स्पॉटलाइट-भारत में मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक का स्वागत करेगा बांग्लादेश: ओसामा-बिन-लादेन का समर्थक जाकिर कौन है, पीस टीवी से नफरत फैलाने के आरोप

जाकिर नाइक: ओसामा-बिन-लादेन का समर्थक, पीस टीवी से नफरत फैलाने के आरोप में भारत का सबसे वांटेड अपराधी, अब बांग्लादेश में खुलकर जुड़ रहा है।

उनकी विवादित राजनीतिक और धार्मिक बयानों को लेकर कई देशों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। 2007 में पाकिस्तान से अपने पत्राचार को बंद करने पर उनका निर्णय क्या था, इस पर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं।

जाकिर नाइक को अपने समर्थकों के लिए 'सियासत-ए-बिलादेन' नामक एक पत्रिका भी चलाते हैं, जिसे ऑसामा बिन लादेन के साथ पैरेंटल्स मैगज़ीन कहा जाता है। इस पत्रिका में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं जो आतंकवाद और हिंसा की ओर धक्का देते हैं।

उनकी सबसे विवादित बातें तब हुई जब उन्होंने कहा था कि इजरायल को 'भूत' मानना चाहिए। लेकिन ये सवाल अभी तक उठाए गए हैं, क्या जाकिर नाइक ने हमेशा खुलकर अपनी राय रखी है?
 
जाकिर नाइक की बातें तो फंसी हुई हैं सारी... उनकी पुरानी पत्रिका में लिखी गई बातें अब कितनी सच्ची लग रही होंगी? 🤔
 
मैंने जाकिर नाइक पर बहुत सारे सवाल उठाए हैं... 🤔 उनकी बातें तो कभी-कभी पूरी तरह से समझ में आती हैं, लेकिन कभी-कभी लगता है कि वे कुछ ऐसा कह रहे हैं जो उनसे भी आश्चर्यचकित कर देता है। उनकी इस बातचीत को लेकर बहुत सारे सवाल उठाए जा रहे हैं, और मुझे लगता है कि वे अपने समर्थकों के लिए बहुत प्रभावशाली हैं।

मैंने कभी-कभी सोचा है कि शायद उनकी बातें कुछ ऐसा हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं, और फिर से सोचने पर मजबूर करती हैं। लेकिन जब वे आतंकवाद और हिंसा के बारे में बात करते हैं, तो मुझे लगता है कि उनकी बातें थोड़ी से भयानक लगने लगती हैं।

मैं अपने अनुयायियों से कहता हूं, हमें खुद पर विचार करना चाहिए, और यह तय करना चाहिए कि हम कौन सी बातें सुनना चाहते हैं, और कौन सी बातें नहीं।
 
जाकिर नाइक की गिरफ्तारी की बात तो हो गई, लेकिन उनकी विवादित बयानों की बात तो कभी नहीं मिटेगी। वह एक विशेष स्थिति में खड़े हैं, जहां उन्हें लगता है कि वह अपने देश और अपने धर्म की रक्षा कर रहे हैं। लेकिन जब तक उनके बयानों से कोई फायदा नहीं होता, तब तक वो लोगों का ध्यान भटकाते रहते। उनकी पत्रिका भी एक तरह का मीडिया है, जहां उन्हें अपने विचारों को फैलाने का सुविधा मिलती है। लेकिन जब तक हम अपनी सरकार और अपने नेताओं पर भरोसा नहीं करते, तब तक उनकी इस तरह की गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
 
मैंने देखा है कि जाकिर नाइक को पूरे विश्व में नफरत के लिए फैलाने का आरोप लग रहा है, लेकिन ये सच है या नहीं, इस पर मुझे लगता है कि बहुत सारे सवाल उठाए जाते हैं। उन्होंने ऑसामा बिन लादेन को सही दिखाया है और उसके समर्थन में कई बयान दिए हैं, लेकिन ये तो समझ में नहीं आता, मुझे लगता है कि वे अपने समर्थकों को धोखा दे रहे हैं।

और उनकी पत्रिका सियासत-ए-बिलादेन में बहुत विवादित बयान दिए गए हैं, जैसे कि इजरायल को भूत मानना चाहिए, यह तो बहुत ही अजीब और गलत बात है। मुझे लगता है कि वे अपने बयानों से पूरे विश्व को धोखा दे रहे हैं और लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
 
जाकिर नाइक को पूरे भारत में सबसे वांटेड अपराधी बताने से पहले, क्या हम उनके समर्थन को छोड़ सकते हैं? उन्होंने खुद ऑसामा-बिन-लादेन का समर्थन किया, लेकिन फिर वह भारत में खुलकर जुड़ रहे हैं। यहाँ एक सवाल है - उनकी विवादित रायों को लेकर हमें नफरत और असहिष्णुता का महसूस करने क्यों होता है? 🤔

उनकी पॉलिटिक्स और धार्मिक बयानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन क्या हमने उनके समर्थन को कभी खोला है? जाकिर नाइक को उनके पत्राचार से बांग्लादेश में क्यों नहीं छोड़ दिया गया? 🤷‍♂️

उनके समर्थकों के लिए 'सियासत-ए-बिलादेन' नामक पत्रिका चलाती है, जो ऑसामा बिन लादेन के साथ पैरेंटल्स मैगज़ीन कहा जाता है। यह सवाल उठता है कि क्या हम उनकी रायों को छोड़ सकते हैं या नहीं? 📰
 
मुझे लगता है कि जाकिर नाइक को उनके पूर्वाग्रहों और बयानों पर विचार करना चाहिए, लेकिन यह तो बात है। वह अपने समर्थकों के लिए पत्रिका चलाए रखने में ही अच्छी सी सोच रहे हैं।
 
जाकिर नाइक से मिलकर तो नहीं गया, इसकी वजह यह नहीं है कि उनके समर्थक भारत में फंस गए हैं। लेकिन अगर उन्होंने बांग्लादेश जाने वाली है तो ये एक अच्छा सवाल है।

उनकी पत्रिका से आतंकवाद की बात करते हुए, मुझे लगता है कि उनके समर्थकों की बहुत सारी जिज्ञासाएं हैं। लेकिन अगर उन्हें तो अपनी राय खुलकर बतानी चाहिए।

अब जब उन्होंने इजरायल को 'भूत' मानने का बयान दिया, तो यह सवाल उठता है कि वे क्या कह रहे हैं और क्या ये उनकी सुलह की नीति का हिस्सा है।
 
[आपकी बात समझते हैं 🤔]

जैसे तो दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ खड़े हैं, हमें तो अपने आप से सबसे बड़ा शिक्षक बनने वाले लोग वही होंगे 🤓
 
ओसामा-बिन-लादेन के बारे में बहुत सुनने को मिल रहा है 📰️। तो ये सच है कि वह एक विवादित व्यक्ति था। लेकिन जाकिर नाइक की बातें भी बहुत ही ध्यान देने के लिए हैं 😕। उनकी पत्रिका से नफरत फैलाने का आरोप लगना एक बड़ा मुद्दा है 💔। क्या वास्तव में वह अपनी राय खुलकर बता रहे थे या फिर कुछ और? 🤔
 
ओसामा-बिन-लादेन से सहमति रखने वाला जाकिर नाइक अब बांग्लादेश में खुलकर जुड़ रहा है, यह तो अच्छी तरह से पता चल गया है कि वह खुद को कहीं भी फंसा नहीं देता। 🤣

मुझे लगता है कि जाकिर नाइक को उनके समर्थकों के लिए 'सियासत-ए-बिलादेन' पत्रिका चलाने से पहले कुछ समय बिताना चाहिए, तभी वे समझेंगे कि आतंकवाद और हिंसा क्या है। पर दिल्ली में रुककर भी नहीं सकते।

यार, जाकिर नाइक को अपने बयानों से पहले खुद को गिनता समय निकालने की जरूरत है, तभी वे समझेंगे कि क्या कह रहे हैं और क्या नहीं। 😂

और यह तो एक मजेदार सवाल है कि जाकिर नाइक ने कभी अपनी राय खुलकर रखी है या नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि वह कभी भी खुलकर नहीं रह सकते।
 
अरे, यह तो ओसामा-बिन-लादेन का समर्थन करने वाले लोगों की गांड़-गिरोही हो गई है! 🤣 जाकिर नाइक को लगता है कि वह ऑसामा से और भी मासूम हैं, बोलते-बोलाते इतना हिंसक होने देते हैं! 😂 यह 'सियासत-ए-बिलादेन' पत्रिका तो पैरेंटल्स मैगज़ीन से बेहतर क्यों नहीं है? 🤦‍♂️

मुझे लगता है, जाकिर नाइक की राजनीति का सबसे बड़ा खिलाड़ी वह अपने दोस्तों को भटकाना है, यह तो उन्हें बहुत मुश्किल नहीं आता। लेकिन, मैं सवाल उठाता हूँ, क्या उनके समर्थकों को लगता है कि वे पूरे देश को अपने जैसा ही देखना चाहते हैं? 🤔

मैं तो यही सोचता हूँ कि जाकिर नाइक की बातें सुनने के लिए हमारे देश को फंसाया गया है, बस इसलिए कि हमें उनकी बातों में खुशी नहीं आती।
 
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