सुशांत केस- CBI की क्लोजर रिपोर्ट क्यों सवालों में: एक्टर ने लिखा था- मेंटल स्ट्रेस दूर करेंगे-नो एल्कोहल-नो मैरिजुआना, फिर मौत क्यों चुनी

मुझे लगता है कि यह सब मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के बारे में बहुत कम खुलकर बात नहीं हुई। सुशांत की मौत को तुरंत मनोवैज्ञानिक समस्या के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उसके परिवार और सहपाठियों की भावनाओं को समझने की जरूरत है। हमें यह जानने की जरूरत है कि सुशांत की मानसिक स्थिति कैसे थी, अगर वह खुद ही इसके बारे में बात कर पाते। फिर ही हम समझ सकते हैं कि वास्तव में क्या हुआ।
 
🤔 पुलिस ने खत्म कर दिया सुशांत की जिंदगी, लेकिन उसके परिवार को जवाब नहीं मिला 🙄 अगर मानसिक स्थिति में सुधार कर लेते, तो मौत क्यों चुनी? यह बहुत ही गहरी सवाल है। मुझे लगता है कि पुलिस ने जांच करने की कोशिश नहीं की, बस एक फैसला लिया। सुशांत की मौत को केवल एक दुर्घटना मानकर रख दिया गया, लेकिन मेरे खयाल में यह बहुत ही जटिल है। 🤯

क्या हमारी पुलिस हमेशा सही तरीके से जांच कर सकती है? क्या हम उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं? मुझे लगता है कि हमें सुशांत के परिवार को सहारा देना चाहिए और उन्हें अपने अधिकारों की जागरूकता दिलानी चाहिए। 🤝 हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर कोई ऐसी स्थिति में होता है, तो उसकी जिंदगी बचाई जाए। 💖
 
सुशांत केस में अभी भी बहुत गहराई नहीं मिल पा रही है, यह सच है ... रिपोर्ट अधूरी होने की बात कही जा रही है , लेकिन मुझे लगता है कि सच्चाईyon को उजागर करने के लिए और गहराई से जांच होनी चाहिए ... अगर परिवार ने अपने विचार बताए हैं तो यह जरूरी है कि हम उनकी बात समझें , क्योंकि उनका यह मौत के कारण के बारे में बहुत ही गहरी जानकारी होगी। मानसिक स्थिति में सुधार कर लेते, तो मौत चुनने का तरीका समझाने वाला कोई जवाब नहीं है , किसी को भी ऐसी स्थिति में जीने का मौका न देना चाहिए ...
 
मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ा गड़भड़ है। सरकार को यह सोचकर फंसाया गया है कि जांच करने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो सब ठीक है? क्या वास्तव में उन्होंने पूरी जांच नहीं की? या बस राजनीतिक लाभ देने की कोशिश कर रहे हैं? यह बिल्कुल भ्रम है! सुशांत की मौत पर तीन साल लग गए, और अभी भी उनके परिवार को जवाब नहीं मिल पा रहा है। और तभी हम लोगों को बस छोटी-छोटी बातें समझनी पड़ती हैं... 🤔
 
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