बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 'सत्ता का संग्राम' अमर उजाला का एक बड़ा चुनावी रथ। समस्तीपुर जिले में नेताओं से बातचीत के बाद पता चला है कि यहां के युवाओं को कई मुद्दों पर चिंता है। सरकारी नौकरी पाने की तीव्र इच्छा है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं और धांधली से युवाओं को निराशा हो रही है।
युवाओं के मन में कई सवाल हैं। विकास से लेकर सरकारी नौकरी तक, तमाम बुनियादी मुद्दों पर पूछना है। यहां के युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है, और सरकारी नौकरी के लिए तो उन्हें मोटी रकम परीक्षा की तैयारी पर खर्च करनी पड़ती है।
बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है, खासकर शिक्षित युवाओं में। उन्हें काम के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। यहां पर भी इस समस्या को दूर करने के लिए निजी क्षेत्रों को भी अपने योगदान के साथ आए रहना होगा।
युवाओं में सरकारी नौकरी पाने की तीव्र इच्छा है, लेकिन भर्ती परीक्षाएं अनियमित और धांधली से भर जाती हैं। उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग की है। यह मुद्दा सभी वर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन युवा मतदाता राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और खराब बुनियादी ढांचे को एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा मानते हैं।
इसलिए, 'सत्ता का संग्राम' अमर उजाला का यह चुनावी रथ मतदाताओं के बीच होगा, और सीधे उन्हीं से यह जानेगा कि वे किन मुद्दों पर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं।
युवाओं के मन में कई सवाल हैं। विकास से लेकर सरकारी नौकरी तक, तमाम बुनियादी मुद्दों पर पूछना है। यहां के युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है, और सरकारी नौकरी के लिए तो उन्हें मोटी रकम परीक्षा की तैयारी पर खर्च करनी पड़ती है।
बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है, खासकर शिक्षित युवाओं में। उन्हें काम के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। यहां पर भी इस समस्या को दूर करने के लिए निजी क्षेत्रों को भी अपने योगदान के साथ आए रहना होगा।
युवाओं में सरकारी नौकरी पाने की तीव्र इच्छा है, लेकिन भर्ती परीक्षाएं अनियमित और धांधली से भर जाती हैं। उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग की है। यह मुद्दा सभी वर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन युवा मतदाता राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और खराब बुनियादी ढांचे को एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा मानते हैं।
इसलिए, 'सत्ता का संग्राम' अमर उजाला का यह चुनावी रथ मतदाताओं के बीच होगा, और सीधे उन्हीं से यह जानेगा कि वे किन मुद्दों पर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं।