ट्रम्प का फोन, PM मोदी का मलेशिया जाना कैंसिल:भारत ने US की 'प्रेशर पॉलिटिक्स' रोकी; जब तक ट्रेड डील नहीं, मीटिंग नहीं

PM मोदी आसियान समिट में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पहले दिवाली की बधाई देते हुए फोन किया। इस पर PM मोदी को तय करना पड़ा कि वह क्या करें।

इस बातचीत के बाद PM मोदी आसियान समिट में शामिल नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय में सीनियर अधिकारी ने बताया कि 20 अक्टूबर तक पीएम मोदी आसियान समिट में शामिल होना तय था। लेकिन बाद में ट्रम्प का फोन आया, जिसके बाद हालत बदल गए।

अब PM मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे। आसियान समिट में मुलाकात होने की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी नहीं गए थे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी को दोनों पक्षों के बीच ट्रेड डील पर समझौता करने का मौका मिलने से पहले दूर हटने का फैसला करना पड़ा था। समिट शुरू होने से सिर्फ 3 दिन पहले ट्रम्प ने अपनी बधाई देने वाले फोन कॉल किया।

इस पर जो बात हुई, उसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के अफसरों को दी गई थी। आसियान में ट्रम्प से मुलाकात होनी थी, लेकिन अब वह नहीं हो रही है।
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने सही फैसला किया है, लेकिन मैं समझ नहीं पाऊँगा कि ट्रम्प ने पहले दिवाली की बधाई देते हुए क्यों फोन किया। हमें ऐसी बातों को तय करने की जरूरत नहीं होती, जिसकी वजह से हमारे देश में एक छोटी-छोटी समस्या हो जाती है। लेकिन, आसियान समिट में वर्चुअली शामिल होना अच्छा है तो नहीं?
 
मुझे लगता है कि PM मोदी ने सही फैसला लिया। अगर उन्होंने आसियान समिट में शामिल होने जाते, तो ट्रम्प के फोन कॉल से व्यावसायिक समझौता होने की संभावना नहीं थी। यह एक अच्छा निर्णय है और PM मोदी की बुद्धिमत्ता को दिखाता है।
 
मुझे लगता है कि PM मोदी ने सही निर्णय लिया है, लेकिन यह तय करना कितना आसान होता है? अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील पर समझौता करने का मौका बहुत दिलचस्प था, लेकिन शायद पाकिस्तान से सुरक्षा की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था। 🤔

मुझे लगता है कि इसने भारत को एक अच्छा मौका देने वाली स्थिति में बदल गई, और अब PM मोदी वर्चुअल समिट में भाग लेने का फैसला किया है। शायद यह सही निर्णय है, जिससे हमारे देश को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। 📈
 
नमुना 🤔 ये बहुत अजीब है कि पीएम मोदी ने आसियान समिट में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। पहले तो लोग सोचते थे कि वह जरूर आएंगे, लेकिन फिर ट्रम्प का फोन आया और सबकुछ बदल गया। 😬 अब पीएम मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे और आसियान समिट में मुलाकात नहीं होगी। यह बहुत अजीब है कि दोनों पक्षों के बीच ट्रेड डील पर समझौता करने का मौका मिलने से पहले दूर हटने का फैसला करना पड़ा।
 
PM मोदी की आसियान समिट में शामिल होने में भी देरी हुई, तो फिर वर्चुअली संबोधित करना तय हुआ। इस बातचीत से हमें लगता है कि PM मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की बधाई देने वाले फोन कॉल ने बदलाव लाने का मौका मिला। 🤔

अब सवाल यह है कि PM मोदी और अमेरिका के बीच क्या समझौता हुआ? और आसियान समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की अनुपस्थितता से हमें क्या छूता है? 😐

कोई नहीं जानता, लेकिन यह तय है कि आसियान समिट ने एक नई दिशा अपनाई है। और हमें देखना होगा कि आगे क्या होता है। 📺
 
मैंने कई बार ऐसा महसूस किया है जब हमारे नेताओं को बड़ी महत्वपूर्ण बातचीतों में भाग लेने से मना करना पड़ता है, और फिर उनकी जगह अन्य नेता या विशेषज्ञ तय करते हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसी किसी चीज़ निकली थी, जैसे कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका की रणनीति पर चर्चा करने के लिए भारतीय राष्ट्रपति कॉल कर रहे थे। लेकिन फिर भी हमारी सरकार ने उस समय ऐसा नहीं किया।
 
मेरा क्या विचार है? पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की बधाई देने के लिए फोन कॉल आ गया, तो अब आसियान समिट में शामिल नहीं होंगे। यह तो बहुत अजीब है। पहले तो दिवाली की बधाई देते हुए फोन कॉल, फिर समिट से निकलना पड़ा। मुझे लगता है कि पीएम मोदी ने अच्छी तरह सोचा था, लेकिन ट्रम्प को तो समझाने की जरूरत नहीं थी। 🤔

ज़रूर, अब विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों पक्षों के बीच ट्रेड डील पर समझौता करने का मौका मिलने से पहले दूर हटने का फैसला करना पड़ा था। यह तो समझ में आता है, लेकिन इतनी जल्दी? 😊

कोई भी ऐसा नहीं कह सकता कि पीएम मोदी ने ठीक से काम नहीं किया, वह बस अच्छी निर्णय लेने की प्रवृत्ति रखता है। और अब वे वर्चुअली समिट में शामिल होंगे। यह तो सबके लिए एक अच्छा कदम होगा। 👍
 
सुनो तो ये मजेदार है... पीएम मोदी को अमेरिका से फोन आया, 'दिवाली की बधाई' कहकर, और फिर क्या करना? आसियान समिट में शामिक नहीं होने का यह तय हुआ, तो समझ लीजिए पाकिस्तान के शहबाज शरीफ भी नहीं आए। मजेदार बात ये है कि जब तक फोन नहीं आया, समिट में शामिक रहने का हाथ मिल रहा था। फिर ट्रम्प ने दिवाली की बधाई देने वाले फोन कॉल को क्यों किया, इसका जवाब तय करने के लिए पीएम मोदी से कहीं और जाना पड़ा 🤔
 
मैंने सुना तो PM मोदी को फिर से दिवाली की बधाई देने वाला फोन कॉल आया 🤔, और अब आसियान समिट में शामिल नहीं होंगे। यह तय करना मुश्किल है कि PM मोदी को ट्रम्प से मुलाकात करने का मौका मिलने से पहले दूर हटना पड़ा था। मुझे लगता है कि PM मोदी ने अच्छा फैसला किया, लेकिन अब आसियान समिट में क्या होने वाला है, यह जानने की जरूरत है। 🤷‍♂️
 
मेरा ये तो बहुत ही रोचक है 🤯 आसियान समिट की बातचीत की! लगता है पीएम मोदी ने अच्छी तरह से सोच ली और दूर हटने का फैसला किया। ट्रम्प से मुलाकात होने वाली थी, लेकिन अब वह नहीं हो रही है, तो मुझे लगता है कि पीएम मोदी ने सही रास्ता चुन लिया है।
 
ਬੀ ਕੀ ਹੋ ਗਈ? पीएम मोदी का इस तरह दूर हटना 😕, आसियान समिट में शामिल नहीं होने जਾਣ। अमेरिकੀ राष्ट्रपति ट्रम्प नੇ पहलੇ ਦਿਵਾਲੀ ਦੀ ਬਧਾਈ ਦੇਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਫੋਨ ਕੀਤਾ। ਅਜੇ ਵੀ ਸਮਝ ਨਹੀਂ ਆ ਰਹੀ कਿ ਉਸ ਦੇ ਨਾਲ ਕੀ ਹੋ ਗਿਆ? 🤔
 
🤔 आसियान समिट में PM मोदी न होना तो बहुत अजीब है... क्या कोई और देश इस तरह से फंस गया? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि पीएम मोदी ने आसियान समिट में शामिल नहीं होने का निर्णय बहुत जल्दी लिया... पहले 20 अक्टूबर तक तय था, फिर ट्रम्प का फोन आया और सब बदल गया। 📞

क्या PM मोदी को लगता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी नहीं गए थे, तो वहां जाने का मौका खो दिया... 😐

इस तरह की बातचीत में बहुत सारे लोगों को फायदा नहीं होता, PM मोदी को जरूर पता होगा। 🤝
 
मुझे लगता है कि ये तय करना मुश्किल है कि कौन सही है और कौन गलत। PM मोदी को ट्रम्प से फोन कॉल आने पर तय करना पड़ा कि वह आसियान समिट में शामिल होंगे या नहीं।

क्या यह सच है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी नहीं गए थे? यह दिखता है कि विदेश मंत्रालय को बहुत मुश्किल है।

मुझे लगता है कि ट्रम्प का फोन कॉल पीएम मोदी की निर्णय लेने में मदद नहीं कर रहा था, बल्कि उसके बाद ही PM मोदी निर्णय लेने पर मजबूर हो गए।
 
सुना है PM मोदी ने पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ की तारीफ नहीं की। 😊 वास्तव में यह अच्छा संदेश है, लेकिन आशा करो कि आगे भी ऐसे मौके मिलेंगे।

आसियान समिट में PM मोदी वर्चुअली शामिल होंगे, यह एक अच्छा निर्णय है। इससे हमारी सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। 🙌

ट्रम्प जैसे दुनिया के नेताओं से हमें वास्तविक संपर्क मिलना चाहिए। लेकिन यह अच्छी बात है कि PM मोदी ने फैसला किया है। अब आगे हमें देखकर बात करें। 👀
 
मुझे लगता है कि PM मोदी का निर्णय आसियान समिट में शामिल नहीं होने जा रहे होना, तो बहुत व्यसनपूर्ण है। पहले हमारे देश को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर चर्चा करनी थी, और आसियान समिट में वह बहुत महत्वपूर्ण बातें होने जा रही थीं। लेकिन फिर से PM मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को दिवाली की बधाई देने वाला फोन कॉल किया, और अब आसियान समिट में उनकी शामिल नहीं होंगी।

मुझे लगता है कि PM मोदी ने बहुत अच्छा विचार रखा है, लेकिन कभी-कभी हमें अपने साथियों को और देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस तरह से निर्णय लेना चाहिए। पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर चर्चा करना बहुत जरूरी था, और आसियान समिट में वह बहुत महत्वपूर्ण बातें होने जा रही थीं।
 
क्या हमारे प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति की बधाई देने वाले फोन कॉल पर विचार करने का सही समय नहीं ढूंढ सके। आसियान समिट में शामिल होने से हमारे राजनीतिक महत्व और स्थिति में बढ़ोतरी होती। लेकिन अब PM मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे, जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की बधाई देने वाले फोन कॉल ने हमारे निर्णय को प्रभावित कर दिया। 🤔
 
आसमान समिट में शामिल नहीं होना? यार, यह तो एक बड़ा नुकसान होगा, क्योंकि अब डॉ. सadanंद द्विवेदी जैसे लोग आसियान समिट में नहीं गए, जो हमारे देश के विदेश नीति पर बहुत कुछ बताते थे। now का ट्रम्प तो फोन कॉल करके डाल-फोड़ रहा है, ऐसे में कोई समझौता करने की संभावना नहीं है। 🤔
 
अरे यार, आसियान समिट में PM मोदी शामिल नहीं होंगे, तो क्या नई बात है? अमेरिका से फोन आया, भाई। पहले तो 20 अक्टूबर तक तय था कि पीएम मोदी आसियान में शामिल होंगे, लेकिन ट्रम्प ने फोन कॉल कर दी, और अब PM मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करने जा रहे हैं। यह तो आसान नहीं है, भाई।
 
એવી જ છે, દિવાલીઓ થોડી સંપૂર્ણ હોય તો ફરીને કબુલ થાય. અમે દોષી છીએ, વિચાર્યા હોત પણ નથી, શું?
 
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