SIR Phase II: एक दिन में पांच करोड़ से अधिक मतदाताओं को नामांकन फॉर्म वितरित, फरवरी में जारी होगी अंतिम सूची

सीर फेज टू नामांकन फॉर्म वितरित करने से पहले देश की एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को इस बारे में चिंता है। कई लोग कहते हैं कि इससे वोट डालने में कोई बदलाव नहीं आया।
 
भारतीय चुनावों में फिर से बदलाव आ रहा है, यह बात हर व्यक्ति को अच्छी तरह से पता है। लेकिन अब देश भर के एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को सीर फेज टू नामांकन फॉर्म वितरित करने से पहले चिंता होना उचित है क्योंकि कई लोग कहते हैं कि इससे वोट डालने में कोई बदलाव नहीं आया। हमारे देश में मतदाताओं की जागरूकता बढ़ाने और उनकी भागीदारी में सुधार करने पर ध्यान देने की जरूरत है।

अब यह सवाल उठ रहा है कि फॉर्म वितरित करते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। मतदाताओं को इस फॉर्म भरने में सहायता देने के लिए हमें प्रशिक्षित कराने की जरूरत है, ताकि कोई भी गलती के बाद सुधार न कर सके। इससे हमें अपने मतदाताओं को और अधिक जागरूक बनाने में मदद मिलेगी।
 
यह तो बहुत बड़ा जोखिम है! एक करोड़ से अधिक लोगों को एक ही फॉर्म दिया जाए तो तो यह तो और भी वोट ब्रिगेडिंग का मौका देगा। मुझे लगता है कि क्या यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि हर व्यक्ति अपनी स्वयं की पसंद से मतदान करे। 🤔

कुछ लोगों का कहना है कि इससे ऐसे लोगों को भी रोका जा सकता है जो दूसरों को धोखा देने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बड़ा प्रयास है। सिर्फ फॉर्म डालने से पर्याप्त नहीं होगा, इसके लिए और भी कई चीजें करनी पड़ेंगी। 😬
 
ये तो सचमुच एक बड़ा मुद्दा है ना? जब तक हमारी सरकार मतदान प्रणाली को सुधारने पर ध्यान देती है, तब तक ये सब कुछ कोई फेलेड थ्रिल ही रह जाएगा। मुझे लगता है कि एक करोड़ से अधिक लोगों की चिंता को नजरअंदाज करना भी बहुत शर्मinda है।

क्या हमें वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय, अपने मतदान अधिकार का सही उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता? मुझे लगता है कि अगर हम अपनी मतदान प्रणाली को सुधारते हैं और लोगों को इसके महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं, तो फिर यह सब एक अच्छी तरह से चलने वाला गेम हो सकता है।
 
🤔 यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि सीर फेज टू नामांकन फॉर्म वितरित करने से पहले मतदाताओं की राय लेना बिल्कुल सही नहीं था। मुझे लगता है कि इससे यह पता चलता कि हमारे देश में कैसे निर्णय लिए जाते हैं। अगर हमें इस बारे में पता नहीं था तो फिर सीर फेज टू कब करना चाहिए?

कुछ लोग कहते हैं कि इससे वोट डालने में कोई बदलाव नहीं आया और इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को अपनी छवि बनाने के लिए था। लेकिन अगर हम इस बात पर ध्यान दें तो यह सुनिश्चित है कि नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं हुई।
 
मुझे लगता है की ये सीर फेज टू नामांकन फॉर्म वितरित करने से पहले हमारे देश के बहुत से लोगों को चिंता हो रही है। मैं तो समझता हूँ कि इससे मतदाताओं की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन फिर भी यह सवाल उठता है की क्या ये वोट डालने में कोई बदलाव करेगा। मेरा मानना है की अगर हमारे देश के बहुत से मतदाता ये फॉर्म पाने में असमर्थ होंगे, तो इससे वोट डालने का कोई जरूरी बदलाव नहीं आयेगा। इसके अलावा, यह भी सवाल उठता है की हमारे देश में मतदाताओं की सूची पुरानी हो गई है, और अब तक की कुछ ऐसी गलतियों से इससे निपटने का समय आ गया है।
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा सवाल है... मतदाताओं पर जोर देने से फिर वोट डालने की समस्या नहीं सुलझती। पिछली बार भी ऐसा हुआ था, लगता है इस बार भी ना? लेकिन फिर क्यों यह बारे में इतना जोर दिया जा रहा है? मतदाताओं को जागरूक करने का मतलब है कि वे अपने मत का सही तरीके से उपयोग करें, न कि किसी को दबाकर देना। और क्या यह सब नहीं है बस एक धमकी? 🤔
 
बात ये तो सच्ची है ... 🤔 सीर फेज टू नामांकन फॉर्म वितरित करने से पहले लोगों में चिंता भरा माहौल है। यहाँ कुछ मतदाताओं को लगता है कि इससे उनकी स्वतंत्रता खत्म ह जाएगी। कई लोग कहते हैं कि यह फॉर्म वोट डालने की जगह दूसरों को दबाने का एक तरीका बन गया है। सीर फेज टू नामांकन प्रणाली में बदलाव करने से पहले हमें पता करना चाहिए कि यह वास्तव में मतदाताओं की सुरक्षा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा या नहीं। 🤝
 
मुझे लगा की यह बात सच में दुर्भाग्यस्पद है अगर सब से बड़ा मतदान कार्यक्रम होने के बाद भी मतदाताओं को अभी भी इस बारे में चिंता करनी पड़े। मुझे लगा की फिलहाल सरकार तो सब कुछ बहुत अच्छा कर रही है और लोगों को खुश रखने में विफल नहीं हो रही।

लेकिन मैं जानता हूं यह कुछ लोगों को हंसाने के बाद फिर भी सोचने पर मजबूर करेगा। फिर तो ये हमारे देश के मतदाताओं को किस तरह मोहित करने की कोशिश कर रहा है?

अब मैं फिक्र में नहीं रहता, लेकिन मुझे लगता है अगर सरकार वोट डालने की बात पर ध्यान देने लगे, तो वह और भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में गिर जाएगी।
 
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