तेलंगाना में SLBC टनल पर सियासत गर्म! रेवंत रेड्डी ने KCR पर साधा निशाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को एक बड़े पैमाने पर अवसर पर SLBC टनल के शुभारंभ को मंगलवन बना दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सरकार के प्रतिबद्धता और बीजेपी सरकार से तुलनात्मक रूप से बड़े हाथों वाली पार्टी बनने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, "पूर्ववर्ती BRS सरकार पर हमें आरोप लगाना होगा कि उन्होंने इस लंबित परियोजना को पूरा करने से रोक दिया।" यह परियोजना कृष्णा नदी से 30 TMC पानी उठाकर 3 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है, जिसकी अनुमानित लागत अब 4600 करोड़ रुपये हो गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, "हमारी सरकार मिर्जागुड़ा में हाल ही में हुई दुर्घटना के बाद लोगों को उचित मुआवजा देगी। हम उनकी शिकायतों का समाधान करने के लिए तैयार हैं।"

इस अवसर पर उन्होंने KCR सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस प्रतिष्ठित SLBC टनल का काम राजनीतिक कारणों से जानबूझकर रोक दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "1983 में शुरू हुई यह परियोजना अगर समय पर पूरी होती तो इसका खर्च लगभग 2000 करोड़ रुपये होता, लेकिन आज के समय में लागत 4500 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है।"

इस अवसर पर उन्होंने सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी की सराहना की और कहा, "उन्होंने सुरंग की खुदाई के लिए सेना के अधिकारियों को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।"
 
मैंने तेलंगाना में इस पूरे घटनाक्रम को देखा है और यह अच्छी तरह से सोचा हुआ विचार था कि सरकार ने यहां तक पहुंचाने के लिए कई साल लग गए। now तो मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के बाद उन लोगों को ज़रूरत पड़ी और अब तेलंगाना में सरकार ने उनकी मदद करने का प्रयास किया। मैं यह सोच रहा था कि क्या यह तीन लाख एकड़ जमीन कृष्णा नदी से 30 TMC पानी उठाकर सिंचाई सुविधा देने का वास्तविक लक्ष्य है या नहीं। मुझे लगता है कि अगर हम अपने राज्य को सफल बनाने की कोशिश करें, तो हमें पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरीकों से सोचकर आगे बढ़ना होगा।
 
मैंने देखा है कि बीजेपी नेता तेलंगाना में कितने बड़े बोलबाले करते हैं लेकिन वो लोग कभी भी सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए कुछ नहीं करने देते। SLBC टनल को शुभारंभ करने पर उन्होंने इतनी बड़ी बातें कही हैं परंतु हमें पता चलने देना चाहिए कि वो कितनी सच्चाई से भरी हैं।
 
मुझे लगता है कि यह SLBC टनल परियोजना बहुत जरूरी है, लेकिन मैं थोड़ा संदेह रखता हूँ। क्या यह वास्तव में 4500 करोड़ रुपये तक बढ़ी हुई लागत से पूरा हो सकता है? मुझे लगता है कि हमें इस परियोजना को धीरे-धीरे और सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हम इसकी लागत कम कर सकें। और यह बात भी है, कि सरकार ने दुर्घटना के मामले में उचित मुआवजा देने की प्रतिज्ञा की है, लेकिन मैं यह जानना चाहता हूँ कि मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना से वास्तव में क्या हुआ था। 🤔🚧
 
कोई फर्क क्या पड़ता कि SLBC टनल का काम कब शुरू हुआ, या किसने इसका वादा किया, इस बात पर राजनीति करना तो ठीक है, लेकिन काम पर ध्यान देने से भी न मिले। 4500 करोड़ रुपये तक बढ़ जाने से यह तो कुछ भी नया नहीं है 🤔
 
ਭारत में ਪानी कੀ ਖपत ਜਿਹੋ ਜਿਹੀ, ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਵੀ ਰੁਚੀ ਵਾਲੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਗਏ। SLBC टनल ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਕਈ ਹੜ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਹੋਈ, ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੁਝ ਪਛਤਾਓ ਆਏ। 1983 ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਈ ਇਸ ਪਰਿਆਈ ਨੂੰ ਦੇਖ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਮਨ ਉੱਠ ਗਿਆ।
 
क्या बात, 4500 करोड़ रुपये तक बढ़ी हुई लागत वाली इस परियोजना के लिए अब तो सिर्फ मुआवजा देने की बात कहकर सारा शोक मिटाना आसान नहीं है। मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के मामले में भी फिकर करने लगे तो लोगों को ठीक से मुआवजा न देने का मुकाबला कर लिया जा सकता था।
 
तेलंगाना सरकार द्वारा क्या कहा जा रहा है, यह तो अच्छा है कि उन्होंने SLBC टनल का शुभारंभ किया। लेकिन, मैं सोच रहा हूँ कि क्या वास्तव में वे इस परियोजना को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं या नहीं। 4600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत तो बहुत अधिक है, यह तो सोचकर हैरान हो जाते हैं।

और, मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, "हमारी सरकार लोगों को उचित मुआवजा देगी।" लेकिन, यह तो एक अच्छी बात नहीं है कि वे पहले से ही अपनी सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने की कोशिश नहीं की, इसके बजाय उन्होंने राजनीतिक कारणों से इसे धीमा कर दिया। यह तो गलत है और लोगों के साथ बुरा व्यवहार है।

किसी भी सरकार को अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें सुधारने की कोशिश करनी चाहिए, न कि फिर से उसी गलती को बनाए रखना।
 
तेलंगाना में SLBC टनल का शुभारंभ बहुत उत्साहजनक है, लेकिन इसके पीछे की स्थिति को देखकर एक सवाल उठता है कि यह परियोजना कब से लंबित है और क्यों नहीं शुरू हुई? 1983 में शुरू होने वाली इस परियोजना ने लगभग 42 साल लग गए, जिसमें इतने सारे राजनीतिक बदलाव भी आये।
 
तेलंगाना सरकार ने SLBC टनल पर काम जोरदारी से शुरू किया है तो फिर भी कई समस्याएं मौजूद हैं... 🤔 3 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य दिखा रही है, लेकिन कितना वास्तविक परिणाम आ गया है?

मुझे लगता है कि कृष्णा नदी से 30 TMC पानी उठाकर किसी भी तरह से जमीनों को सिंचाई सुविधा देने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसमें बहुत समय लगेगा... 🕰️

क्या मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के बाद लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा? या फिर सरकार ने फिर से अपनी प्रतिभा और वादे की तरह मायावी चाल चलना शुरू कर देगी... 🤷‍♂️
 
तेलंगाना में SLBC टनल शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार तो दुर्घटनाओं के बाद लोगों को उचित मुआवजा देगी, लेकिन मिर्जागुड़ा दुर्घटना से अलग, अगर हमें आरोप लगाना है तो BRS सरकार ने इस पूरी परियोजना को पूरा करने से रोक दिया। यह सोचकर हैरान होना चाहिए कि एक सरकार ने इतनी बड़ी लागत में काम कर रहा हो।"

क्या हमें लगता है कि इस प्रोजेक्ट पर सरकार को और अधिक जिम्मेदारी देनी चाहिए?
 
अरे वाह! यह तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी जी ने सोमवार को SLBC टनल के शुभारंभ को बहुत खुशनुमा बना दिया। लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होना भी अच्छी बात है, जल्द ही हमें 3 लाख एकड़ जमीन पर सिंचाई सुविधा मिलने वाली।

लेकिन क्रिश्ना नदी से पानी उठाकर ऐसी बड़ी परियोजना शुरू करना भी कठिन हो सकता है। तेलंगाना की जलवायु बहुत गर्म है, लोगों को पानी मिले, तो हमें यह जानबूझकर करने की जरूरत नहीं है कि लोग सिंचाई सुविधा का फायदा उठाएं।
 
तेलंगाना में SLBC टनल के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बहुत बड़ा बयान दिया है 🤔। उनका कहना है कि पूर्व सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने से रोक दिया। लेकिन यह सवाल उठता है कि उनकी सरकार ने पहले से तैयारी नहीं की थी, इसलिए इतनी बड़ी लागत बढ़ गई।

मुख्यमंत्री ने मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के बाद लोगों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। यह अच्छी बात है, लेकिन सरकार को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी।

यह भी सवाल उठता है कि क्यों इतनी बड़ी लागत हुई। अगर 1983 में शुरू हुई यह परियोजना समय पर पूरी होती, तो इसका खर्च लगभग 2000 करोड़ रुपये होता।
 
मिर्जागुड़ा दुर्घटना की न्यायिकता सुनना ही ज्यादा मुश्किल है... और SLBC टनल पर काम करने की देरी तेलंगाना की अर्थव्यवस्था को कैसे अच्छा लगेगा? 🤔

तेलंगाना सरकार किस तरह के विकास प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देगी, जिसमें 2025 में हुए फसल क्षेत्र विस्तार पर सुधार की बात की जाती रहेगी, और सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी को कितना महत्व दिया जाएगा? 📈

कई सवाल हैं, लेकिन एक बात तय है - इस SLBC टनल पर काम करने वाली सरकार में बहुत बड़ा बदलाव आयेगा, और सिंचाई क्षेत्र में तेलंगाना को फिर से आगे बढ़ने का रास्ता मिल जाएगा। 🚧

👉 [SLBC टनल पर विस्तारित चर्चा](https://link.to/slbctunnel-discussion)

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बड़ा बिगाड़ा हुआ तेलंगाना ! 😅 मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने SLBC टनल का शुभारंभ सोमवार को बड़े पैमाने पर अवसर पर कर दिया, और आज भी ऐसा लगता है कि जंग का समय आ गया है ! 🎉 बीजेपी सरकार से तुलनात्मक रूप से बड़े हाथों वाली पार्टी बनने का आश्वासन, यह कोई चमत्कार नहीं है, लेकिन मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के बाद लोगों को उचित मुआवजा देने की बात भी अच्छी सुनती है ! 🤝

लेकिन मुझे लगता है कि जैसे ही SLBC टनल का शुभारंभ हुआ, तेलंगाना सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने से रोकने की कोशिश की, यह तो बड़ा खिलौना है ! 🎊 और अगर यह परियोजना 1983 में शुरू हुई थी तो आज के समय में लागत इतनी बढ़ गई है, यह तो सरकार की नाक के बलगम से भी नहीं जानती कि क्या करे ! 😂
 
मुख्यमंत्री की बात समझ में आती है 🤔, वो सरकार तेलंगाना को अच्छा दिखाने की कोशिश कर रही है। लेकिन क्या यह सच है कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया? 🤷‍♂️ Wow
 
🤔 मुझे लगता है कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए हमें काफी प्रयास करने होंगे। SLBC टनल के शुभारंभ के बाद, मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार इस परियोजना को पूरा करेगी। 🙏 जैसे ही हमें विश्वास होना चाहिए कि उनकी सरकार इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करेगी। 💪 बीजेपी सरकार से तुलनात्मक रूप से बड़े हाथों वाली पार्टी बनने का आश्वासन देने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा करेगी। 🕒 4600 करोड़ रुपये तक बढ़ी लागत पर ध्यान देना भी जरूरी है। 💸
 
🚧 यह तो बड़ी मेहनत थी, 1983 से भी लंबी समय से चली आ रही यह परियोजना। मुख्यमंत्री का कहना है कि BRS सरकार ने इसे रोक दिया, लेकिन क्या सचमुच उन्होंने इसको रोक दिया था या बस काम शुरू करने से पहले ही उस पर रुकव दिया था? और मिर्जागुड़ा में दुर्घटना के लिए मुआवजा तो देना होगा, लेकिन इसके लिए तैयार क्या हैं सरकार की?
 
तेलंगाना में SLBC टनल के शुभारंभ पर देखा, अच्छा सोचा। पूर्ववर्ती सरकार ने ऐसी बड़ी परियोजनाओं को लेकर कितना गड़बड़ हुआ, यह भी सोच रहा था। मिर्जागुड़ा में हुई दुर्घटना के बाद तेलंगाना सरकार को मुआवजा देने का प्रयास करना चाहिए।
 
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