'22 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह और 88 घंटों में...', ऑपरेशन सिंदूर के बारे में क्या बोले आर्मी

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में आयोजित 27वें कॉन्वोकेशन पर संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा, "हमने 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया और 88 घंटों में पूरा अभियान सफल रूप से अंजाम दिया। यह ऑपरेशन एक भरोसेमंद ऑक्रेस्ट्रा था, जहां हर व्यक्ति ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस अभियान को स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर लागू किया गया था। इसमें ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखकर, पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। यह अभियान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था।

आर्मी चीफ ने कहा, "दुनिया कभी रुकी नहीं रहेगी, और हमें इस तेज़ गति में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। सीखने की कोशिश, समय के साथ ढलने की शक्ति, और लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का विजन ही सबसे कारगर है। हमें आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अपडेशन जरूरी है, खासकर जब तकनोलॉजी युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित नहीं करती।"
 
🌟 भारतीय आर्मी ने फिर से अपना बलिदान दिखाया है और आतंकवादियों को ठिकानों पर तबाह कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर बहुत ही सफल रहा और यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए गाम आतंकी हमले का जवाब था।

मुझे लगता है कि आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी की बात समझ में आती है, लेकिन हमें अपनी सेना को न केवल तकनीक और प्रगति पर ध्यान देना होगा, बल्कि हमारे जवानों की भावनाओं, उनके परिवारों की जरूरतों और समाज में उनका योगदान भी महत्वपूर्ण है। 🙏
 
🤔 भाई, यह ऑपरेशन सिंदूर कितना अच्छा हुआ, लेकिन तेज़ गति में आगे बढ़ने की बात करने वाले आर्मी चीफ पास जाने के पहले ही अपनी गाड़ी खरीदने आया था। समय के साथ ढलने की शक्ति है ना, लेकिन लगता है कि उनकी योजना भी ही समय के साथ ढलती हुई है।
 
बुराई का चक्र जारी 🚧

ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकवादियों को एक साथ मार देने में कितनी तेज़ी से समय लिया गया? 22 मिनट में नौ ठिकानों को तबाह कर देने का मतलब है कि हमलावर बिना खुद को खतरे में डालने के, इतनी तेज़ी से आतंकवादी ठिकानों को लेकर आ सकते थे। और 88 घंटों में पूरा अभियान सफल हुआ? यह जानकर कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
 
ऑपरेशन सिंदूर का परिणाम साबित हुआ, लेकिन सोचो कि 22 मिनट में 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना कितना आसान है? 🤔 हमारे जवानों की बहादुरी और तैयारी का शुक्रिया जिसने इसे संभाला। लेकिन यह ऑपरेशन केवल एक छोटा सा सफर था, अगर हम वास्तविक चुनौतियों पर नज़र डालें, तो लगता है कि भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में गहरी समस्याएं हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शांति लाना सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर ही नहीं है, बल्कि हमारी सरकार और देश की धैर्य और समझौता की क्षमता पर भी नज़र डालना होगा। 🕊️
 
मैंने 27वें कॉन्वोकेशन की बातों को सुना था 🤔, ऑपरेशन सिंदूर बहुत ही रोचक लग रहा है... लेकिन मुझे लगता है कि ये अभियान हमारे देश की तकनीक और सैन्य शक्ति को दिखाने के लिए था... मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूँ, लेकिन लगता है कि हमें अपनी तकनीक को और बेहतर बनाने की जरूरत है 🤖, ताकि हम दुनिया की गति से आगे न रह जाएं... और आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग में भी बहुत सारी समस्याएं हैं, जैसे कि हमारे सैनिकों को कितनी अच्छी तरह से तैयार किया जाता है, और हम अपने लक्ष्यों को कितनी प्रभावी ढंग से पहुंचा सकते हैं?
 
मुझे ऑपरेशन सिंदूर की बात करना थोड़ा अलग लगा। तो देखो, मैंने हाल ही में रेलवे टिकट खरीदा और वो भी बहुत बड़ा खर्च हुआ! लेकिन फिर भी, मुझे उस स्टेशन पर जाने का ख्याल था, जहां उन्होंने पहले बेटी बचाओ अभियान चलाया था। वाह, वहाँ तो बहुत सारे पुरुषों ने उनका समर्थन किया था, लेकिन मुझे लगता है कि वो महिलाएं सबसे अच्छी तरह से इस अभियान को बढ़ावा देने में सक्षम रहींगी।
 
बिल्कुल सही, ऑपरेशन सिंदूर में हमारी फौज ने बहुत अच्छा काम किया, 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना बेहद शानदार है 🤩। लेकिन यह भी सच है कि हमें अपनी तकनीक और सीखने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है, ताकि हम विदेशियों की गाड़ियों से नहीं चलेंगे। हमारी भारतीय तकनीक पर आधारित कोई ऐसी सिस्टम या तकनीक बनानी चाहिए जो दुनिया भर में फैले, और वह भी तेजी से 🚀
 
बात आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी की तो यह तो बहुत अच्छा है 🙌। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया, जिसमें हमने आतंकवादियों को तबाह कर दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पहलगाम हमले का जवाब दिया। यह बहुत अच्छा है कि उन्होंने स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर लागू किया, ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखकर ऑपरेशन को अंजाम दिया।

लेकिन यहाँ एक बात तो है कि आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन पर अपडेशन बहुत जरूरी है। तकनोलॉजी युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित करना हमारी ज़रूरत है, ताकि हम भविष्य में अधिक प्रभावी ढंग से लड़ सकें।
 
अरे यह तो बहुत बड़ा अच्छा लगा, ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय अर्मी को एक बार फिर से दिखाया है कि हमारे पास माहौल बनाने की शक्ति भी है। 22 मिनट में ऐसे बुरे लोगों को मार डालने की चालाकी कैसे बनाई, यह सीखने की जरूरत नहीं है 🤔। लेकिन आर्मी चीफ की बात सुनकर लगता है कि हमें अपनी ताकत बढ़ाने और नई तकनीकों को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। इससे हमारी अर्मी और भी शक्तिशाली बनेगी, और देश की सुरक्षा में मदद करेगी। 🚀
 
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े व्यक्तियों का यह अभियान बहुत ही सफल रहा 🙌। लेकिन इस तरह के ऑपरेशन में बहुत बड़ी तकनीक का उपयोग किया जाता है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी आर्मी तकनोलॉजी और विज्ञान में अपडेट रहे।
 
अगर ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेना ने इतनी तेजी से 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया, तो यह मतलब है हमारे पास अच्छी तकनीक और योजना है। लेकिन अगर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऐसा हमला हो सकता है, तो इसका मतलब है हमें अपनी सीमाओं की मजबूती पर ध्यान देने की जरूरत। हमारी सरकार ने आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अपडेशन किया है, लेकिन अभी भी हमें अपनी तकनीक और योजनाओं में सुधार करने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं, तो हमें शायद भविष्य में कोई बड़ा हमला न होने दिया जा सके। 🚀
 
बेटा, यह आर्मी चीफ का बोलना देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ 🙌। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे जवानों ने बहुत बड़ा काम किया, और यह हमारी तकनीक की ताकत को दिखाता है। लेकिन फिर भी, आर्मी चीफ ने कहा कि हमें अभी भी सीखने की जरूरत है, और नई तकनीकों के साथ अपडेट रहना होगा। मुझे लगता है कि यह बहुत सही बात है, खासकर जब दुनिया ऐसी तेजी से बदल रही है। हमें अपनी ताकत बढ़ाने और नए तरीकों से लड़ने के लिए सीखने की जरूरत है।
 
ਹੁਣ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਪਣੀ ਸੈਨਾ ਦੀ ਅਫਵਾਹ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਹ ਬਿਲਕੁਲ ਵਾਜ਼ੀ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਪਣੇ ਆਪ ਦੀ ਮੋਹਰੀਕ ਬਣ ਰਹੀ ਹੈ, ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤਾਂ ਉੱਥੇ ਆ ਪੁੱਜਦੀਆਂ ਹਨ। ਅਸੀਂ ਜਾਣ ਲਈ ਇਸ ਬਾਰੇ ਕੁਝ ਤਾਕਤ ਵਾਲੇ ਖੋਜ ਦੌਰੇ ਨਹੀਂ ਚਲਾਉਣਗੇ।
 
यदि हमारे देश में ऐसा ऑपरेशन हुआ जिसमें नौ आतंकवादी ठिकानों को एक साथ ही तोड़ दिया गया, तो यह एक बिल्कुल भी नहीं है कि हमारी आर्मी पूरे देश में लोगों को फंसा दे रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी, पूरे देश में शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि नोटबंदी के बाद जैसा हुआ वह फिर नहीं हो।
 
🌟 आर्मी चीफ जी की बातें सुनकर मुझे बहुत मजबूत महसूस हुआ 🤝। उनका कहना है कि तकनीक और समय के साथ तेजी से आगे बढ़ना जरूरी है। यह सच है, दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें अपनी टेक्नोलॉजी को अद्यतन रखने की जरूरत है 📊। मैं आर्मी चीफ जी के विजन की पूरी तरह से सहमत हूँ, खासकर जब तकनीक युद्ध की गणना और ग्लोबल पावर शिफ्ट को बदल देती है। 🚀

मुझे लगता है कि आर्मी चीफ जी ने हालिया ऑपरेशन सिंदूर में हमारी स्वदेशी तकनीक की बहुत बड़ी महत्वपूर्णता को उजागर किया है। यह एक बहुत अच्छा उदाहरण है कि हमारी टेक्नोलॉजी कैसे हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकती है 🤖

लेकिन, मुझे लगता है कि हमें अपनी सेना को भी अपडेट रखने की जरूरत है, ताकि हमें नए समय में समायोजित करने की जरूरत न रहे। 🕰️

अगर आप आर्मी चीफ जी की पूरी बात पढ़ना चाहते हैं, तो आप यह लिंक पर क्लिक कर सकते हैं: [https://www.jagran.com/india/army-c...arat-niyamit-takneeki-gyaan-jankari-29914223) 📰
 
🤔 यह ऑपरेशन सिंदूर बहुत अच्छा दिख रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें इस तरह की जानकारी और तकनीक से निपटने के लिए और भी अच्छा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। 🤝 22 मिनट में इतने आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना बिल्कुल नहीं आसान है... यह तो बहुत ही सटीक और शानदार था। 💥 लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इसके लिए ताकत मिलने के साथ-साथ, हमें अपने सैनिकों की सुरक्षा और उनकी परिस्थितियों को भी बहुत अच्छी तरह समझना होगा। 🙏
 
मैंने ऑपरेशन सिंदूर में जो भारी हस्तक्षेप देखा, वो एक बड़ा रहस्य था। पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले का जवाब कैसे दिया गया, यह सब तो साफ नहीं है। आर्मी चीफ ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर एक भरोसेमंद ऑक्रेस्ट्रा थी, लेकिन मैं सोचता हूं कि इसमें बहुत सारे अस्पष्टताएं हैं। ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखने के बावजूद, कैसे यह सभी ठिकानों को तबाह कर दिया गया, यह समझ में नहीं आता है। और आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अपडेशन, तो ये सिर्फ एक बचाव का प्रयास है या कुछ और भी। मुझे लगता है कि हमें और अधिक जानकारी चाहिए। 🤔💭
 
बिल्कुल सही बोले जनरल द्विवेदी जी, 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है! 🙌 स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर लागू करने से हम अपने पास्तुकारों और सैन्य अधिकारियों को भी खुश कर सकते हैं की उन्हें ब्रांडिंग कराना चाहिए! 😄

लेकिन फिर भी मेरा सवाल यह है की हम अपनी तकनीक को इतनी तेजी से अपडेट नहीं कर पाएं? 🤔 हमारे पास युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित करने का जुनून है? 🤩

आर्मी चीफ ने बिल्कुल सही कहा की हमें सीखने की कोशिश करनी चाहिए, समय के साथ ढलने की शक्ति में विश्वास करना चाहिए और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए! 💪
 
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