विधायक गोपाल शर्मा का बड़ा बयान बोले जातिवाद से उग्रवाद की तरफ बढ़ा प्रदेश

मुख्यमंत्री जी ने राज्य में जातिवाद से उग्रवाद की तरफ बढ़ा प्रदेश को बताया है। वहीं गोपाल शर्मा विधायक ने कहा कि राज्य में जाति के आधार पर भेदभाव हुआ करता था। लेकिन अब यह बंद हो गया है और हमारी सरकार को इसे समाप्त करने की पूरी कोशिश कर रही है।
 
मैं समझता हूँ कि जातिवाद की समस्या बहुत गंभीर है और हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा। मेरी राय में, अगर हमारी सरकार सच्चाई बताकर जातिवाद के बारे में जागरूकता फैलाए, तो शायद हम इस समस्या से निपटने में सफल हो सकें। मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में सहयोग और एकता की भावना को बढ़ावा देना होगा। मैं सरकार की इस पहल की तरफ से पूरी तरह से समर्थन करता हूँ! 🙌💪 #जातिवाद_समस्या #एकता_की_भावना #सरकार_की_पहल
 
આ રસ્તામાં જનોઈને કુદરતી વિનાશની ખેડ છે. પણ, મુખ્યમંત્રીજીએ આગળ ધપકવાનો સાહસ લેવાનો શુભેચ્છ છે 🤞. જાતિ અને બીડાપૂર્ણતાથી લડવાનો સમય આવેલ છે, તેથી આશા હોય છે. 👍
 
मैंने सुना है तो फिर भी क्या किया जाए? राज्य में जातिवाद से उग्रवाद बढ़ रहा है, लेकिन सरकार सिर्फ शब्दों में बोलती रहती है। वास्तविकता यह है कि जाति को दूर करने के लिए तेजी से काम नहीं किया जा रहा है।

मेरा विचार है कि हमें अपने समाज में एक नई दिशा ढूंढनी चाहिए। सरकार को रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि अकेले जातिवाद पर। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, भाई-बहन के रूप में।
 
🤯 मुझे लगता है कि ये दोनों एक ही चीज़ से बात कर रहे हैं लेकिन अलग-अलग तरीके से। मुख्यमंत्री जी ने उग्रवाद की तरफ बढ़ाने वाली जातिवाद की समस्या को बताया, लेकिन गोपाल शर्मा विधायक ने एकदम से बेगानी होने की तरह कह दिया कि राज्य में अब भेदभाव नहीं होता। 🙅‍♂️

मुझे लगता है कि यह तो एक अच्छी बात है लेकिन हमें अपने सरकार की स्थिति को और देखना चाहिए। अगर सच में सरकार जाने की कोशिश कर रही है, तो फिर उनको पहले से चलने वाली समस्याओं पर काम करना चाहिए, न कि नई समस्याएं बनानी। 🤔
 
मैंने जो सुना, बहुत अच्छा लगता है कि मुख्यमंत्रीजी ने राज्य में जातिवाद के बारे में कुछ कहा है . यह तो देखकर अच्छा लगा कि हमारी सरकार इस पर ध्यान दे रही है। लेकिन अभी भी लगता है कि ऐसी कई चीजें हैं जो सुधारनी हैं। जैसे कि रोजगार की समस्या, बिजली की समस्या, पानी की समस्या। यह सब भी तो जातिवाद के जैसा ही है। अगर हम जिंदगी में सुधरने की कोशिश करें, तो हमारा राज्य देश के बेहतर होगा .
 
मुझे लगता है कि जातिवाद एक बहुत बड़ा मुद्दा है 🤔 और इसका समाधान निकालने के लिए हमें अपने देश को एकजुट करना होगा। मैंने कुछ आंकड़ों की जांच की है, जैसे कि पिछले 5 साल में जातिवाद के मामलों की संख्या लगभग 25% घट गई है 📉 और इसी तरह अगर हम धैर्य रखें तो हम इसका समाप्त कर सकते हैं।
 
ज़रूर मान लीजिए, मुख्यमंत्री जी ने ऐसा कहा है, लेकिन राज्य में जातिवाद से उग्रवाद बढ़ाने का मतलब यह नहीं है कि अब सभी जातियों को बराबर नहीं माना जाएगा। यह तो सरकार की पूरी कोशिश है कि सबको समान अवसर दिए जाएं। लेकिन, अगर हम सच कहें तो जातिवाद से उग्रवाद बढ़ाने वाले लोगों में भी एक फ्रैक्शन है, जो बिल्कुल नहीं चाहता कि सबको बराबर माना जाए।

मेरा दिल यह तो लगता है कि सरकार को इसे समाप्त करने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन फिर भी हमें सावधान रहना चाहिए।
 
मुख्यमंत्री जी ने राज्य में जातिवाद से उग्रवाद की तरफ बढ़ा प्रदेश को बताया है, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे अपने खुद के परिवार के सदस्यों में भी दिखाई दूंगे। सरकार ने तो कहा है कि राज्य में जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन मैंने बीते 10 सालों में अपने पड़ोसी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक देखा है कि हर किसी को जाति के आधार पर न्याय नहीं मिलता।
 
मुझे बहुत खुशी है कि जातिवाद से उग्रवाद की तरफ बढ़ाने वाली बातें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं… 🌈 मुख्यमंत्री जी और गोपाल शर्मा विधायक ने राज्य को एक नई दिशा दिखाई है जहां हर कोई समान अवसर पा सके। लेकिन फिर भी बहुत कुछ करना बाकी है... 🤔 हमें अपने परिवार, दोस्तों और समाज में जाति के आधार पर किसी को भी उत्पीड़ित नहीं बनाना चाहिए।
 
बिल्कुल सही कहा जाता है, मुख्यमंत्री जी ने राज्य में जातिवाद से उग्रवाद की तरफ बढ़ा प्रदेश को बताया। लेकिन मुझे लगता है कि सरकार द्वारा जाति-विरोधी कानूनों और योजनाओं को लागू करने की कोशिश कर रही है, ताकि यह बदलाव स्थायी हो। फिर भी, हमें अपने समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि हर किसान जानता हो कि उसकी जाति कोई उसकी क्षमताओं को निर्धारित नहीं कर सकती।
 
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