2023 में AK-47 लेकर मिलने आए थे आदिल-मुजम्मिल, मास्टरमाइंड मौलवी इरफान अहमद ने किए कई खुलासे

दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले में एक और खुलासा सामने आ गया है. इस आतंकी हमले में जुड़े डॉक्टर आदिल, उमर, सहारनपुर से गिरफ्तार हुआ डॉ. आदिल, सबको एक कड़ी से जोड़ने वाली एक कड़ी है मुफ्ती इरफान अहमद। यह वही शख्स है जो इन डॉक्टरों को आतंकवाद के रास्ते पर लेकर आया था।

मुफ्ती इरफान अहमद एनआईए की हिरासत में है और उससे लगातार पूछताछ जारी है. उसके खुलासों से परत-दर-परत टेरर मॉड्यूल के सारे राज खुल रहे हैं. उसने यह तक बताया है कि वह कैसे किसी आम इंसान का ब्रेन वॉश कर के उन्हें आतंकी गतिविधियों से जोड़ लेता था।

पूछताछ में पूछताछ में सामने आया कि यह मुफ्ती अयूब से पढ़ाई करने वाला एक शख्स है, जो 2007 में दारुल उलूम बिलाल्या, लाल बाजार श्रीनगर में दीनी तालीम शुरू करता है. इसके बाद 2009-2016 तक पिंजूरा शोपियां में पढ़ाई करता है, फिर 2017-2018 में मदरसा बहारुल उलूम देवबंद किशनपुर, यूपी में पढ़ा और 2019-2020 में दारुल उलूम कासिमिया, लाल बाजार श्रीनगर से मुफ्ती कोर्स पूरा करता है।

मुफ्ती इरफान अहमद ने खुलासा किया कि उसकी मुलाकात पढ़ाई के दौरान एक शख्स हाफिज़ मुज़म्मिल से हुई, जो शोपियां का रहने वाला था. हाफिज बाद में अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद (एगुएच) में शामिल हुआ और 2021 में एनकाउंटर में मारा गया था।

साल 2021 में हाफिज मुज़म्मिल ने इरफान अहमद से व्हाट्सऐप पर संपर्क किया और तीन एगुएच कमांडरों, गाज़ी खालिद, मंसूर और हाशिम के नाम बताए. जांच में सामने आया कि इरफान एगुएच जॉइन करने में दिलचस्पी दिखा रहा था. इससे पहले कि कोई और बातचीत होती, हाफिज मुज़म्मिल एनकाउंटर में मारा गया।

इसके करीब एक महीने बाद, इस मामले में गिरफ्तार डॉक्टर मुज़म्मिल ने उससे संपर्क किया और खुद को हाफिज मुज़म्मिल (जो एनकाउंटर में मारा गया) उसका साथी बताया.
 
यह तो बहुत बड़ा मामला है 🤕, मुझे लगता है कि पुलिस को यहाँ पर बहुत बड़ी गड़बड़ी का समाधान करना पड़ेगा। ये डॉक्टर आदिल और उमर तो अब तक सारी बातें झूठ बोल रहे थे, और अब मुफ्ती इरफान अहमद ने खुलासा किया है कि उन्होंने कैसे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश की। मुझे लगता है कि पुलिस ने बहुत बड़ी जांच करनी होगी, और यह मामला तो बहुत ही गंभीर है।
 
तो यह बहुत बड़ी बात है! मुफ्ती इरफान अहमद के खुलासों से आतंकवाद के रास्ते पर ले जाने वाले डॉक्टरों का पूरा नेटवर्क उजागर हो गया है. यह तो बहुत खतरनाक है, क्या हमें लगता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? और खासकर जब तक उन्होंने संपर्क नहीं किया, तब तक इरफान ने एगुएच जॉइन करने में दिलचस्पी दिखाई है.
 
अगर तो ऐसा लग रहा है जैसे यह पूरा व्यवस्थित रूप से हुआ होगा, क्योंकि इसमें इतनी जटिलताएं हैं और कई लोगों को इस मामले में शामिल देखा गया है. लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आतंकवाद एक बहुत बड़ी समस्या है और इसके खिलाफ हमेशा से लड़ना जारी रखना चाहिए.
 
ब्लास्ट मामले में यह तो बहुत बड़ा खुलासा आ गया है.. मुफ्ती इरफान अहमद की कहानी देखकर लगता है कि वह एक बहुत बड़े वेब ऑफ डिस्ट्रैक्शन का हिस्सा था। यह देखने को मिला है कि उसने कई लड़कों को आतंकवाद में जोड़ा, जिन्हें अब उसकी पहचान नहीं मिल रही थी। इसके बाद भी जब वह डॉक्टर आदिल, उमर सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, तो लगता है कि उनकी मदद से उन्हें अपने साजिश को और आगे बढ़ाने में मदद मिली।
 
मुफ्ती इरफान अहमद की गिरफ्तारी में यह एक बड़ा मोड़ है. लेकिन याद रखें, हमेशा प्लेटफॉर्म पर सवाल उठने की, उसके बाद ही सच्चाई सामने आती है. यह दिलचस्प है कि उसने हाफिज मुज़म्मिल से संपर्क किया, लेकिन इससे पहले कि कोई और बातचीत होती, वह एनकाउंटर में मारा गया. यह तो बहुत बड़ी प्रतिक्रिया है!
 
मुफ्ती इरफान अहमद की कहानी एक बुरे दिन की तरह जैसे कि फ़िल्म 'गुलाम' की कहानी, लेकिन यह बहुत ही गहरा और दर्दनाक है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह समाज में आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को सहज करेगा, बल्कि हमें इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए एकजुट होने की जरूरत है।
 
ब्रेन वॉशिंग की बातें करने वालों से परहेज कर देना चाहिए, लेकिन फिर भी यह सवाल उठता है कि कैसे एक छोटे-छोटे समूह में इतने बड़े हमले की योजना बनाई जाती है? 🤔

मुफ्ती इरफान अहमद से पूछताछ करते समय, उन्होंने बताया है कि वह कैसे किसी आम इंसान को आतंकवाद में डूबने के लिए ले जाते थे, और यह तो बहुत ही चिंताजनक बात है। 🚨

अब जब उन्होंने एगुएच जैसे संगठन से जुड़ने की बात कह रहे हैं, तो यह सवाल उठता है कि कैसे एक छोटे-छोटे समूह ने इतना बड़ा प्रभाव बनाया? 🤯

किसी भी मामले में, पुलिस की जांच में ये सब खुलासे सामने आ रहे हैं, और अब यह तो देखना है कि आगे क्या होगा। 😬
 
ऐसा लगता है कि फिर से आतंकवादी गतिविधियों की दुनिया में खुलासे होते हैं और पूछताछ होती है. यह तो अच्छा है कि अब मुफ्ती इरफान अहमद ने खुलासा किया है और उससे परत-दर-परत जानकारी आ रही है. लेकिन फिर से यह सवाल उठता है कि आतंकवाद को रोकने में हमारी पुलिस और एजेंसियों को कितनी सख्ती से काम करना चाहिए?
 
नहीं समझ पाता, यह तो खुलासा है ना? कौन से लोग आतंकवाद में शामिल होते हैं और फिर सबकुछ कैसे चालू हो जाता है? 🤔 मुझे लगता है कि हमें यह समझना चाहिए कि आतंकवाद में शामिल लोगों की सोच तो बहुत भयावह होती है, वे अपने आप को इतने ही नाजुक बनाकर दूसरों को भी ऐसा करने के लिए मजबूर करते हैं।

मुफ्ती इरफान अहमद जैसे लोगों से बातचीत करते समय, मुझे लगता है कि हमें यह समझना चाहिए कि वे कैसे दूसरों को अपने रास्ते पर ले जाते हैं और फिर वे अपने रास्ते से कितनी आसानी से बाहर निकल जाते हैं। 🙅‍♂️
 
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