नीतीश जी को अपमानित करने का फैशन बिहार नतीजों के बाद पीएम मोदी का राहुल-तेजस्वी पर वार!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर कहा है कि इस प्रकार की जीत सिर्फ एक अपमानित नीतीश कुमार के नाम पर नहीं बल्कि विपक्षी महागठबंधन पर भी साबित हुई है।
पीएम मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान देते हुए कहा है कि पिछले दो-तीन वर्षों में आपने बिहार विधानसभा के दृश्य अवश्य देखे होंगे। जिस तरह नीतीश कुमार का अपमान करना एक चलन बन गया था और जिस तरह की भद्दी भाषा का उपयोग किया जा रहा था, वही स्थिति पटना में दिखाई दे रही थी।
पीएम मोदी ने कहा है कि न देश की जनता ऐसी बातों को स्वीकार करती है और न ही बिहार के लोग इसे बर्दाश्त कर सकते हैं। ऐसी कई घटनाएं थीं, जिन्होंने इस चुनाव में उनके प्रति पूरी तरह नफरत का भाव पैदा कर दिया था।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार में हमें ऐतिहासिक विजय मिली है और सूरत से आगे बढ़ते हुए मुझे लगा कि अगर मैं यहां बिहार के लोगों से न मिला, तो ये सफर अधूरा-सा लगेगा। इसलिए मेरे लिए स्वाभाविक है कि मैं गुजरात में, विशेष रूप से सूरत में रहने वाले अपने बिहारी भाइयों और बहनों का अभिवादन करूं और इस विजयोत्सव का हिस्सा बनूं।
पीएम मोदी ने कहा है कि जब बिहार ने 100 वर्ष पूरे किए, तो बिहार में भी इसका उत्सव होना स्वाभाविक था, लेकिन बिहार के बाहर भी, हमने गुजरात में भी पूरे सम्मान और गौरव के साथ बिहार की शताब्दी मनाई। इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई और महागठबंधन की हार, दोनों के वोटों में सिर्फ 10 प्रतिशत का अंतर था। इससे पता चलता है कि आम मतदाताओं का ध्यान सिर्फ एक मुद्दे पर केंद्रित था और वो है विकास।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार में विकास की चाहत हर जगह दिखाई दे रही थी. आज बिहार में विकास की भूख हर जगह दिखाई दे रही है. मुझे याद है कि कैसे कोविड के दौरान देश भर के लोग अपने घरों को लौट रहे थे. उस समय मुझे बिहार के लोगों से बातचीत करने का मौका मिला था और उनमें से कई लोगों ने उस मुश्किल दौर का इस्तेमाल अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में किया. यही बिहार के लोगों की असली ताकत है. आप दुनिया में कहीं भी जाएं, आपको बिहार की प्रतिभा हमेशा चमकती हुई दिखाई देगी।
पीएम मोदी ने कहा है कि हमारा मात्र एक ही मंत्र - नेशन फर्स्ट- पीएम मोदी है। यही मंत्र हमारे लिए हिंदुस्तान के विकास के लिए सबसे उपयुक्त है।
पीएम मोदी ने कहा है कि सूरत में रहने वाले मेरे भाई-बहन इस चुनाव पर कड़ी नजर रखे हुए थे। बिहार के लोगों को राजनीति सिखाने की जरूरत नहीं है. उनके पास दुनिया को राजनीति सिखाने की ताकत है।
पीएम मोदी ने विपक्षी महागठबंधन के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पिछले दो सालों से ये जमानत पर छूटे नेता बिहार में घूम-घूमकर जातिवादी राजनीति का राग अलापते रहे. उन्होंने जाति-भेद का जहर घोलने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इस चुनाव में बिहार की जनता ने उस जहर को पूरी तरह से नकार दिया।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार के सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों के लोगों ने एनडीए को अभूतपूर्व समर्थन दिया. दलितों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में 38, 34 एनडीए विजयी रहा. यह दलित समुदाय की ओर से उन्हें बांटने की कोशिश करने वालों को एक बड़ा झटका है। देश की जनता ने MMC (मुस्लिम लीग माओवादी कांग्रेस) को नकार दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनकी पार्टी क्यों हारा. इसलिए उन्होंने एक आसान बहाना चुन लिया है कि कभी ईवीएम को दोष देते हैं, कभी चुनाव आयोग को, कभी एसआईआर को. बहानेबाजी का यह खेल कुछ दिन तो चल सकता है, लेकिन लंबे समय में उनके कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा है कि मैं जानता हूं कि वे स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत या विकसित भारत जैसे शब्द भी नहीं बोल सकते, क्योंकि उनकी प्राथमिकताएं राष्ट्र नहीं हैं, देश की जनता नहीं हैं. मैं अपने युवा मित्रों से कहना चाहता हूं कि युवा उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे जिनकी सोच युवाओं के उत्थान के लिए नहीं है. इसलिए, मित्रों, बिहार चुनाव के नतीजे भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर कहा है कि इस प्रकार की जीत सिर्फ एक अपमानित नीतीश कुमार के नाम पर नहीं बल्कि विपक्षी महागठबंधन पर भी साबित हुई है।
पीएम मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान देते हुए कहा है कि पिछले दो-तीन वर्षों में आपने बिहार विधानसभा के दृश्य अवश्य देखे होंगे। जिस तरह नीतीश कुमार का अपमान करना एक चलन बन गया था और जिस तरह की भद्दी भाषा का उपयोग किया जा रहा था, वही स्थिति पटना में दिखाई दे रही थी।
पीएम मोदी ने कहा है कि न देश की जनता ऐसी बातों को स्वीकार करती है और न ही बिहार के लोग इसे बर्दाश्त कर सकते हैं। ऐसी कई घटनाएं थीं, जिन्होंने इस चुनाव में उनके प्रति पूरी तरह नफरत का भाव पैदा कर दिया था।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार में हमें ऐतिहासिक विजय मिली है और सूरत से आगे बढ़ते हुए मुझे लगा कि अगर मैं यहां बिहार के लोगों से न मिला, तो ये सफर अधूरा-सा लगेगा। इसलिए मेरे लिए स्वाभाविक है कि मैं गुजरात में, विशेष रूप से सूरत में रहने वाले अपने बिहारी भाइयों और बहनों का अभिवादन करूं और इस विजयोत्सव का हिस्सा बनूं।
पीएम मोदी ने कहा है कि जब बिहार ने 100 वर्ष पूरे किए, तो बिहार में भी इसका उत्सव होना स्वाभाविक था, लेकिन बिहार के बाहर भी, हमने गुजरात में भी पूरे सम्मान और गौरव के साथ बिहार की शताब्दी मनाई। इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई और महागठबंधन की हार, दोनों के वोटों में सिर्फ 10 प्रतिशत का अंतर था। इससे पता चलता है कि आम मतदाताओं का ध्यान सिर्फ एक मुद्दे पर केंद्रित था और वो है विकास।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार में विकास की चाहत हर जगह दिखाई दे रही थी. आज बिहार में विकास की भूख हर जगह दिखाई दे रही है. मुझे याद है कि कैसे कोविड के दौरान देश भर के लोग अपने घरों को लौट रहे थे. उस समय मुझे बिहार के लोगों से बातचीत करने का मौका मिला था और उनमें से कई लोगों ने उस मुश्किल दौर का इस्तेमाल अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में किया. यही बिहार के लोगों की असली ताकत है. आप दुनिया में कहीं भी जाएं, आपको बिहार की प्रतिभा हमेशा चमकती हुई दिखाई देगी।
पीएम मोदी ने कहा है कि हमारा मात्र एक ही मंत्र - नेशन फर्स्ट- पीएम मोदी है। यही मंत्र हमारे लिए हिंदुस्तान के विकास के लिए सबसे उपयुक्त है।
पीएम मोदी ने कहा है कि सूरत में रहने वाले मेरे भाई-बहन इस चुनाव पर कड़ी नजर रखे हुए थे। बिहार के लोगों को राजनीति सिखाने की जरूरत नहीं है. उनके पास दुनिया को राजनीति सिखाने की ताकत है।
पीएम मोदी ने विपक्षी महागठबंधन के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पिछले दो सालों से ये जमानत पर छूटे नेता बिहार में घूम-घूमकर जातिवादी राजनीति का राग अलापते रहे. उन्होंने जाति-भेद का जहर घोलने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इस चुनाव में बिहार की जनता ने उस जहर को पूरी तरह से नकार दिया।
पीएम मोदी ने कहा है कि बिहार के सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों के लोगों ने एनडीए को अभूतपूर्व समर्थन दिया. दलितों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में 38, 34 एनडीए विजयी रहा. यह दलित समुदाय की ओर से उन्हें बांटने की कोशिश करने वालों को एक बड़ा झटका है। देश की जनता ने MMC (मुस्लिम लीग माओवादी कांग्रेस) को नकार दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनकी पार्टी क्यों हारा. इसलिए उन्होंने एक आसान बहाना चुन लिया है कि कभी ईवीएम को दोष देते हैं, कभी चुनाव आयोग को, कभी एसआईआर को. बहानेबाजी का यह खेल कुछ दिन तो चल सकता है, लेकिन लंबे समय में उनके कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा है कि मैं जानता हूं कि वे स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत या विकसित भारत जैसे शब्द भी नहीं बोल सकते, क्योंकि उनकी प्राथमिकताएं राष्ट्र नहीं हैं, देश की जनता नहीं हैं. मैं अपने युवा मित्रों से कहना चाहता हूं कि युवा उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे जिनकी सोच युवाओं के उत्थान के लिए नहीं है. इसलिए, मित्रों, बिहार चुनाव के नतीजे भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हैं।