राहुल बोले- 10% आबादी सेना को कंट्रोल करती है: औरंगाबाद में कहा- 90 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की, उनकी हिस्सेदारी कहीं नहीं - Aurangabad (Bihar) News

राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी के नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा, अगर आप गौर से देखें, तो देश की 90 प्रतिशत आबादी दलित, महादलित, पिछड़ी, अति पिछड़ी या अल्पसंख्यक समुदायों से है।

9o प्रतिशत लोग समाज के सबसे पिछड़े और आदिवासी तबके से आते हैं। अगर आप भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची निकालें, तो आपको पिछड़े या दलित समुदायों का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं मिलेगा।

वे सभी शीर्ष 10 प्रतिशत से आते हैं। सभी नौकरियां उन्हीं के पास जाती हैं।
 
अरे, यह बात है बड़ी बड़ी। राहुल गांधी जी का कहना है कि भारतीय सेना को देश की आबादी में से 10 प्रतिशत को नियंत्रित करना है। लेकिन अगर हम गौर से देखें, तो यह बात सच नहीं कही जा सकती। भारत की 90 प्रतिशत आबादी देश के सबसे पिछड़े और आदिवासी तबके से है, लेकिन वे सेना में क्या स्थान हासिल कर सकते हैं?

और अगर हम देखें तो भारत की शीर्ष 10 कंपनियों में से कहीं एक के बॉस की जाति और समुदाय की बात करें, तो वह वाकई ही पिछड़े या दलित नहीं होते। वह लोग निजी स्कूल से ग्रेजुएट होकर भी 500 करोड़ की कंपनी की मालिक बन जाते हैं।
 
राहुल गांधी बोल देंगे तो देश की सेना भी उसके लिए बनाई गई है और वह हमेशा सरकार की सबसे बड़ी मदद करने वाला हिस्सा है। लेकिन अगर हम सच में देखें तो 90 प्रतिशत लोगों को उनकी मदद नहीं मिलती, बस एक छोटी सी बात।
 
मुझे लगता है कि यह बात थोड़ी भारी हो रही है, अगर हम अच्छी तरह से समझने की कोशिश करें तो यह कहा जा सकता है कि भारत में बहुत सारे लोग हैं जो शिक्षित, व्यवसायिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से आगे हैं। लेकिन अगर हम पिछड़े और आदिवासी समुदायों की बात करें, तो यह सच है कि उन्हें बहुत सारी समस्याएं मिल रही हैं, जैसे कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं में। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक और राजनीतिक शक्ति की बात करते समय, हमें सभी वर्गों की ताकत को समझना चाहिए।
 
मेरे दोस्त, यह बात राहुल गांधी जी ने कही है, तो मैं समझ गया हूँ। देश की सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी के नियंत्रण में है... लेकिन अगर हम देश की सामाजिक संरचना पर ध्यान दें, तो यह बात बहुत ही सच्ची लगती है। 90 प्रतिशत लोगों की आवाज़ को सुनने के लिए हमें एक साथ खड़े होना चाहिए। शायद सरकारें और बड़ी कंपनियां तुरंत सुधार करें।
 
मुझे लग रहा है कि यह बातें सच नहीं कही जा सकती। मेरे दोस्त का भाई उसकी बहन को सरकारी नौकरी में रखने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह सामान्य वर्ग का है और नहीं चल पाया। मैंने बेटे की बातियों के बारे में सुनी हैं जो नौकरी करने जा रहा है, लेकिन उन्हें चिकित्सा महाविद्यालय से जाना पड़ेगा ताकि वे कोई नौकरी कर सकें।
 
मेरे दोस्तों को यह बात बहुत पसंद आई 🤔, राहुल गांधी जी ने तो सच बोल दिया है कि भारत में सेना और सरकारी नौकरियों में पिछड़े और दलित समुदाय के लोग अधिक संख्या में हैं। मैंने अपनी बहन की शादी में भी देखा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में यही समस्या है, सभी नौकरियां पहले वालों के पास जाती हैं और गरीब और मध्यम वर्ग लोग बिल्कुल नहीं कहीं पर पहुंच पाते। इसके अलावा, मेरी दादी ने भी कहा था कि हमारे गाँव में एक छोटे से बच्चे को भी शिक्षा के लिए मिलना मुश्किल है, लेकिन पंजाब और दिल्ली में तो हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलती है 🤷‍♀️
 
राहुल गांधी जी का यह बोल है बहुत सही! 🤓 देश में सेना वालों की संख्या तो बहुत कम है, लेकिन उनका हाथ पूरे देश पर है। और अगर आप देखें तो 90% लोग तो दलित, महादलित, पिछड़ी, अति पिछड़ी या अल्पसंख्यक समुदायों से ही हैं! 🤯

मुझे लगता है कि राहुल जी ने सही बात कही है, भारत में समाज की संरचना तो बहुत जटिल है। 90% लोग तो सबसे पिछड़े और आदिवासी तबके से आते हैं और वे सभी शीर्ष 10% से आते हुए ही अपने-अपने क्षेत्र में बैठे हैं। यह सच है कि सरकारी नौकरियां और आर्थिक अवसर अधिकतर उन्हीं लोगों को मिलते हैं! 👍
 
मेरी राय तो यही है कि अगर हमारा देश सोचता है और अपनी आबादी को समझने की कोशिश करता है, तो यह सच मान लेंगे कि भारतीय सेना की शक्ति हमारे देश के पिछड़े और आदिवासी तबके को मजबूत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण है।

और अगर हम गौर से देखें, तो यह सच है कि हमारी 90 प्रतिशत आबादी विभिन्न समुदायों से है, लेकिन हमें अपने आप को एक दूसरे के साथ समझने की जरूरत है।

और अगर हम कंपनियों में जाएं, तो यह सच है कि शीर्ष 10 प्रतिशत लोग हमारे देश की सबसे बड़ी कंपनियों में हैं, लेकिन हमें अपने समाज के सभी तबकों के लिए नौकरियां और अवसर प्रदान करने की जरूरत है।

हमें अपने देश को एक मजबूत और समृद्ध बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जहां हर किसी को मौका मिल सके और वह अपने सपनों को पूरा कर सके। 💪🏽💕
 
मुझे यह बात लगने लगी है कि राहुल गांधी को कुछ और चालाकी की जरूरत है। अगर 90 प्रतिशत लोग दलित, महादलित या पिछड़े समुदायों से हैं, तो यह तो सच है। लेकिन फिर भी देश की अर्थव्यवस्था और नौकरियां शीर्ष 10 प्रतिशत के हवाले। यह तो बहुत अजीब है 🤔। मुझे लगता है कि सरकार और बड़े कंपनियों के बीच कुछ गहरा खेल चल रहा है। शायद वे हमें दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि पिछड़े समुदायों को आगे बढ़ाने के लिए क्या करना है। लेकिन मुझे लगता है कि यह बस एक झूठी बात है।
 
भाई, यह तो बहुत बुरा है 🤕। राहुल गांधी जी की बात सुनकर मुझे लगता है कि हमारे देश में कुछ गलत चल रहा है। अगर 90 प्रतिशत लोग दलित, महादलित, पिछड़ी, अति पिछड़ी या अल्पसंख्यक समुदायों से हैं तो क्या हमें उनकी जगह पर नौकरियां और अवसर देने की जरूरत नहीं है? मुझे लगता है कि हमें अपने देश के लोगों को खubsूरत स्किल्स का पाठ्यक्रम देना चाहिए, न कि उनके जन्मजात समुदाय के आधार पर। 🤔
 
🤣👀💼️ 9o प्रतिशत लोगों को आर्थिक शक्ति का खजाना नहीं मिल रहा, लेकिन कुछ लोगों को तो सब कुछ मिल रहा है! 😂🤑
 
जानकर यह बात दिल दूखी हो गया है 🤕 कि भारत में ऐसे लोग इतने शिक्षित और अमीर हैं कि वे सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी को छोड़ कर, सभी नौकरियां और अवसरों पर दम पर बैठ गए हैं। यह सोचा नहीं जा सकता कि उन्हें इतनी मेहनत और समर्पण की जरूरत थी, ताकि वे एक छोटी आबादी को अपने ऊपर रख सकें। लेकिन ये सच्चाई है 🤑, हमारे देश में जो शिक्षा और रोजगार के अवसरों का स्वाधीन स्थान बन गया है, वह एक बड़ा मुद्दा है।
 
राहुल गांधी की बात सुनकर यह विचार आया मुझे कि हमें अपने देश की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर फोकस करना चाहिए। अगर हमारे देश में इतनी बड़ी आबादी पिछड़े और दलित समुदायों से है तो हमें उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

मुझे लगता है कि सरकार और निजी क्षेत्र में बीच में भ्रष्टाचार होता है, जिससे पिछड़े और दलित समुदायों को रोजगार के अवसर मिल नहीं पाते। हमें अपने देश में न्यूनतम वेतन और न्यूनतम मजदूरी कानून लागू करना चाहिए ताकि सभी नागरिकों को समान अवसर मिल सकें।
 
राहुल गांधी की बात समझने में कुछ चुनौती है... 🤔 क्या वास्तव में भारतीय सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी के नियंत्रण में है? 🤷‍♂️ यह सवाल उठाना जरूरी है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे देश में आर्थिक और सामाजिक समानता की कोई भी असंभावना नहीं है। 🙅‍♂️ अगर 90 प्रतिशत आबादी दलित, महादलित या पिछड़े समुदायों से है, तो यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। 🤝 लेकिन अगर 90 प्रतिशत लोग पिछड़े और आदिवासी तबके से आते हैं, तो यह कैसे संभव है? 🤔 मुझे लगता है कि हमें अपनी आर्थिक और सामाजिक असमानता की समस्या को देखने की जरूरत है, न कि किसी समूह को अलग करने की। 💡
 
यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है! अगर राहुल गांधी जी सच में कहते हैं तो हमारा देश वाकई बदल गया है। 90% लोग दलित, महादलित, पिछड़े या अल्पसंख्यक समुदायों से है, toh यह बहुत ही बड़ा क्रांतिकारी आंदोलन हो सकता है 🤯

लेकिन मुझे लगता है कि यह बात थोड़ी भी गंभीर नहीं है। हमें अपने देश की सच्चाई को पहचानने और उस पर काम करने की जरूरत है, न कि तो कुछ व्यक्तियों की राय से। और अगर 90% लोग पिछड़े या दलित समुदायों से हैं तो हमें उन्हें भी अपने देश का हिस्सा मानकर उसकी सेवा करनी चाहिए, नहीं तो हमारा देश वाकई बदल नहीं सकता 🙏
 
राहुल गांधी का यह बयान सच्चाई को उजागर कर रहा है, लेकिन हमें इसके पीछे की बुनियाद समझनी चाहिए। भारत में सामाजिक और आर्थिक असमानता एक बड़ा मुद्दा है, जिसके बारे में हम अक्सर बात करते हैं।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक विविध देश है, जहां कई समुदाय रहते हैं और अपनी अपनी संस्कृतियों और परंपराओं को लेकर आत्मविश्वास करते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि राहुल गांधी का बयान एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक असमानता की एक सच्ची समस्या को उजागर करता है।
 
मैंने पढ़ा है कि राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी के नियंत्रण में है। लेकिन मुझे लगता है कि यह सच नहीं हो सकता। अगर हम गौर से देखें, तो देश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी किसी भी पिछड़े या आदिवासी समुदाय से है। लेकिन मुझे लगता है कि यहाँ एक गलतफहमी है।

मैंने पढ़ा है कि अगर हम देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची निकालें, तो भारतीय सेना के अधिकारी और उच्च पदधास्त व्यक्ति सभी शीर्ष 10 प्रतिशत से होने चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि यह सच नहीं हो सकता। क्या यह सच है कि हमारे देश में नौकरियां और पद्द्धस्त व्यक्ति सभी एक ही समुदाय से होते हैं? 🤔
 
अरे, यह तो सचमुच बहुत ही दुखद बात है 🤕 कि हमारा देश इतनी असमानता में फंस गया है। अगर 90 प्रतिशत लोग इतने गरीब और पिछड़े हैं, तो सोचिए कैसे उनकी जिंदगी होगी, जो राहुल गांधी ने कहा है 🤔 भारतीय सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी के नियंत्रण में है। लेकिन यह तो सच नहीं है, हमारे देश में कोई ऐसा समाज नहीं है जहां हर किसी को बराबर मौके मिले।

लक्ष्मी की राशि भी 90 प्रतिशत लोगों को मिलने से पहले शीर्ष 10 प्रतिशत लोगों को मिलती है 🤑 और इससे हमारा देश और भी अधिक असमानता में फंस जाएगा। हमें यह सोचकर चिंतित रहना चाहिए कि अगर हमारे देश में हर किसी को बराबर मौके मिलने, तो हमारी अर्थव्यवस्था और समाज में बदलाव आ सकता है।
 
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