसने वालों की मदद नहीं कर सके। तो हमें ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए एक साथ आमने-सामने चलना होगा। 🚒👮‍♂️
 
🤕 यह तो बहुत दुखद है मुरादाबाद में आग लगने से 10 लोगों की जान गुजर गई। मुझे लगता है कि रेस्टोरेंट में आग लगने के बाद सबसे पहले मदद करनी चाहिए थी, न कि खिड़कियां तोड़कर लोग निकलना। और पुलिस को भी अपना काम ठीक से करना चाहिए, लोगों को पकड़कर बाहर निकालने के बजाय उन्हें मदद करनी चाहिए थी।

मुझे लगता है कि ऐसे दुर्भाग्य से कभी भी जान नहीं मिलती है। आग लगने से पहले रेस्टोरेंट की सेवेन्सी सिस्टम पर नज़र रखा जाना चाहिए था, ताकि इससे ऐसा न हो।
 
बुरी तरह से आग लगने का मामला तो हुआ, लेकिन जिंदगी में ऐसे भी कई अनजाने खतरे। पुलिस और फायर ब्रिगेड का सहारा लेने की बात तो अच्छी है, लेकिन सीवेज और ड्रेनेज की समस्याओं का समाधान निकालना थोड़ा मुश्किल है… 🤔

किसी भी तरह, मैंने अपने बच्चों को हमेशा आग्नेयास्त्रों से दूर रहने की बात कही है, लेकिन आजकल के रेस्टोरेंट में आग लगने की बात तो सचमुच है चिंताजनक… 🚒
 
🤔 बहुत दुखद यह घटना हुई है, आग लगने से इतने लोगों की जान जा गई तो ये बहुत भयावह है . मैं समझता हूँ कि लोगों को घर और बाहर की सुरक्षा की जरूरत होती है। सीवेज और ड्रेनेज प्रणाली अच्छी नहीं होनी चाहिए। फायर ब्रिगेड ने जल्दी आकर आग पर नियंत्रण कर लिया, लेकिन इतने लोगों की जान गुजर गई तो बहुत दुख है।
 
😔 मुरादाबाद में आग लगने वाला यह रेस्टोरेंट बहुत ही दुखद घटना है। मेरा मन तो बहुत जीता है कि इतने से लोगों की जान चली गई। आमतौर पर या फिर नियंत्रण में रखने की कोशिश कर लेती हैं आग वाली, लेकिन आज की इस घटना में आग लगने वाले रेस्टोरेंट को नियंत्रित करने में असमर्थता दिखाई दी। पुलिस ने भी लोगों को पकड़कर बाहर निकालने में मदद करानी थी, लेकिन सीवेज और ड्रेनेज की समस्या को देखते हुए उन्हें पहले से ही बहुत काम करना पड़ रहा है।
 
इस दुनिया में ऐसी तो बहुत सारी बातें होती हैं जो हमें रुकने पर मजबूर करती हैं। आजकल की फिल्में और टीवी शोज में आग लगने वाली कहानियां बहुत ही दिलचस्प लगती हैं, लेकिन जब ऐसा कुछ हासिल होता है, तो हमें समझने के लिए भी बाध्य करता है।

मुरादाबाद में रेस्टोरेंट में आग लगने से 10 लोगों की जान गई है... यह बहुत ही गंभीर और दुखद घटना है। पुलिस ने लोगों को पकड़कर बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन उनकी मदद करने में भी कई सारे लोग शामिल थे।

इस तरह की घटनाएं हमें कभी-कभी सोचने पर मजबूर करती हैं कि आग लगने वाली जगहों को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, और लोगों की मदद करने में हमारी भूमिका क्या है।
 
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