मरांडी के बेटे-भाई के हत्यारे नक्सली की पत्नी का कबूलनामा: जमीन के बदले मुझे उठा लिया, बच्चों से कहा- नक्सली मत बनना

मैंने पढ़ा है कि सहदेव सोरेन पर नक्सली बनने के बाद उनके बच्चों को रोकने की कोशिश करते देखा गया था। मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद है। मैं उनकी माँ पार्वती से सहानुभूति करना चाहता हूँ। मेरे भाई ने मुझे बताया है कि मेरी बहन ने पहले से ही अपने पति से तलाक लेने का फैसला कर दिया था। मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन को अपने बच्चों की परवरिश करने का मौका नहीं मिला। यह बहुत दर्दनाक है।
 
अरे, यह तो बहुत ही दुखद और रूखद स्थिति है। मैंने पढ़ा की सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने का प्रयास किया था। लेकिन फिर भी उन्हें जेल में रख दिया गया और उनकी मौत हो गई। यह तो बहुत ही शर्मिंदगी है की पुलिस ने उनकी इस बात को नहीं समझा।

मुझे लगता है कि सरकार को अपने नागरिकों के जीवन को और भी सावधानी से देखनी चाहिए। लेकिन यह तो एक बड़ा मुद्दा है, हमें इस पर और विस्तार करने की जरूरत नहीं है।
 
🚨 सहदेव सोरेन की कहानी बहुत दुखद है। मुझे लगता है कि पुलिस ने गलत तरीके से उन्हें नक्सली बनाया हुआ। सहदेव ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उनकी यह इच्छा नहीं मानी। 🤕

मुझे लगता है कि सरकार ने सहदेव को मारने का फैसला किया ताकि वह अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोक सके। लेकिन सच्चाई यह थी कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था। 🙏

मुझे लगता है कि पुलिस ने सहदेव की पत्नी पार्वती को भी धोखा दिया है। वह दोनों शादी में गए, लेकिन सहदेव ने अपने बच्चों की परवरिश करने का फैसला किया। 🤔

इसीलिए, मुझे लगता है कि पुलिस ने गलत तरीके से सहदेव सोरेन को नक्सली बनाया हुआ और उनकी मौत को एक मुठभेड़ के रूप में दिखाया है। सच्चाई यह है कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था। 💔
 
मुझे लगता है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन को मारकर बस अपने छात्रा के रूप में अपने खिलाफ मामले बनाने का तरीका दिखाया है। लेकिन सच्चाई यह है कि ये मामला एक बड़ी चाल थी। मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन ने पुलिस पर बहुत सारी चेतावनी दी थी, लेकिन वे नहीं माने।

अब जब हम तो जानते हैं कि यह एक बड़ा गेम था, तो मुझे लगता है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन को मारने का फैसला किया है। और इसका मतलब है कि वे अपनी सफलता का प्रमाण दिखाने के लिए एक बड़ा मामला बनाने की कोशिश कर रहे थे।

लेकिन मुझे लगता है कि सच्चाई यह है कि सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था। और इसीलिए, पुलिस ने उसे मारकर बस अपनी सफलता का प्रमाण दिखाने का तरीका बनाया है।
 
बिल्कुल अरे, ये तो बहुत दुखद बात है, सहदेव सोरेन को पुलिस ने मार गिराया गया, लेकिन ज्यादा भाई, वह अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था, उनके लिए यह एक बहुत बड़ा नुकसान होगा। 😔 मुझे लगता है कि सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए और सच्चाई पता लगानी चाहिए। इससे पहले कि कोई और व्यक्ति उसकी तरह जाकर अपने बच्चों की परवरिश करे। 🙏
 
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