नीतीश कुमार के दांव ने बिहार में NDA की शानदार वापसी लोकप्रियता बढ़ाई और तेजस्वी यादव को चुनाव से ऐन पहले ही पीछे कर दिया। यहां तक कि विपक्षी दलों ने भी उन्हें 'मानसिक रूप से बीमार' बताने की कोशिश की, लेकिन नीतीश का दांव उनकी सावधानी में टकर गया।
पूर्व चुनावों पर नजर डालें, तो नीतीश कुमार ने महिलाओं और मुसलमानों को अपने पक्ष में खींच लिया था, जिसका असर इस बार भी दिखाई देता है। उन्होंने महिलाओं के लिए 10-10 हजार रुपये की मदद देने का दांव चलाया, जिससे वे नीतीश कुमार पर भरोसा कर बैठीं। इसके अलावा, मुसलमानों को भी आकर्षित करने के लिए उन्होंने अपने 'M' फैक्टर को मजबूत किया।
महिलाओं और मुसलमानों को आकर्षित करने वाले नीतीश कुमार के दांव से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी तेजस्वी यादव पर असर हुआ। उनका 'चुनाव से पहले चित' अब 'चारों खाने चित' हो गया।
नीतीश कुमार ने अपने 'M' फैक्टर को मजबूत करने के लिए महिला रोजगार योजना चलाई, जिससे उन्हें मुसलमानों से भी समर्थन मिलने में मदद मिली।
इस तरह, नीतीश कुमार ने अपने 'दांव' से बिहार में NDA की वापसी लोकप्रियता बढ़ाई और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर असर डाला।
पूर्व चुनावों पर नजर डालें, तो नीतीश कुमार ने महिलाओं और मुसलमानों को अपने पक्ष में खींच लिया था, जिसका असर इस बार भी दिखाई देता है। उन्होंने महिलाओं के लिए 10-10 हजार रुपये की मदद देने का दांव चलाया, जिससे वे नीतीश कुमार पर भरोसा कर बैठीं। इसके अलावा, मुसलमानों को भी आकर्षित करने के लिए उन्होंने अपने 'M' फैक्टर को मजबूत किया।
महिलाओं और मुसलमानों को आकर्षित करने वाले नीतीश कुमार के दांव से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी तेजस्वी यादव पर असर हुआ। उनका 'चुनाव से पहले चित' अब 'चारों खाने चित' हो गया।
नीतीश कुमार ने अपने 'M' फैक्टर को मजबूत करने के लिए महिला रोजगार योजना चलाई, जिससे उन्हें मुसलमानों से भी समर्थन मिलने में मदद मिली।
इस तरह, नीतीश कुमार ने अपने 'दांव' से बिहार में NDA की वापसी लोकप्रियता बढ़ाई और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर असर डाला।