विश्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक $30 लाख करोड़ डॉलर की होने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। इनमें वित्तीय क्षेत्र में सुधार और निजी पूंजी जुटाने को बढ़ावा देना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पुरुषों और महिलाओं के लिए वित्तीय सेवाएं तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है।
विश्व बैंक की एफएसए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा सहकारी बैंकों पर नियामक प्राधिकरण का विस्तार करने की जरूरत है। प्रमुख नियमों को कड़ा करना और नियामक और पर्यवेक्षी विभागों का पुनर्गठन करना चाहिए। एजेंसी ने एनबीएफसी के लिए पैमाना आधारित विनियमन का भी स्वागत किया है, जो इस विविध उद्योग की विभिन्न जरूरतों को पहचानता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एफएसएपी के बाद से पूंजी बाजार जीडीपी के 144 फीसदी से बढ़कर 175 फीसदी हो गए हैं। इन लाभों को एक मजबूत पूंजी बाजार बुनियादी ढांचे और विविध निवेशक आधार का समर्थन मिलता है। रिपोर्ट में अधिक पूंजी जुटाने के लिए ऋण वृद्धि तंत्र, जोखिम साझाकरण सुविधाएं और प्रतिभूतिकरण प्लेटफॉर्म विकसित करने का सुझाव दिया गया है।
इस रिपोर्ट ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के तरीकों को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार और वित्तीय संस्थानों द्वारा सहयोग करना जरूरी है, ताकि भारत 2047 तक $30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सके।
विश्व बैंक की एफएसए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा सहकारी बैंकों पर नियामक प्राधिकरण का विस्तार करने की जरूरत है। प्रमुख नियमों को कड़ा करना और नियामक और पर्यवेक्षी विभागों का पुनर्गठन करना चाहिए। एजेंसी ने एनबीएफसी के लिए पैमाना आधारित विनियमन का भी स्वागत किया है, जो इस विविध उद्योग की विभिन्न जरूरतों को पहचानता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एफएसएपी के बाद से पूंजी बाजार जीडीपी के 144 फीसदी से बढ़कर 175 फीसदी हो गए हैं। इन लाभों को एक मजबूत पूंजी बाजार बुनियादी ढांचे और विविध निवेशक आधार का समर्थन मिलता है। रिपोर्ट में अधिक पूंजी जुटाने के लिए ऋण वृद्धि तंत्र, जोखिम साझाकरण सुविधाएं और प्रतिभूतिकरण प्लेटफॉर्म विकसित करने का सुझाव दिया गया है।
इस रिपोर्ट ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के तरीकों को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार और वित्तीय संस्थानों द्वारा सहयोग करना जरूरी है, ताकि भारत 2047 तक $30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सके।