जस्टिस सूर्यकांत शपथ लेंगे, गवई का पद छोड़ देगा
जस्टिस सूर्यकांत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने, बिहार मतदाता सूची समीक्षा व पेगासस स्पाइवेयर केस जैसे कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। बतौर सीजेआई उनका कार्यकाल करीब 15 माह का होगा।
निवर्तमान सीजेआई जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि वह सेवानिवृत्ति के बाद कोई सरकारी पद नहीं लेंगे। उन्होंने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली का पुरजोर बचाव किया। गवई ने अपने कार्यकाल के दौरान किसी महिला जज की नियुक्ति न करने पर अफसोस जताया।
गवई ने लगभग सभी जरूरी मुद्दों पर बात की। इसमें जूता फेंकने की घटना, न्यायपालिका में लंबित मामले, राष्ट्रपति संदर्भ पर उनके फैसले की आलोचना, अनुसूचित जातियों में क्रीमी लेयर को आरक्षण के फायदों से बाहर रखने जैसे विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैंने कार्यभार संभालने के साथ ही साफ कर दिया था कि मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई भी आधिकारिक काम नहीं लूंगा।
जस्टिस सूर्यकांत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने, बिहार मतदाता सूची समीक्षा व पेगासस स्पाइवेयर केस जैसे कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। बतौर सीजेआई उनका कार्यकाल करीब 15 माह का होगा।
निवर्तमान सीजेआई जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि वह सेवानिवृत्ति के बाद कोई सरकारी पद नहीं लेंगे। उन्होंने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली का पुरजोर बचाव किया। गवई ने अपने कार्यकाल के दौरान किसी महिला जज की नियुक्ति न करने पर अफसोस जताया।
गवई ने लगभग सभी जरूरी मुद्दों पर बात की। इसमें जूता फेंकने की घटना, न्यायपालिका में लंबित मामले, राष्ट्रपति संदर्भ पर उनके फैसले की आलोचना, अनुसूचित जातियों में क्रीमी लेयर को आरक्षण के फायदों से बाहर रखने जैसे विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैंने कार्यभार संभालने के साथ ही साफ कर दिया था कि मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई भी आधिकारिक काम नहीं लूंगा।