प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि न्याय की भाषा वही होनी चाहिए, जो न्याय पाने वाले को समझ आए। इसका स्वागत करने के लिए उन्होंने बातचीत में कहा, 'हमारी अदालतों और कानूनी सेवाओं वाले अधिकारियों, युवाओं के कानून के छात्रों और आम आदमी के बीच एक सेतु का काम करते हैं। हमारी न्याय प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है।