राजस्थान में हुए सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, ट्रेलर से टकराया था टेंपो

राजस्थान में हुए सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, ट्रेलर से टकराया था टेंपो

भारतमाला एक्सप्रेसवे से एक टेंपो तीर्थयात्रियों को ले कर से जा रहा था. सभी श्रद्धालु जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र के रहने वाले थे. वह देवउठनी एकादशी के मौके पर कोलायत के कपिल मुनि आश्रम के दर्शन कर लौट रहे थे. एक ढाबे के पास यह टेंपो सड़क पर खड़े ट्रेलर से जा टकराया. ट्रेलर पर निर्माण सामग्री लदी हुई थी. टेंपो तेज रफ्तार से चल रहा था. एक वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश में टेंपो ट्रक से टकरा गया. टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. इनमें टेंपो चालक भी शामिल था. घटना में दो लोग घायल हुए थे।

हादसे में मरने वालों में चार बच्चे और दस महिलाएं शामिल थीं। हादसे में मरने वालों के परिवार के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने आर्थिक मदद का ऐलान किया. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पीड़ित परिवार को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से हर मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान हुआ। घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा की घोषणा हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लिया है और इसकी सुनवाई 10 नवंबर को जस्टिस जे के माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की बेंच करेगी।
 
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी कोशिश की है. इसके पीछे के कारण जानने की जरूरत नहीं है कि क्यों यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. लेकिन मैं इतना कह सकता हूँ कि टेंपो चालक ने जानबूझकर यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी कर दी थी. वह तो बस अपने परिवार के बंधन में फंस गया.
 
मुझे लगता है कि ये घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन हमें यह नहीं कह सकता कि ट्रेलर को भी जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए। वह वाहन एक ढाबे के पास खड़ा था, तो क्या उसके पीछे से आते हुए वाहन को देखना और पूर्व संकेत देना असंभव था? लेकिन अगर उसी तरह का ट्रेलर मेरे भाई को टकराकर निकलता, तो फिर हम कहाँ जाने? 🤔

सरकार की आर्थिक मदद में से मुझे लगता है कि कुछ और जरूरी होना चाहिए। परिवारों को 10-10 लाख रुपये का पैसा नहीं देना है, हमें उनकी जिंदगी को फिर से बनाने में मदद करनी चाहिए, जैसे कि खुद का व्यवसाय शुरू करने, अपने परिवार की पढ़ाई जारी रखने और इतनी देर से आर्थिक मदद लेने से पहले सरकार को फिर से योजनाएं बनानी चाहिए। 💼
 
अरे भाई, यह तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है 🤕। राजस्थान में ऐसी हादसे पहले कभी नहीं देखी गई थी, जिसमें इतने लोगों की मौत हो गई। टेंपो तिरहतयात्रियों की जान जोखिम में पड़ना बहुत बड़ी चिंता है, खासकर जब वे सड़क पर यात्रा कर रहे थे। सरकार ने तुरंत आर्थिक मदद का ऐलान किया, लेकिन यह मदद पहले नहीं होनी चाहिए थी, जैसे कि यह हुआ। केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर इस तरह की घटनाओं से निपटने का तरीका ढूंढना होगा।
 
🚨राजस्थान में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना न होती, हमारे पास 15 लोगों को अपनी जान देना पड़ता। 🙏 सड़क पर ट्रेलर और टेंपो का युद्ध, ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। 🚗 पीड़ित परिवार के लिए 10-10 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा अच्छी बात है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए और सावधानियां बरतनी जाएं। 🚨
 
😔 यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना बहुत गंभीर है। मैं शोक करता हूँ जिन 15 लोगों की मौत हो गई। मुझे पता है कि सड़क पर बहुत खतरनाक हो सकती है, लेकिन यह इतना खराब नहीं था? टेंपो ट्रक की गति और भी तेज़ होनी चाहिए थी। 🚗💨

मुझे यह सुनकर दुःख हुआ कि श्रद्धालु सभी को जोधपुर से लेकर यहीं ले आए गए थे। उनका परिवार अब ये कैसा महसूस करेगा। यह ज़रूरत से ज्यादा मुआवज़ा नहीं दिया गया? 🤔

केंद्र और राज्य सरकार ने सही रास्ता चुना है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और विशेष सहायता की जरूरत है। सड़क अनावश्यकताओं की बात करना है तो यह टेंपो ट्रक की गति और भी ठीक थी। 🚨
 
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