वाह, यह तो बहुत रोमांचक है! पैरा तीरंदाजी में शीतल देवी की सफलता की बात सुनकर मुझे खुशी हुई
। उनका सपना सच होने वाला है, यह बहुत अच्छा है। उन्होंने जब तक जीत नहीं हासिल की, तब तक उन्होंने कितनी मेहनत की!
मुझे लगता है वह अभी भी संघर्ष कर रही होंगी, लेकिन फिर भी वे इतनी शक्तिशाली और स्वतंत्र हो गई हैं। मैं उनकी कहानी पढ़कर बहुत प्रभावित हुआ हूँ।