'हमें अब तक सवालों के जवाब नहीं मिले', SIR 2.0 के ऐलान पर भड़की कांग्रेस; किरेन रिजिजू ने की EC

चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की सफलता के बाद देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस प्रक्रिया की शुरुआत करने की घोषणा कर दी है. लेकिन यह बताते हुए कि SIR प्रक्रिया की सफलता के बाद अब 12 राज्यों में इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी, कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि हमने बिहार में हुए SIR को लेकर जो सवाल खड़े किए थे, अभी तक हमें उसके जवाब नहीं मिले हैं.
 
सीर प्रक्रिया तो अच्छी है, मतदाता सूची में गलती निकलने पर हमें पता चलता है 🤔 लेकिन यह सवाल उठता है कि अगर बिहार में ऐसा हुआ, तो 12 राज्यों में इसकी शुरुआत कब और कैसे होगी? 🕰️ सीर प्रक्रिया को बढ़ावा देने से पहले इन सब सवालों का जवाब निकलना जरूरी है 😊 https://www.ndtv.com/india-news/sir-patti-bihar-matdaat-suchy-12-rajyaon-me-shuruaat-honegi-2193420
 
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सफल हुआ तो अच्छा है 🙌, लेकिन अब 12 राज्यों में इसकी शुरुआत करने से पहले कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं तो भी ठीक है, हमने बिहार में SIR के सवाल किए थे, तब तक का जवाब देना जरूरी है 🤔। सिर्फ यही नहीं, अगर 12 राज्यों में इस प्रक्रिया शुरू होगी, तो सुनिश्चित होना चाहिए कि सभी राज्यों में SIR सफल होगी और मतदाताओं की सूची विशुद्ध होगी।
 
बिहार में मतदाता सूची के SIR को लेकर, तो मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा कदम है, लेकिन कुछ सवाल अभी भी खड़े हैं। प्रदेशों में इस प्रक्रिया शुरू करने से पहले हमें यह जानने की जरूरत है कि यह SIR प्रक्रिया तो वास्तव में मतदाताओं के लिए सुरक्षित और सुनिश्चित है? क्योंकि अगर ऐसा नहीं है, तो इससे मतदाताओं की ईमानदारी और निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को सुधारने और सुरक्षित बनाने पर विचार करेगा। 🤔
 
बिहार से यह सब सफल हुआ तो फिर 12 राज्य कैसे शुरू करेंगे? दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातें कह रहे हैं लेकिन अभी तक सच्चाई का जवाब नहीं मिला है. सीर के परिणामों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और फिर भी पार्टियाँ एक-दूसरे को ठुकराने लग रही हैं. यह देखने के लिए तैयार हूँ कि अब सीर कैसे 12 राज्यों में शुरू होता है और क्या इस पर अच्छे जवाब मिलेंगे. 🤔
 
मुझे लगता है कि यह सिर्फ़ एक तंत्रिका की तरह दिखाई देता है। चुनाव आयोग ने बिहार में SIR की सफलता को देखकर तुरंत सभी राज्यों में इस प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला किया। लेकिन अगर हम सोचते हैं तो क्या यहां पर सही तरीके से कोई गहन विचार नहीं किए गए? क्या हमने बिहार में SIR के पीछे के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को समझा है? आइए़ थोड़ा और सोचें।
 
बिहार के SIR से सबक मिल गया नाह... अब देशभर में इस प्रक्रिया शुरू करने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछले में बिहार में क्या-क्या गलत हुआ, और अब हम ऐसी स्थिति नहीं बनाते 🙅‍♂️

मुझे लगता है कि अगर हम सब एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं तो कई समस्याएं जल्दी से हल हो जाती हैं, और इससे हमें अपने राजनीतिक पार्टियों की बीच भी समझौता करने में मदद मिल सकती है 😊

लेकिन फिर भी एक सवाल तो उठता है - अगर SIR प्रक्रिया में इतनी सफलता हुई, तो फिर इन 12 राज्यों में कैसे सुनिश्चित किया जाएगा? हमारी सरकार देशभर को एक ही समय में नहीं बदल सकती, यह धीरे-धीरे होगा 🕰️
 
मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी नीति है कि सिर राज्यों में शुरू होगी, यह देश को और भी साफ़-सुथरा बनाने में मदद करेगी, लेकिन मुझे लगता है कि बिहार में SIR के जवाब आने चाहिए, क्योंकि वहां कुछ सवाल खड़े किए गए थे, और अभी तक उन्हीं का जवाब नहीं मिला है. लेकिन यह अच्छी नीति है, और मुझे लगता है कि देश को और भी बेहतर बनाने में मदद करेगी,
 
बात तो ये हुई, प्रोफेशनल्स ने सीरप्रेसन देखा है और अब दूसरे राज्यों में इसी का प्रयोग करने जा रहे हैं... लेकिन मुझे लगता है कि यह सवाल उठता है कि ये सब कैसे कामयाब हुआ? क्या बस इतना होने के कारण वो सीर निकालने की कोशिश कर रहे थे?
 
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