Srinagar Blast: अमोनियम नाइट्रेट की पहली बार जांच कर रही थी टीम, सैंपल लेते ही थाने में हुआ धमाका; चूक तो हुई

श्रीनगर में शनिवार को हुए धमाके में, अमनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए पुलिस टीम में तीन बोरियां ही भरे थे। इससे पहले जांच में लगी थी, लेकिन जानबूझकर उस पर ध्यान देने का प्रयास किया गया। श्रीनगर में रात में शनिवार को हुए इस धमाके में पुलिस टीम ने 10 बोरियों में भरी अमोनियम नाइट्रेट की जांच कर ली थी, लेकिन तीन बारियों में से तीन भी भरने का काम नहीं हुआ। इस धमाके में पुलिसकर्मियों और नागरिकों को गंभीर चोट पहुंची। इस घटना पर जांच कर रही एफएसएल टीम ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए थी, लेकिन तीन बारियों में भी भरने का काम नहीं हुआ। यहां पर इस्तेमाल की गई 8 बोरियों में से तीन ही भरी जा सकी थी।
 
अरे, ये बहुत ही चिंताजनक बात है… मुझे लगता है कि पुलिस टीम ने बहुत अच्छी तरह से काम किया, लेकिन फिर भी यह घाटिलक हुआ। मैं समझ नहीं पाऊंगा कि तीन बरियों में भरने का काम इतना जटिल था कि उस पर ध्यान देने का प्रयास कर दिया गया। और यह भी बात है कि 8 बरियों में से केवल 3 ही भरी जा सकी, तो फिर यह कैसे संभव हुआ? मुझे लगता है कि इसमें गड़बड़ी थी।
 
मुझे ये सब सुनकर बहुत आश्चर्य हो गया 🤯, तो भी क्यों कोई ऐसा काम नहीं कर पाता जिसमें अमनियम नाइट्रेट भरने का काम आसान हो जाए? 😂 तुम्हारे देश में इतनी सारी सुरक्षा उपाय होते हैं और फिर भी ऐसी चीजें होती रहती हैं। लेकिन फिर भी मैं समझता हूं कि यह सब एक बड़े जोखिम का हिस्सा है 🚨, तो ये सोचिए कि अगर हमारे देश में ऐसी चीजें न होती तो हम कैसे सुरक्षित रहते? 😊
 
🤔 यह घटना बहुत चिंताजनक है, और पुलिस टीम ने ऐसा क्या गंवाया? तीन भी भरने का काम नहीं हुआ, तो इससे फिर से क्या मिलेगा? 😕 अमोनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए थी, लेकिन तीन बारियों में भी भरने का काम नहीं हुआ, यह बहुत अजीब है। 🤷‍♂️ पुलिसकर्मियों और नागरिकों को गंभीर चोट पहुंची, इसे देखने से मन में खुशी नहीं हुई, 😔 और जांच कर रही एफएसएल टीम ने यह भी बताया कि अमोनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए थी, लेकिन तीन बारियों में भी भरने का काम नहीं हुआ, यह बहुत अजीब है। 🤷‍♂️
 
मेरे दिल को टूट गया है जब मैंने ऐसी खबर सुनी, जैसी कि श्रीनगर में धमाका हुआ और पुलिसकी इस बेकार कोशिश का पता चला, जिसमें उनकी तीन बोरियां ही भरी गईं, जबकि दो बारियों में भी भरने का खेल नहीं हुआ। ये क्या चमत्कार है कि पुलिस ने अपनी तीन बोरियों में सैंपलिंग करने का फैसला किया, जबकि दो बारियों पर भी भरने का मौका नहीं मिला। यह एक बहुत बड़ा खेद है, जिससे पुलिसकी कोशिशें व्यर्थ चल गईं और लोगों को गंभीर चोट लगी। मैं सोचता हूं, अगर पुलिस ने अपनी बाकी 7 बोरियों पर भी भरने का खेल नहीं किया, तो यह धमाका तब तक जारी रहता।
 
अरे, ये तो बहुत बड़ा चिंताजनक है! शनिवार को हुआ धमाका तो फिर भी पुलिस टीम ने तीन बारियों में सैंपलिंग करने की कोशिश की, लेकिन भरने का काम नहीं हुआ। यह तो एक बड़ा सवाल है कि क्या उन्हें पता था कि उनमें फैलोड हो सकता है? और पुलिसकर्मियों और नागरिकों की जान जोखिम में आ गई, तो यह तो बहुत बड़ी चिंता है।
 
अरे, यह एक बहुत बड़ा सवाल है... श्रीनगर में ये धमाका हुआ, लेकिन पुलिस टीम ने कैसे ऐसा कर दिया? 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए तीन भी भरने का काम नहीं हुआ... यह एक बहुत बड़ा सवाल है, क्या वो पुलिसकर्मी जानते थे कि भारी आंकड़े भरेंगे या नहीं। इससे पहले भी जांच में लगी थी, लेकिन फिर भी ऐसा हुआ... यह एक बड़ा सवाल है।
 
😱 यह तो बहुत बड़ा दुर्भाग्य है 🤕 श्रीनगर में ऐसा धमाका हुआ, पुलिसकर्मियों और नागरिकों को भी गंभीर चोट पहुंची। इससे पहले जांच में लगी थी, लेकिन फिर भी उन पर ध्यान देने का प्रयास किया गया। यह तो बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि तीन बारियों में से तीन भी भरने का काम नहीं हुआ। 🤯 मुझे लगता है कि इस घटना की जांच कर रही एफएसएल टीम ने खुद भी आश्चर्य हुआ होगा। अमोनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए, लेकिन तीन बारियों में भी भरने का काम नहीं हुआ। यह तो बहुत बड़ा दुर्भाग्य है और मुझे लगता है कि इस घटना की जांच करना बहुत जरूरी है। 😔
 
यार तुम्हें पता होगा कि अमोनियम नाइट्रेट से भरी पुलिस टीम में भी चोट पहुंच सकती है! 🤣 श्रीनगर में धमाके में पुलिसकर्मियों और नागरिकों को गंभीर चोट पहुंची, लेकिन मुझे लगता है कि सबसे बड़ी चोट तीन बोरियों में भरने का खेल हुआ! 😂 क्या यह एक नया खेल है? अमोनियम नाइट्रेट से भरी पुलिस टीम में तीन बारियां भी भरने का काम नहीं होता, लेकिन अभी तो ऐसा ही हुआ! 🤦‍♂️
 
यह तो पुलिस वालों की निजता का बहुत बड़ा उल्लंघन हुआ। अमनियम नाइट्रेट से भरी 10 बोरियों में सैंपलिंग करते हुए तो तीन भी भरने का काम नहीं हुआ? यह तो एक बड़ा मुद्दा है और इस पर पुलिस वालों को अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके अलावा, यह घटना ने हमें सोचने पर मजबूर किया है कि हमारे देश में सुरक्षा और स्वास्थ्य की जांच में भी बहुत मुश्किलें आ रही हैं।
 
अरे, ये ऐसा लगता है कि पुलिस टीम में चीजों को कोई समझ नहीं पाता। अगर उन्हें पता होता तो कि 3 बोरियां भरने का काम नहीं हुआ, तो उन्हें पहले से ही जांच करनी चाहिए कि क्या सब ठीक है। लेकिन लगता है कि वे किसी निश्चित कारण से ऐसा कर रहे थे। यह अच्छा नहीं है, खासकर जब पुलिसकर्मियों और नागरिकों को गंभीर चोट लग गई। मुझे लगता है कि अगर सरकार में भी जांच होती, तो ऐसी बातें कभी नहीं होतीं। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि आगे से ऐसी चीजें नहीं होंगी।
 
जी वाकई यह बहुत डरावना है कि पुलिस टीम ने अमनियम नाइट्रेट की जांच कर रही थी, लेकिन फिर भी तीन बारियों में सैंपलिंग करने में असफलता। यह सोचने पर मजबूर है कि क्या यह एक दुर्घटना थी या कुछ और। मुझे लगता है कि पुलिस टीम ने इसमें बहुत धैर्य से काम करना होगा, लेकिन फिर भी तीन बारियों में भरने का काम नहीं हुआ। यह घटना से हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी पुलिस टीम कैसे सुरक्षित रहेगी।
 
यह तो बहुत गंभीर मामला है, मुझे लगता है कि कुछ गलत चालू है। पुलिस टीम ने अमनियम नाइट्रेट से भरी बोरियां जांच कर ली, लेकिन तीन भी नहीं भर पाए? यह तो कैसे हो सकता है? और गंभीर चोट लगने वाले लोगों के परिवार को देखकर मुझे बहुत दुख होता है। मैं इस घटना की पूरी जांच करना चाहता हूं, क्या यह एक दुर्घटना थी, या फिर कुछ और? मुझे लगता है कि किसी ने यह तो बहुत बुद्धिमानी से किया होगा।
 
इस तरह की घटनाएं होने के लिए क्यों हमारे देश में ऐसी स्थिति बनती रहती है? और पुलिस टीम को भी ऐसे व्यवहार करने की अनुमति देना कैसे? यह तो एक बड़ा सवाल है कि लोगों की जान सुरक्षा के लिए ऐसी चिंतनशीलता क्यों नहीं होती। और फिर भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। मुझे लगता है कि हमें अपने देश की सुरक्षा के बारे में और अधिक जागरूक रहना चाहिए।
 
वाह यार! यह तो बहुत बड़ा संदेह है 🤔, लेकिन अगर सच में तीन बारियां भरने का काम नहीं हुआ तो यह तो बहुत गंभीर मुद्दा है। पुलिस टीम की यह देरी ने बहुत से लोगों को घायल कर दिया। मुझे लगता है कि जांच में सावधानी बरतनी चाहिए और सभी स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए। इससे पहले यह तो अच्छा था कि सैंपलिंग करते समय पूरी बोरी भरी जाए, लेकिन अब लगता है कि पूरी बोरी भरने के बजाय तीन भागों में से एक भर दिया गया है। यह तो बहुत बड़ा सवाल है 🤷‍♂️
 
बड़े बुरे, बड़े बुरे। श्रीनगर में धमाका हुआ तो एफएसएल टीम तुरंत आ गई, लेकिन यहां पर तीन बारियों में सैंपलिंग करने का काम नहीं हुआ। यह तो बहुत बड़ा सवाल है, क्या पुलिस कर्मचारी अपने काम में धीमे चल रहे हैं? क्या श्रीनगर में जांच में बेरहमी से खेल रहे हैं?

कम से कम 10 बोरियों में सैंपलिंग करने का प्रयास हुआ, लेकिन तीन भी भरने का काम नहीं हुआ। यह तो बहुत बड़ा प्रश्न है, क्या पुलिस कर्मचारी अपने डॉटेशन में धूम रहे हैं?
 
अरे, यह धमाका नजदीक से देखा गया है, बस इतना ही तो लगता है कि पुलिस टीम की तैयारी में थोड़ा सा कमजोरी आ गई है। ये 8 बोरियों में से तीन कैसे न भरने दिए गए? यह एक बड़ी गलती हो सकती है और इसके लिए पुलिसकर्मियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
 
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