सिंहस्थ 2028 की महत्वपूर्ण लेंड पुलिंग योजना के समर्थन मे आए किसान, कृषि भूमि देने पर जताई सहमति

मध्यप्रदेश में सिंहस्थ 2028 के लिए लैंड पूलिंग एक्ट को लागू करने की घोषणा हुई, जिसमें किसानों की जमीन पर विकास कार्य किए जाएंगे। इसके तहत अधिग्रहण के बाद विकसित भूमि का 50 प्रतिशत भाग वास्तविक भू-स्वामी को दिया जाएगा।

लेकिन, कुछ किसानों ने इस योजना के समर्थन में अपनी सहमति व्यक्त कर दी है, जिसमें उन्होंने कहा, "हम अपनी जमीन बेचने से नहीं हिचकिचाते। हमें उम्मीद है कि यह योजना हमारे लिए एक अच्छा मौका होगा।"

सिंहस्थ 2028 की योजना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि यह योजना वास्तव में किसानों के लाभ के लिए बनाई गई है या नहीं। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण के बाद विकसित भूमि पर नियंत्रण कैसे होगा, यह सवाल अभी तक उत्तर नहीं दिया गया है।
 
मुझे लगता है कि इस योजना में एक अच्छा प्रयास किया गया है, लेकिन हमें अधिक स्पष्टता चाहिए। किसानों की जमीन पर विकास कार्य करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जाए।

कुछ किसानों ने सहमति व्यक्त की है, लेकिन सभी किसानों को नहीं, यह हमारे लिए एक चिंताजनक बात है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना में वास्तव में कोई दिलचस्पी निकलेगी।

इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण के बाद विकसित भूमि पर नियंत्रण कैसे होगा, यह सवाल अभी तक उत्तर नहीं दिया गया है। हमें अपनी जमीन के साथ-साथ अपने भविष्य को भी सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। 🤔
 
🤗 इस सिंहस्थ 2028 की योजना को लेकर तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, तो वहीं पर मैं समझ भी आ रहा हूँ। अगर सरकार ने किसानों की मदद करने की बात कही तो अच्छा, लेकिन फिर यह 50 प्रतिशत देने की बात तो बड़ी बात है।

मुझे लगता है कि सरकार से पहले से ही तैयार होना चाहिए कि हमारी जमीन कैसे लेकर चलना है, यानी किसानों की मदद करने की बात कही अगर वह तय नहीं कर पाएगा। और फिर, नियंत्रण कैसे होगा, यह सोचना भी जरूरी है। तो मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर अच्छा सोचेगी। 🤞
 
मुझे लगता है कि इस तरह से किसानों को फायदा होने वाली योजना बहुत अच्छी हो सकती है, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जमीन अधिग्रहण के बाद नियंत्रण कैसे होगा, इसके बारे में अभी तक खास उत्तर नहीं दिया गया है।

कुछ किसानों ने अपनी सहमति व्यक्त कर दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी किसान ही इस योजना के साथ सहज होंगे। हमें यह समझने की जरूरत है कि क्या यह योजना वास्तव में उनके लिए एक अच्छा मौका होगी या नहीं।

हमें यह भी देखना चाहिए कि जमीन अधिग्रहण के बाद कैसे निर्णय लिए जाएंगे, और क्या उन निर्णयों में किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा।

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मुझे लगता है कि यह योजना बहुत ही रोचक है, लेकिन हमें थोड़ी जानकारी की जरूरत है कि इसके पीछे क्या विचार हैं। मैंने सुना है कि अधिग्रहण के बाद 50% जमीन वास्तविक भू-स्वामी को मिलेगी, लेकिन क्या यह जरूरी है? हमें पता होना चाहिए कि नियंत्रण कैसे होगा, ताकि किसानों के अधिकार सुरक्षित रहें। इसके अलावा, क्या यह योजना वास्तव में किसानों की जरूरतों को समझती है? मुझे लगता है कि हमें थोड़ी और जानकारी चाहिए, ताकि हम इस योजना के बारे में सही निर्णय ले सकें। 😊
 
मैंने तो फिर से अपने किसान साहब से मिलने जा रही थी और उन्होंने मुझसे बात कर रही थी कि वे इस योजना के बारे में बहुत उत्साहित हैं... वे कहती हैं कि अगर सरकार उनकी जमीन पर विकास कार्य करेगी तो यह एक अच्छा अवसर होगा। लेकिन मुझे लगता है कि कुछ सवाल अभी भी उतने ही रह गए हैं जितने पहले थे। किसानों की जमीन पर विकास कार्य करने से पहले उन्हें कहीं और जाना होगा न? मुझे लगला है कि इस योजना को लागू करने से पहले किसानों को अच्छी तरह से समझाया जाना चाहिए। 🤔
 
मुझे लगता है कि यह योजना बहुत बड़ा मौका है, लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए। अगर हमारी जमीन विकसित भूमि पर जाएगी, तो हमें समझने की जरूरत है कि नियंत्रण कहाँ होगा। हमें यह देखना होगा कि क्या विकास कार्यों में हमारे हित में होंगे।

मुझे यह भी आश्वस्त करता है कि अगर किसान अपनी जमीन बेचने से नहीं हिचकिचाते, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे इसके लिए मजबूर हैं। हमें समझना चाहिए कि यह योजना केवल उन्हें फायदा पहुँचाने के लिए बनाई गई है, न कि उन्हें मुश्किल में। 🌾💚
 
मेरो खयाल hai, मध्यप्रदेश में सिंहस्थ 2028 की योजना में किसानों की जमीन पर विकास कार्य करने की बात तो अच्छी लगी, लेकिन भले ही अधिग्रहण के बाद 50 प्रतिशत भूमि दिया जाएगा, तो कैसे किसान अपनी जमीन से वापस मिलेगी। भारत में जमीन का इस्तेमाल बहुत ही जटिल होता है, इसलिए योजना के बारे में बहुत सोच-समझकर करना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि ये योजना तो सच में बहुत अच्छी सोची गई है, लेकिन कुछ लोगों की निशाना यही आ रही है कि किसान अपनी जमीन खोने से रोकने के लिए चिंतित हैं। मैं सोचता हूं कि 50 प्रतिशत भाग वास्तविक भू-स्वामी को दिया जाएगा, तो यह मेरे लिए बेहतरीन निर्णय होगा।
 
मेरे दोस्तों 🤝, तो मैंने सुना है कि मध्यप्रदेश में सिंहस्थ 2028 की योजना पर चर्चा हुई। मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है कि सरकार ने इस तरह की योजना बनाई है, लेकिन तो फिर भी कई सवाल उठ रहे हैं। मैं अपनी दादी की जमीन पर विकसित काम करने की उम्मीद करूंगी, लेकिन तो फिर मुझे लगता है कि किसानों की सहमति और समझ की ज़रूरत है, न कि सरकार से जबरदस्ती। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह योजना हमेशा किसानों के लिए अच्छी होगी, लेकिन तो फिर भी हमें अपनी जमीन के बारे में जागरूक रहना चाहिए।
 
मैंने माध्यम प्रदेश में सिंहस्थ 2028 योजना सुनी है तो मुझे बहुत खुशी हुई 🤩। मुझे लगता है कि यह योजना हमारे देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। अगर हम अपनी जमीन बेच देते हैं और विकसित भूमि पर निवेश करने लगते हैं, तो हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पुल, और अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा, जिससे हमारी जिंदगी आसान होगी।
 
बच्चों को सिखाने का समय है कि किसानों की जमीन पर विकास कार्य किए जाएं, लेकिन इसके लिए सरकार से पूरी निश्चितता चाहिए। यह योजना तय करने से पहले हमें बताया जाना चाहिए कि इसमें किसानों को क्या लाभ मिलेगा। अधिग्रहण के बाद विकसित भूमि पर नियंत्रण कैसे होगा, यह सवाल अभी तक उत्तर नहीं दिया गया है। सरकार से एक पूरी जांच करनी चाहिए और निश्चितता हासिल करनी चाहिए कि यह योजना वास्तव में किसानों के लाभ के लिए बनाई गई है।

मैं यह भी चिंतित हूं कि कई बड़े विकास परियोजनाएं शुरू हो जाती हैं, लेकिन छोटे किसानों की जरूरतें और समस्याएं खुद से पीछे हट जाएं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजना में सभी वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाए।

मैं लोगों से अपील करता हूं, सरकार से एक पूरी जांच करवाई जाए और निश्चितता हासिल करनी चाहिए।
 
ਇਹ ਸੁਰिलੀ ਗੱਲ ਹੈ। ਕਿਸानों ਦੀ ਜ਼िंदगੀ ਤਾਂ ਮੁਸ਼्किल ਹੋ ਗਈ ਹੈ। ਜਿਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਣਾਈ ਹੈ, ਉਹ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਚਾਲੂ ਹੋ ਗਈ ਹੈ। ਪਰ ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ, ਉਹ ਅਜਿਹੀ ਯोजनਾ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਬਚਨ ਭੁੱਖ ਤੋਂ ਦੂਰ ਹੋ ਗਏ।

ਸਾਡੇ ਲਈ, ਅਜਿਹੀ ਯोजनਾ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਵੀ ਪਤਾ ਨਹੀਂ। ਮੈਂ ਆਪ ਇਸ ਬਾਰੇ ਸੋਚ ਰਿਹਾ ਹਾਂ, ਕਿ ਇਹ ਯोजनਾ ਉਦੇਸ਼ਨ-ਤੱਤ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।
 
बड़े बड़े सवाल तो बढ़ गए, लेकिन मैं सोचता हूँ कि ये सिंहस्थ 2028 की योजना के बारे में तो जरूरी हैं ! 🤔 अगर हमारी जमीन पर विकास कार्य करने वाले व्यक्ति से सच्चाई कहा जाए, तो कुछ किसानों ने यह सहमति दे दी है कि वे अपनी जमीन बेचने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते। इससे हमें उम्मीद है कि योजना से हमारी मदद होगी। लेकिन, सवाल यह तो बना रहेगा कि क्या इसके लिए हमारी जमीन पर विकास कार्य करने वाले व्यक्तियों ने हमारी सहमति ली है या नहीं।
 
मुझे लगता है कि ये योजना तो वास्तव में बहुत अच्छी लग रही है, लेकिन मैं थोड़ा सोचता हूँ कि क्या हमारी सरकार यहाँ तक पहुँच पाएगी, ये स्वाभाविक नहीं लगता... 🤔

मेरी खेतों में सिंहस्थ 2028 जैसी योजनाएँ हो सकती हैं तो अच्छे लेकिन अगर हमारी सरकार मुझे अपनी जमीन बेचने के लिए कहती है तो मैं नहीं दूंगा, मेरा घर तो मेरा ही है।

क्या हमारे पास साथ-साथ खेतों और शहर जैसी चीजें होती हैं, फिर भी यह योजना काम करेगी, ये सवाल मुझे लगता है... 🤷‍♂️
 
मैं सोचता हूँ, क्या लैंड पूलिंग एक्ट वास्तव में किसानों को फायदा करेगा? ये सवाल मुझे बना रहता है। ज्यादातर किसान अपनी जमीन बेचने से नहीं हिचकिचाते, बल्कि तैयार हैं। क्यों? क्योंकि वे समझते हैं कि अगर उन्हें 50 प्रतिशत भूमि मिल जाए तो उनकी आर्थिक स्थिति में फेराव नहीं आएगा।
 
बड़े बड़े देश में ऐसे योजनाएं बनाई जाती हैं तो हमें उनसे सोच-समझकर बात करनी चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि इस सिंहस्थ 2028 की योजना ने किसानों की जरूरतों पर विचार नहीं किया है। जमीन अधिग्रहण के बाद विकसित भूमि पर नियंत्रण तय करना एक बड़ा मुद्दा है... 🤔

मैं समझता हूँ कि किसानों को आर्थिक स्वतंत्रता चाहिए, लेकिन यह योजना उनकी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती। इसके अलावा, ऐसी बड़ी संख्या में लोगों को एक ही समय पर अपनी जमीन बेचनी पड़ेगी, तो यह तभी सही होगा जब हमें पता चलेगा कि योजना वास्तव में किसानों के हित में है या नहीं। 🌾
 
मेरे दोस्त, सिंहस्थ 2028 की योजना में एक अच्छा पहलकथा है 🤔। मध्यप्रदेश में जमीन अधिग्रहण और विकास कार्यों पर नियंत्रण कैसे होगा, यह सवाल अभी तक उत्तर नहीं दिया गया है। लेकिन, अगर सरकार इस योजना को अच्छी तरह से तैयार करती है तो इसमें किसानों को बेहतर अवसर मिल सकते हैं।

किसानों को यह जानना जरूरी होगा कि उनकी जमीन पर विकास कार्य किए जाएंगे, लेकिन उन्हें इसका फायदा भी मिलेगा। अगर सरकार इस बात पर ध्यान देती है तो इसमें किसानों के लिए कोई नुकसान नहीं होगा। 🌾
 
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