Maharashtra: 'भारत माता को लूट रहे...वंदे मातरम कहने का अधिकार नहीं', इन मुद्दों पर ठाकरे ने फिर भाजपा को घेरा

महाराष्ट्र के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार से सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझकर नुकसान के पंचनामे में देरी कर रही है।

उन्होंने कहा है कि किसानों को राहत पैकेज का लाभ नहीं मिल रहा। उन्होंने सरकार से कहना चाहिए कि क्या उन्होंने नुकसान का सर्वे किया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग भारत माता को लूटने का काम कर रहे हैं, उन्हें वंदे मातरम कहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने पुणे लैंड डील पर भी हमला बोला, जिसमें कहा गया है कि इस मामले में जनता के पैसे की और देश की है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने एमएसपी पर खरीद का एलान किया था, लेकिन खरीद केंद्र बहुत देर से खुले।

उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनमें कार्रवाई करने का साहस नहीं है। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक देश को अपने शासन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सरकार को अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

उन्होंने भाजपा को बताया है कि पार्टी साधारण किसानों पर बोलने का अधिकार नहीं रखती। उन्होंने कहा है कि भाजपा नोटबंदी की याद दिलाते हुए कह रही है, लेकिन वो अपने कुछ मामलों में भ्रष्टाचार राज करती है।
 
वाह! यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 🤯 महाराष्ट्र में सरकार के पास तो सब कुछ है, लेकिन किसानों की बात करने से बचना नहीं चाहती। शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि उन्हें तो अपने नागरिकों की जरूरत को समझने में भी देरी कर रही हैं। यह सच है, जैसा कि हमारे पूर्व में कोई बात नहीं किया गया, लेकिन अब किसानों की आवाज सुनने की जरूरत है। सरकार ने एमएसपी पर खरीद का एलान किया था, लेकिन खरीद केंद्र बहुत देर से खुले। यह तो एक बड़ा धोखा है हमारे किसानों को।
 
बिल्कुल सही कहा गया है! सरकार तो ऐसी भी नहीं लगती, जो खुद किसानों के साथ समझौता करे। फडणवीस सरकार को तो पुणे लैंड डील पर अपनी बात रखनी चाहिए, क्योंकि वह और देश के नागरिकों का खर्च है। उद्धव ठाकरे जी बिल्कुल सही कह रहे हैं, किसानों को राहत पैकेज में लाभ नहीं मिल रहा, यह एक बड़ा मुद्दा है।

और भाजपा पर भी उनकी आलोचना सही है, वो नोटबंदी की बात करती है, लेकिन अपने अंदर भ्रष्टाचार राज कर रही है। सरकार और पार्टी दोनों एक साथ मिलकर किसानों की मदद करनी चाहिए, नहीं तो वोटों पर आधारित राजनीति का खेल खेलने लगेगी।
 
मुझे लगता है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार पर सच्चाई कह दी है। लेकिन मेरा सवाल यह है कि सरकार क्या जवाब देगी। मुझे लगता है कि फडणवीस मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को बहुत कमजोर कर दिया है, और अब उन्हें इस समस्या से निपटना होगा। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या वास्तव में सरकार किसानों को धोखा दे रही है, या फिर यह एक बड़ा राजनीतिक खेल है। 🤔
 
बड़े बड़े देश, छोटे छोटे नुकसान 🤦‍♂️। यह सच है कि किसानों का साथ हमेशा सरकार का पहला व्यक्ति बनना चाहिए। लेकिन फिर भी देख रहे हैं कि सरकारें क्या कर रही हैं। नुकसान के पंचनामे में देरी करना कुछ और नहीं है।

अगर हम अपने देश को बचाना चाहते हैं, तो हमें अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। सरकारों को यह सीखना चाहिए कि जनता के पैसे का सबसे बड़ा इस्तेमाल जनता की सेवा में होना चाहिए।

जिस सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया, उसे भ्रष्टाचार राज करने का ज्यादा नहीं काम आना चाहिए।
 
🙄 सरकार तो फिर से एक ही गलती कर रही है किसानों का धोखा देने का। पुणे लैंड डील में जनता के पैसे का व्यापार करने का यह रुख साफ़ है। सरकार को तो एक बार समझनी चाहिए कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी है, लेकिन भाजपा ने ये सब खुद के मकसद के लिए कर दिया है। जानबूझकर नुकसान के पंचनामे में देरी करके सरकार तो अपनी मूर्खाई को और बढ़ा रही है 🤦‍♂️
 
वाह, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है! सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है, यह तो सच है। मैंने खेतों में जाकर देखा है कि कैसे लोगों को अपने फसलों को बेचने के लिए नहीं कह पाते। और जब वे सरकार से बोलते हैं तो कोई सुनता भी नहीं। यह तो बहुत शर्मिंदगी है।

और पुणे लैंड डील पर, यह तो एक बड़ा घोटाला है। जनता के पैसे की और देश की! यह तो माफ़ नहीं होगा। सरकार ने एमएसपी पर खरीद का एलान किया था, लेकिन खरीद केंद्र बहुत देर से खुले। यह तो बिल्कुल गलत है।

मुख्यमंत्री फडणवीस पर, वह तो कोई देशभक्त नहीं हैं। उन्हें अपने नेतृत्व की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। और भाजपा को, वह तो साधारण किसानों पर बोलने का अधिकार नहीं रखती। उन्हें अपने कुछ मामलों में भ्रष्टाचार राज करने से रोकना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार पर बहुत सख्त सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है, जो एक बहुत बड़ी बात है। लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने अपने हमले में थोड़ा भी विवरण नहीं दिया है। उदाहरण के लिए, जब सरकार ने एमएसपी पर खरीद का एलान किया था, तो वह क्या था? और खरीद केंद्र कितने देर से खुले?

इसके अलावा, मुझे लगता है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बहुत अधिक आलोचना की है, लेकिन उनकी अपनी सरकार भी थोड़ी भ्रष्टाचार में नहीं रही? यह एक अच्छा सवाल है कि क्या हम अपनी सरकार और पार्टियों पर अलग-अलग आंकड़े देते हैं।

🤔
 
😡 ये फडणवीस सरकार तो किसानों से पैसा उधार लेती है और उनसे नुकसान का सर्वे करने का मौका देती है, लेकिन वो अपने करोड़ों रुपये का खर्चा चुकाती है। शिवसेना जी बिल्कुल सही कह रहे हैं कि सरकार ने किसानों को राहत पैकेज में से कुछ नहीं मिला। तो फिर वो सवाल उठाएं कि क्या वो लोग वास्तव में हमारी देशभक्ति करते हैं? 🤔
 
Back
Top