TOP News: काशी से पीएम मोदी देंगे वंदे भारत की सौगात, अमेरिका ने किया G20 समिट का बहिष्कार; पढ़ें बड़ी खबरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से एक अनोखा उपहार लेकर आएंगे। वह अपने चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएगा। ये नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बंगलूरू रूटों पर चलेंगी।

काशी में वंदे भारत ट्रेन का हरियाली नाम क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल देर रात चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने की तैयारी की। यह ट्रेनें काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं। बनारस-खजुराहो रूट पर चलने वाली ट्रेन को 'काशीपुर' नाम दिया गया है, जिसका मकसद काशी की संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देना है।

मोदी सरकार के इस फैसले से पर्यटन और आर्थिक विकास के दायरे में एक नई दिशा निकलने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।

श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की है कि जी20 शिखर सम्मेलन में कोई भी अमेरिकी अधिकारी हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने इसके पीछे का कारण वहां श्वेत किसानों के साथ किए जा रहे 'दुर्व्यवहार' बताया है।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में बनारस की यात्रा पर गए थे, लेकिन वहां उन्हें दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, "मैं यहाँ बनारस की संस्कृति और इतिहास को जानने आया हूँ, लेकिन मुझे व्यर्थ दिखाई दे रहा है।"

इस बीच, अमेरिका ने ग20 सम्मेलन में भाग नहीं लेने की घोषणा की थी।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने व्यवस्था

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी कार्यालयों का समय बदल दिया है। अब सर्दियों में दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक, जबकि नगर निगम के कार्यालय सुबह 8.30 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे।
 
काशी ट्रेनों का हरियाली नाम बहुत अच्छा है 🌿 मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह ट्रेनें तो न केवल पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए बल्कि सांस्कृतिक महत्व को भी बढ़ावा देने के लिए बनाई हैं। इससे यात्रियों को काशी की पवित्रता और संस्कृति को समझने का अवसर मिलेगा। शायद यह ट्रेनें न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगी, बल्कि हमारी देश की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रस्तुत करेंगी।
 
बाबू जी, यह तो बहुत अच्छा काम है काशी में वंदे भारत ट्रेनों को हरियाली दिखाने का। लेकिन, मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने थोड़ी सी चिंता नहीं ली कि ये ट्रेनें कैसे चलेंगी? काशी तो बहुत पवित्र जगह है, वहाँ पर खुलकर पूजा-पाठ और विशेष अवसरों पर सभी का मिलन होता है। लेकिन, यह ट्रेनें कहां से आ रहीं हैं?
 
काशी से ट्रेनें लाने का फैसला तो अच्छा है, पर सोचिये कि इन ट्रेनों के साथ यात्रियों की जानकारी भी दी, तो निकल गया था! बनारस-खजुराहो रूट पर चलने वाली 'काशीपुर' ट्रेन के बारे में लोगों को पता होना चाहिए, क्योंकि वहां की संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देने का मकसद किया गया है। 🚂

और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में तो वह कह रहे हैं कि श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन यह तो गोलमेज की बात है! 🙄

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ये व्यवस्था अच्छी है, अब दिल्ली में हवा साफ होने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी। 🌟
 
यह तो बहुत अच्छी बात है! मोदी जी ने वंदे भारत ट्रेनों को हरियाली झंडा दिखाने का फैसला किया है, यह काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। 😊🚂

श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में ट्रंप जी ने कहा, लेकिन हमें लगता है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें अपने देश में शांतिपूर्ण तरीके से समस्याओं का समाधान करना चाहिए। 🙏🌎

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने व्यवस्था की है, जो बहुत अच्छी बात है। हमें अपने देश को स्वच्छ और प्राकृतिक बनाने के लिए हमेशा प्रयास करना चाहिए। 🌿💚
 
नरेंद्र मोदी को बिल्कुल नहीं समझौता करना चाहिए। उन्होंने काशी में वंदे भारत ट्रेनों को हरियाली नाम दिया है, जो तो हमारी संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। ये फैसला पर्यटन और आर्थिक विकास की नई दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार बताया, लेकिन हमें अपने देश के बाहर की चिंताएं नहीं करनी चाहिए। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने व्यवस्था की, जिससे हमारे शहर की स्वच्छता में सुधार होगा। 😊🌿
 
मेरा ये सोचना बहुत अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं! यह सचमुच एक अद्भुत उपहार होगा, खासकर जब ये ट्रेनें काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं। मुझे लगता है कि यह फैसला न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी मदद करेगा।

मेरी राय तो ये है कि जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका नहीं आया, यह एक अच्छी बात है। लेकिन मुझे लगता है कि इसका सही कारण बताना जरूरी होगा। और दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छा फैसला किया है।

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काशी वंदे भारत ट्रेनों का हरियाली नाम तो सही है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे देश में पर्यटन और आर्थिक विकास के बारे में बहुत ज्यादा बात नहीं की जाती। काशी की संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देने के लिए हमें न केवल ट्रेनों के नाम बदलना होगा, बल्कि हमारे युवाओं को भी प्रशिक्षित करना होगा ताकि वे पर्यटन उद्योग में रोजगार बना सकें।
 
यार फिर से मुझे लगता है कि ट्रंप को याद नहीं है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति हैं! बनारस में दुर्व्यवहार करना उनकी नई नीति है? 😂🤣

लेकिन तो दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर ध्यान देने के लिए अच्छा काम किया है! अब सुबह 6.30 बजे तक खुले रहने से हमें एयर पुरीफाईर मैसिन्स को बार-बार शोर करने नहीं देगी। 😊👍

काशी में वंदे भारत ट्रेनों का हरियाली नाम तो बहुत अच्छा लग रहा है! ऐसा लगता है कि मोदी जी ने खुद से बोला होगा, "मैं तुम्हारी संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा दूंगा, लेकिन पहले तुम्हें एक ट्रेन देना है!" 😊🚂
 
मुझे लगता है की ये वंदे भारत ट्रेनें पूरे देश में एक नई दिशा में ले जाने वाली हैं... तो क्या हम अपने देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए पर्यटन को बढ़ावा नहीं देते? काशी जैसे स्थलों पर जाने से हमारे बच्चे भी प्रेरित होते हैं और वे हमारे संस्कृति के प्रति जागरूक होते हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यात्रियों को हमारी संस्कृति को समझने में समय देना होगा।
 
काशी वंदे भारत ट्रेनों का हरियाली नाम तो बिल्कुल सही है! लेकिन सरकार का यह फैसला सिर्फ पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने के लिए नहीं है, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास में भी एक नई दिशा खोजने की कोशिश कर रही है। और इसका नाम देने से लोगों को काशी की पवित्रता को समझने का अवसर मिलेगा। 🚂💚
 
ਹाय, ये बात दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार वंदे भारत ट्रेनों को हरियाली झंडा दिखाने का फैसला किया है। यह ट्रेनें न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती हैं। मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा फैसला है, जिससे हमारे देश की पवित्रता और सांस्कृतिक धरोहर को बचाया जा सके।
 
बस यही सही है कि काशी में वंदे भारत ट्रेनों का हरियाली नाम तो बहुत रोचक है, लेकिन फिर भी इसके पीछे क्या गहराई है? मुझे लगता है कि यह ट्रेनें न केवल यात्रियों को काशी की संस्कृति और इतिहास को समझने का अवसर देती हैं, बल्कि पर्यटन के दायरे में एक नई दिशा भी खोलती हैं।

लेकिन इसके साथ ही, हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बनारस-खजुराहो रूट पर चलने वाली ट्रेन को 'काशीपुर' नाम दिया गया है, जिसका मकसद काशी की संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देना है। यह एक अच्छा प्रयास है लेकिन फिर भी हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह ट्रेनें न केवल यात्रियों को आकर्षित करें, बल्कि काशी के स्थानीय समुदाय को भी लाभ पहुंचाएं।

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जैसे ही मैं ये देखा, तो मुझे एक विचार आया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने से शुरुआत करने से पहले, उन्हें काशी से गुजरने वाली रेलवे पटरी पर घूमना चाहिए। मुझे लगता है कि अगर वह एक बार उस पटरी को देखें, तो उनकी योजनाओं में कुछ नया और अच्छा आया होगा।
 
मोदी जी ने वंदे भारत ट्रेनों में हरियाली नाम देना एक अच्छा फैसला है। काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है, यह ट्रेनें यात्रियों को हमारी समृद्ध संस्कृति को जानने का अवसर देगी। लेकिन मुझे लगता है कि बनारस-खजुराहो रूट पर चलने वाली ट्रेन को 'काशीपुर' नाम रखने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि यह भाषा का संवेदनशील विषय है।
 
न तो यह अच्छी बात है और न ही खराब। मोदी सरकार द्वारा बनाई जाने वाली ये ट्रेनें काशी की पवित्रता को दर्शा रही हैं, लेकिन शायद सच्चाई यह नहीं है। क्या यह सरकार केवल पर्यटन और आर्थिक विकास के नाम पर कुछ अच्छा कर रही है, या फिर कुछ और भी है? और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, यह सच है या नहीं? मुझे लगता है कि हमें अपने देश के बारे में और अधिक जानने की जरूरत है, और सरकार को वास्तविकताओं से मिलकर चलना चाहिए।

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अरे, यह तो एक अच्छा फैसला है कि काशी में वंदे भारत ट्रेनों को हरियाली नाम दिया गया है। लेकिन क्या यह सुनिश्चित है कि ट्रेनें वास्तव में काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं? कोई प्रमाण नहीं है कि इसने वास्तव में काशी की संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
 
😊 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बंगलूरू रूटों पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाना बहुत अच्छी बात है। यह काशी की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है और पर्यटन और आर्थिक विकास के दायरे में एक नई दिशा निकलने का प्रयास कर रहा है। 🚂
 
यह तो बहुत ही रोचक है लेकिन मैं सोचता हूँ कि ये वंदे भारत ट्रेनें कितनी महंगी होंगी? और काशी की पवित्रता को हरियाली नाम देना तो थोड़ा अजीब है। क्या यही सब पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए है? मैं सोचता हूँ कि हमें इन ट्रेनों की लागत के बारे में अधिक जानकारी चाहिए, ताकि हम समझ सकें कि यह सब कैसे चलेगा।
 
बनारस जाने वाली ट्रेन का हरियाली नाम तो सही है, लेकिन क्या यह पूरे देश में भी लागू होगा? हमारे देश में इतनी सारी पर्यटन स्थलों के बीच, क्या यह ट्रेनें वास्तव में पर्यटकों को आकर्षित कर पाएंगी या फिर एक बड़ा निवेश वाली छोटी ट्रेनें बन जाएंगी।
 
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