आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में आयोजित 27वें कॉन्वोकेशन पर संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा, "हमने 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया और 88 घंटों में पूरा अभियान सफल रूप से अंजाम दिया। यह ऑपरेशन एक भरोसेमंद ऑक्रेस्ट्रा था, जहां हर व्यक्ति ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस अभियान को स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर लागू किया गया था। इसमें ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखकर, पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। यह अभियान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था।
आर्मी चीफ ने कहा, "दुनिया कभी रुकी नहीं रहेगी, और हमें इस तेज़ गति में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। सीखने की कोशिश, समय के साथ ढलने की शक्ति, और लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का विजन ही सबसे कारगर है। हमें आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अपडेशन जरूरी है, खासकर जब तकनोलॉजी युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित नहीं करती।"
इस अभियान को स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर लागू किया गया था। इसमें ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखकर, पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। यह अभियान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था।
आर्मी चीफ ने कहा, "दुनिया कभी रुकी नहीं रहेगी, और हमें इस तेज़ गति में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। सीखने की कोशिश, समय के साथ ढलने की शक्ति, और लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का विजन ही सबसे कारगर है। हमें आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अपडेशन जरूरी है, खासकर जब तकनोलॉजी युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित नहीं करती।"