PM मोदी का RJD-कांग्रेस पर वार, बोले- विदेशी त्योहार मनाने वाले हिंदू परंपरा को कहते हैं ड्रामा

बिहार में चल रही चुनावी घड़ी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां छठ पर्व को ‘ड्रामा’ बताती हैं, जबकि विदेशी त्योहारों का जश्न मनाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के नेता पूरी दुनिया घूमते हैं, सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें दिखती हैं, लेकिन उन्हें अयोध्या के राम मंदिर जाने का समय नहीं मिलता। उन्होंने कहा, “इन राजद और कांग्रेस वालों को देखिए, ये लोग पूरी दुनिया घूमते हैं। सोशल मीडिया पर इनके फोटो देखकर शर्म आती है। लेकिन ये लोग अयोध्या के राम मंदिर नहीं जाते। वहाँ निषादराज का मंदिर है, वहां वाल्मीकि जी का मंदिर है, शबरी माता का भी मंदिर है। अगर राम से परेशानी है, तो कम से कम निषादराज के चरणों में सिर झुका दो। इसमें शर्म कैसी? लेकिन ये नहीं जाएंगे। दुनिया घूमते रहेंगे।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “कांग्रेस का शाही परिवार, राजद का शाही परिवार, ये विदेशी त्योहार मनाते हैं, लेकिन जब बात छठ की आती है, तो कहते हैं कि ये लोग तो बस ड्रामा कर रहे हैं।”
 
मुझे लगने लगा कि प्रधानमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा। छठ पर्व, जिसे वे ‘ड्रामा’ कहते हैं, वह तो हमारा खास त्योहार है, लेकिन मोदीजी तो दुनिया भर के त्योहारों से तुलना करते हैं। और फिर उन्हें राम मंदिर जाने का समय नहीं मिलता, जबकि वे दुनिया घूमते रहते हैं और अपने परिवार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिखाते रहते हैं। शायद वे खुद तो राम मंदिर जाना नहीं चाहते, लेकिन उन्हें ये नज़रना अच्छा लगता है कि वे दुनिया से बाहर हैं और हमारी संस्कृति को समझते हैं। 🤔
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और राजद पर हमला करते समय बहुत सख्त बात कही है लेकिन मैं उनकी बात से सहमत नहीं हूँ। यह बातें भारतीय विरोधाभास की तरह हैं, जहाँ हमारे पास दोनों चारों ओर दोनों नाचते-नाटक करते हुए खुशियां मनाते हैं और एक तरफ शांति और एक तरफ युद्ध। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी को छठ पर्व को धूमधाम से मनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें उसका महत्व समझना चाहिए।
 
मुझे लगता है की नरेंद्र मोदी जी ने बेहद मजाकिया किया 🤣, राजद और कांग्रेस पर हमला करने से पहले उन्हें अपने पार्टी की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार पर विचार करना चाहिए। छठ पर्व को ‘ड्रामा’ बताते हुए, वास्तव में नरेंद्र मोदी जी तो अपने पार्टी के विरोधियों की नकल कर रहे हैं। 😂 लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भी छठ पर्व का जश्न मनाया है, और उन्हें नरेंद्र मोदी जी तो उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखने का मौका नहीं दे रहे हैं। 📸 मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी जी की बातें और भी मजाकियां हो सकती थीं। 👍
 
मुझे लगता है की प्रधानमंत्री जी दोनों पार्टियों पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होता। पहले चुनाव में लोगों को वोट करने का मौका मिलता है। फिर भी, दोनों पार्टियां अपने नेताओं को राम मंदिर जाने की बातें करती हैं और वाल्मीकि जी की कहानी बताती हैं। 🤔

लेकिन मुझे लगता है कि ये दोनों पार्टियां एक ही चीज़ सोचती हैं - लोगों को मतदान करने की बात करती हैं। अगर वे अपने नेताओं को राम मंदिर जाने की बातें नहीं करती, तो यह क्या होता? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि छठ पर्व को ड्रामा बनने देने से अच्छा होगा। लोगों को अपने धार्मिक परंपराओं में आनंद लेने दें। क्या नुकसान नहीं होता? 🤔
 
अरे, यह तो देखिए, में याद आ रहा है कब में छठ पर्व मनाते थे। तो तब हमारी स्कूलों में छठ की तैयारी शुरू होती थी, न कि दुनिया घूमना। और जब विदेशी त्योहार आते हैं तो खाना पकाते हैं, नहीं तो मनाते हैं। लेकिन ये दोनों पार्टी किस तरह से छठ को ‘ड्रामा’ बताती है, मुझे अजीब लगता। 🤔
 
नमस्कार! मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने कुछ ऐसा बोला है जो हमें अच्छा सोचने पर मजबूर करता है। तो यार, पूछिए कि क्यों हम इतने घोर दुराचारी लोगों का मुद्दा बनाते हैं और विदेशी त्योहारों को मनाने के लिए प्रतियोगिता में भाग लेते हैं, लेकिन छठ पर्व को ‘ड्रामा’ कह देते हैं? 🤔

मेरा ये सवाल है कि हम अपने संस्कृति और समुदाय की जिंदगी को इतना भूल गए हैं? चाहे वह छठ, होली, दिवाली या कोई अन्य त्योहार हो, हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को स्थापित करने का मौका देना चाहिए। और अगर लोगों को लगता है कि यह त्योहार ‘ड्रामा’ है, तो फिर हमारी राजनीति और समाज में कुछ गलत हो गया है? 🤷‍♂️

आइए, अपने त्योहारों को मनाने के लिए एक साथ मिलें और अपने समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को स्थापित करें।
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने अपना हमला थोड़ा भारी साबित कर दिया। छठ पर्व एक बहुत ही पवित्र त्योहार है, जो हमें अपने परिवार और समाज के साथ बंधन को मजबूत बनाने का अवसर देता है। क्या हम वास्तव में समझते हैं कि यह त्योहार किसी भी प्रकार का 'ड्रामा' नहीं है? और क्या राजद और कांग्रेस जैसी पार्टियों को छठ पर्व मनाने का अधिकार नहीं है? मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में एक नई दिशा ढूंढने की जरूरत है, जहां हर त्योहार और हर घटना का सम्मान किया जाए।
 
मुझे यह घटना बहुत दुखद लग रही है 🤕। मैं समझता हूँ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी चुनावों के समय भीड़भाड़ में रहते हैं, लेकिन उनकी बोलचाल से देश को कुछ अलग नहीं हुआ। अगर उन्होंने राजद और कांग्रेस पर आरोप लगाए, तो समझना चाहिए कि ये भी नेता अपने-अपने मतदाताओं की जरूरतें रखते हैं 🤝

आजकल प्रधानमंत्री जी की बोलती सुनकर लगता है कि उनकी सरकार में कुछ गलत चल रहा है। क्योंकि अगर अयोध्या के राम मंदिर को देखें, तो वहां निषादराज और वाल्मीकि जी का भी बहुत सम्मान होता है, लेकिन उन्हें सरकार से कोई प्राथमिकता नहीं मिलती 🙏। ऐसा लगता है कि राम मंदिर को देखने के लिए कुछ लोग देश के अन्य भागों से आ रहे हैं।
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस पर बहुत ही तीखा हमला बोला है। लेकिन फिर भी मैं सोचने लगा कि क्या हमें देश की समस्याओं का समाधान करने के बजाय प्रतिद्वंद्वी दलों पर आरोप लगाने में इतने रुचि है? शायद, लेकिन इस चुनावी घड़ी में, भारतीय लोग अपने वोट का सही निर्णय लेने में सक्षम हैं।
 
चुनावों में नेताओं के जीवनसाथी होने से कुछ भी फायदा नहीं होता। उनकी शादियां एक निजी चीज़ होती हैं, लेकिन जब वे देश की बात कर रहे हों तो सब सच्चाई सुनना चाहिए। यादव की पत्नी राबड़ी देवी को उनके जीवनसाथी के रूप में देखना नहीं चाहिए, बल्कि उनके राजनीतिक कौशल और समर्थन को देखना चाहिए। कांग्रेस नेताओं की बेटियों को भी उनके पिता के राजनीतिक जीवन से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, बल्कि उनकी राजनीतिक मेहनत और समर्थन को देखना चाहिए।
 
मोदी जी की बात सुनकर बहुत विचार हुआ 🤔। मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों ने अपने पक्ष को मजबूत बनाने के लिए छठ पर्व को एक बड़ा मंच देना चाहिए। अगर वे इस पर्व की महत्ता से अवगत हैं, तो शायद उनके नेताओं को भी सोशल मीडिया पर शरारतें नहीं करनी चाहिए।

क्या हमने कभी सोचा है कि छठ पर्व केवल एक छोटी सी त्योहार नहीं है, बल्कि यह बिहार की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी है? अगर हम इसे महत्त्व दें, तो शायद हमें विदेशी त्योहारों की जगह अपनी खुद की परंपराओं को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए।

लेकिन मोदी जी ने बात की है और अब हमें उनकी बात को स्वीकार करना होगा। लेकिन मुझे लगता है कि हमें अपनी संस्कृति को बचाने और मजबूत बनाने के लिए इसे एक बड़ा मौका देना चाहिए।
 
😡 मुझे ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने थोड़ा सिर्फ राजद और कांग्रेस पर हमला किया, लेकिन उसके बाद क्या कुछ कहा? वह तो उन्हें विदेशी त्योहारों को मनाते हुए दिखाया। 🤷‍♂️ हमारे छठ को विदेशी त्योहार समझना स्वाभाविक नहीं है। लेकिन जो प्रधानमंत्री ने कहा, वह थोड़ा झूठीला लग रहा है। मैं तो सोचता हूँ कि क्या हमारे छठ को मनाने के लिए सरकार खुशी नहीं है? 🤔
 
नहीं मानिए, इस चुनावी घड़ी में प्रधानमंत्री का यह हमला थोड़ा अजीब है 🤔। जैसे कोई देश-विदेश से सोशल मीडिया पर तस्वीरें लेकर आता है, फिर किसानों को छठ मनाते वालों की बात कर रहा है। और वाह, ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री ने इन्हें सीधे बताया, बस ये कह दिया कि जाएं चारदिन और इंसान को शर्म आने दे। 🙄

लेकिन अगर हम बात छठ पर्व की, तो मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने थोड़ी गलती कर ली। हमें यह नहीं कहकर किसी और की पहचान करनी चाहिए, बल्कि सोचते समय हमारे देश की परंपराओं को समझना चाहिए। छठ पर्व तो बस मनाने की बात है, लेकिन साथ में पूरे समाज को एक साथ करने की जरूरत भी है। 🙏
 
😒 राम मंदिर से परेशानी तो समझ जाती, परन्तु निषादराज के चरणों में सिर झुकाना? यह शर्म कैसी? मुझे लगता है कि ये दोनों भाई, हमारे पास छठ का विवाद करना तो नहीं चाहते।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे शब्दों का उपयोग किया है जिससे कांग्रेस और राजद के नेताओं को दर्शाया गया है, लेकिन ये सच नहीं है। छठ पर्व भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे हर क्षेत्र में मनाया जाता है। और सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें दिखती हैं, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होती है, और यह भी कहना मुश्किल है कि किसे शर्म आती है। हमें सभी पार्टियों के नेताओं को सम्मान देना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान से कुछ लोगों को ठेस पहुँचाया है। चुनावी घड़ी में राजनीतिक मैदान में बहस करना एक आम बात है, लेकिन आरोप लगाने से पहले जांच करना जरूरी होता। छठ पर्व को और विदेशी त्योहारों को ‘ड्रामा’ बताने से ये बयान पार्टी की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है। मुझे लगता है कि इससे लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं पर दबाव डाला गया होगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि विपक्षी दलों के नेता भी इस बयान को समझेंगे और अपने तरीके से जवाब देंगे।
 
राजद और कांग्रेस को मोदीजी ने विदेशी त्योहारों का जश्न मनाते हुए कहा है? 🤔 यह तो सही है, लेकिन उन्हें खुद का त्योहार नहीं बताएं। छठ पर्व भारतीय समाज का हिस्सा है, लेकिन मोदीजी अपने शाही परिवार के साथ विदेश जाने और विदेशी त्योहारों का आनंद लेने में इतने खुश हैं कि उन्हें यह भारतीय समाज का हिस्सा नहीं दिखाई देता। इसके बाद भी उन्हें लगता है कि वो अपने देश की जिम्मेदारियों से बाहर हैं। 🙄
 
क्या हुआ राजद और कांग्रेस के नेताओं की? विदेश जाने और सोशल मीडिया पर फोटो दिखाने के बावजूद ये लोग अपने देश में सबसे पहले छठ मनाते हैं। इसकी ताली बजाएं।
 
Back
Top