दिल्ली के लाल किला पर हुए आतंकी विस्फोट मामले में जांच ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 10 नवंबर की शाम हुए इस धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक घायल हुए थे। अब केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को 'आतंकी घटना' घोषित कर दिया है।
सरकार ने पुष्टि की है कि यह विस्फोट कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित आतंकी हमला था। धमाके से जुड़ी FIR पहले ही यूएपीए (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया-'देश ने 10 नवंबर की शाम लाल किला के पास एक घिनौनी आतंकी घटना देखी, जो राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा की गई थी।'
जांच एजेंसियों ने इस विस्फोट से जुड़ी फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद घबराहट में किया गया विस्फोट। शुरुआती जांच में यह संभावना जताई गई है कि जैसे ही पुलिस फरीदाबाद के मॉड्यूल के करीब पहुंची, संदिग्धों ने घबराहट में धमाका कर दिया।
फरीदाबाद से पकड़े गए डॉक्टरों के मोबाइल फोन की जांच में पुलिस को टेलीग्राम चैट्स में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद हैंडलर्स से बातचीत के प्रमाण मिले हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी उच्च शिक्षित और कट्टर विचारधारा से प्रभावित हैं।
लाल किला विस्फोट मामले की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को तीसरी संदिग्ध कार भी मिल गई है। सूत्रों के अनुसार, यह वही मारुति ब्रेजा है, जिसके इस्तेमाल का शक आरोपियों पर था।
गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने मीडिया से कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि शाहीन इस राह पर जाएगी। उनके दो बच्चे हैं।
जांच एजेंसियों ने तुर्किए यात्रा की पुष्टि की है। आरोपी डॉक्टर उमर नबी और उसका साथी डॉ. मुजम्मिल शकील गनाई वर्ष 2022 में तुर्किए गए थे।
जांच एजेंसियों ने अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोट की असली योजना किसने बनाई, और क्या इस नेटवर्क का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो इस आतंकी साजिश की पूरी तस्वीर सामने लाएंगे।
सरकार ने पुष्टि की है कि यह विस्फोट कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित आतंकी हमला था। धमाके से जुड़ी FIR पहले ही यूएपीए (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया-'देश ने 10 नवंबर की शाम लाल किला के पास एक घिनौनी आतंकी घटना देखी, जो राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा की गई थी।'
जांच एजेंसियों ने इस विस्फोट से जुड़ी फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद घबराहट में किया गया विस्फोट। शुरुआती जांच में यह संभावना जताई गई है कि जैसे ही पुलिस फरीदाबाद के मॉड्यूल के करीब पहुंची, संदिग्धों ने घबराहट में धमाका कर दिया।
फरीदाबाद से पकड़े गए डॉक्टरों के मोबाइल फोन की जांच में पुलिस को टेलीग्राम चैट्स में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद हैंडलर्स से बातचीत के प्रमाण मिले हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी उच्च शिक्षित और कट्टर विचारधारा से प्रभावित हैं।
लाल किला विस्फोट मामले की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को तीसरी संदिग्ध कार भी मिल गई है। सूत्रों के अनुसार, यह वही मारुति ब्रेजा है, जिसके इस्तेमाल का शक आरोपियों पर था।
गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने मीडिया से कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि शाहीन इस राह पर जाएगी। उनके दो बच्चे हैं।
जांच एजेंसियों ने तुर्किए यात्रा की पुष्टि की है। आरोपी डॉक्टर उमर नबी और उसका साथी डॉ. मुजम्मिल शकील गनाई वर्ष 2022 में तुर्किए गए थे।
जांच एजेंसियों ने अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोट की असली योजना किसने बनाई, और क्या इस नेटवर्क का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो इस आतंकी साजिश की पूरी तस्वीर सामने लाएंगे।