SIR पर 2 नवंबर को सर्वदलीय बैठक: स्टालिन का एलान- मताधिकार से वंचित करने का करेंगे विरोध, वोट चोरी को हराएंगे

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तमिलनाडु में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक बैठक बुलाई है, जिसमें 2 नवंबर को सभी दलों की बैठक होगी।

पार्टी अध्यक्ष ने कहा, 'हम मताधिकार छीनने की किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे और वोट चोरी को नाकाम करेंगे।' पार्टी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग की तरफ से 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की गई है, जिसमें तमिलनाडु भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने बिहार में एसआईआर के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, 'इससे लोगों के बीच गंभीर संदेह पैदा हुआ है।'
 
मुझे लगता है यह तो बहुत ही चिंताजनक बात है 🤔 सारे दल एक साथ मिलकर बैठेंगे और कुछ समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन यह बात सच है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर बहुत सा सवाल उठते हैं... क्या वास्तव में यह चोरी या नहीं? 😬
 
🤔 यह तो मुझे बहुत चिंतित कर दिया है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की बात हो रही है। मैं समझ सकता हूं कि हमारे देश में कभी-कभी गलतों को ढूंढने की जरूरत होती है, लेकिन इससे हम मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अगर यह सच है कि तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में लोगों को मतदाता सूची से हटाने की कोशिश की जा रही है, तो इससे देश में मतदाताओं की विश्वासता और भरोसे की भावना टूट सकती है। 🙅‍♂️
 
मैंने भी ऐसी चीजें सुनी थीं जब मुझे अभी 30 वर्ष थे। किसी का भाई भी ऐसा नहीं कर सकता। मतदाता सूची में लोगों को हटाने की बात है तो यहां तक कि कुछ छोटे शिक्षक भी नहीं कर सकते इसका प्लान। मैं कहूँगा, जैसे कोई राजनीतिज्ञ मतदाताओं पर अपनी शक्ति चालने लगे तो वे बुरी तरह फेल होंगे।
 
यह तो बहुत चिंताजनक! मुझे लगता है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बैठक बुलाना जरूरी है, लेकिन यह तो एक सावधानीपूर्वक और न्यायपूर्ण तरीके से करना चाहिए। मैं सोचता हूँ कि यह बातें मतदाताओं को डराने-धमकाने की नहीं हैं, बल्कि उन्हें सूचित करने की हैं।

कुछ राज्यों में लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं तो यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन अगर यह ऐसा नहीं है, तो कौन से लोग इससे प्रभावित हुए हैं, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर कोई समान रूप से अपना मत डाले, तो हमें सावधानी से देखना चाहिए।

मुझे लगता है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि एसआईआर का उद्देश्य वोट चोरी को रोकना है, लेकिन इससे लोगों के बीच गंभीर संदेह पैदा नहीं होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई अपना मत डाल सके, और वोटों की गुणवत्ता को बनाए रखें।
 
बस वाह, यह चुनाव प्रेक्षक्स के लिए बहुत रोमांचक रहेगा 🤯. मुझे लगता है कि एसआईआर की बात होने से चुनावी माहौल में थोड़ा तनाव बढ़ सकता है। लेकिन मैंने पार्टी अध्यक्ष की बात सुनी, तो शायद यह सब कुछ अच्छाई की नियति से हुआ होगा। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग और राज्य सरकारें एक दूसरे को सावधान रखें, इससे कोई भी पक्ष फायदा नहीं कर सकता।
 
तो भाई, यह चुनाव आयोग की बात कर रही है, लेकिन मैं सोचता हूँ कि फिर से मतदाता सूची में ऐसे कई गलतियाँ दिखाई पड़ रही हैं, तो क्या इससे अच्छा कोई विकल्प नहीं है? जैसे बिहार में बड़ी संख्या में लोगों के नाम हटाकर, लेकिन फिर भी गंभीर संदेह पैदा हुआ है। क्या चुनाव आयोग को बस एसआईआर करके यह समस्या हल करने में सफल होने वाला है?
 
मुझे लगता है कि चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की घोषणा करने की बात में एक और तरीका हो सकता है, जैसे कि मतदाता सूची की सत्यापन प्रक्रिया को थोड़ा सुधारना। यह तो अच्छा है कि मुख्यमंत्री ने इस बारे में चिंता व्यक्त की है, लेकिन यह भी जरूरी है कि हम मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करें।
 
🤣👀 मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अपने मंत्रिमंडल को सूचित किया कि अब मतदाताओं की सूची पर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर भी होंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पूर्ण पुरुष ही मतदान कर सकें! 🤪👴
 
मतदान की प्रक्रिया में ऐसी चालें करना सही नहीं है, जिससे किसी भी समूह को अपने मताधिकार से वंचित किया जाए।
हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हर एक नागरिक को अपने मत का प्रयोग करने का मौका मिले।
 
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