प्रधानमंत्री मोदी की कारों पर चारा पड़ रहा है, लेकिन इस बात को लेकर सवाल उठना उचित नहीं है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक कार धुलाई जा रही है, इसके पीछे ड्राइवर की चेहरे को देखकर लगता है कि यह प्रधानमंत्री की कार है। लेकिन सच्चाई में तो यह कार बिहार के एक स्थानीय कार वॉशिंग सेंटर में धुलाई जा रही थी।
प्रधानमंत्री की गाड़ी पर प्रोटोकॉल कितना है? क्या प्रधानमंत्री की गाड़ी को धोने के लिए भी एक अलग प्रोटोकॉल है? इसके बारे में विद्वानों और स्वतंत्र पत्रकारों की राय तो अलग-अलग है। कुछ कहते हैं कि यह प्रोटोकॉल नहीं है, जबकि अन्य कहते हैं कि यह प्रोटोकॉल है।
लेकिन एक बात तो साफ है कि प्रधानमंत्री की गाड़ी पर चारा पड़ने के लिए साजिश हुई है। इसमें शामिल लोगों की पहचान नहीं चल सकी है, लेकिन यह वीडियो बहुत बड़े अंदेशान को जगाता है।
इस वीडियो में एक कार धुलाई जा रही है, इसके पीछे ड्राइवर की चेहरे को देखकर लगता है कि यह प्रधानमंत्री की कार है। लेकिन इस वीडियो की स्थापना का मकसद क्या था? और इसके पीछे कौन से लोग हैं जिनकी साजिश हुई?
इन सवालों का जवाब निकलने के लिए पत्रकारों और विद्वानों को अपनी भूमिका निभानी होगी। इस मामले में एक अनमोल सबक भी हमें सीखने को मिलता है - सच्चाई की तलाश में कभी भी अंदेशान नहीं करना चाहिए।
प्रधानमंत्री की गाड़ी पर प्रोटोकॉल कितना है? क्या प्रधानमंत्री की गाड़ी को धोने के लिए भी एक अलग प्रोटोकॉल है? इसके बारे में विद्वानों और स्वतंत्र पत्रकारों की राय तो अलग-अलग है। कुछ कहते हैं कि यह प्रोटोकॉल नहीं है, जबकि अन्य कहते हैं कि यह प्रोटोकॉल है।
लेकिन एक बात तो साफ है कि प्रधानमंत्री की गाड़ी पर चारा पड़ने के लिए साजिश हुई है। इसमें शामिल लोगों की पहचान नहीं चल सकी है, लेकिन यह वीडियो बहुत बड़े अंदेशान को जगाता है।
इस वीडियो में एक कार धुलाई जा रही है, इसके पीछे ड्राइवर की चेहरे को देखकर लगता है कि यह प्रधानमंत्री की कार है। लेकिन इस वीडियो की स्थापना का मकसद क्या था? और इसके पीछे कौन से लोग हैं जिनकी साजिश हुई?
इन सवालों का जवाब निकलने के लिए पत्रकारों और विद्वानों को अपनी भूमिका निभानी होगी। इस मामले में एक अनमोल सबक भी हमें सीखने को मिलता है - सच्चाई की तलाश में कभी भी अंदेशान नहीं करना चाहिए।