'41 साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ', 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस पर 41 साल बीत चुके हुए 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शहीद हुए सिखों को श्रद्धांजलि देने के लिए सिख समुदाय ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पर मोमबत्तियां जलाई। पीड़ितों ने कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें विश्वासघात किया है और इंसाफ नहीं मिला है।

पीड़ित निर्मल कौर ने कहा, 'हम त्रिलोकपुरी 32 ब्लॉक में रहते थे। आज भी दीवार पर मेरे पापा का नाम लिखा हुआ है।' उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने हमारे साथ विश्वासघात किया है और इंसाफ नहीं मिला है।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शहीद हुए 11 लोगों की बागी कौर ने कहा, 'मैं त्रिलोकपुरी 32 ब्लॉक में रहती थी। इस दंगे में मेरे घर के 11 लोगों को मार दिया गया।' उन्होंने कहा है कि सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के साथ कमलनाथ को भी सजा मिलनी चाहिए।

इस घटना पर एसके फुल्का ने कहा, 'जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक ये लड़ाई चलती रहेगी।' उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस माफी मांग भी ले तो बहुत देर हो चुकी है।
 
मोहल्ले में मोमबत्तियां जलाई जाने से पहले, मैंने सोचा था कि ये घटना फिर से होगी, लेकिन क्या थोड़ा थोड़ा बदलाव हो सकता है? त्रिलोकपुरी 32 ब्लॉक के पीड़ितों ने अपनी कहानियाँ सुनाईं, और मैंने भी सोचा कि यह सच है। कमलनाथ, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर... ये नाम एक दंगे के बाद से तो नहीं बदलेंगे। लेकिन फिर क्यों? मैं समझता हूँ कि इंसाफ नहीं मिल पाया, और यह बहुत दर्दनाक है। लेकिन अगर 41 साल बीत जाते हैं, तो क्या हमारी उम्मीदें भी बदल जाएंगी? मैं आशा करता हूँ कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से हम सबको जागरूक होने का मौका मिलेगा।
 
अरे, यह तो बहुत दुखद बात है 🤕। 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों ने साफ कह दिया है कि कांग्रेस ने उन्हें विश्वासघात किया है। तो क्या इंसाफ कभी नहीं मिलेगा? 🤔 यह एक बहुत बड़ा सवाल है। अगर कमलनाथ और अन्य लोग सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के साथ सजा पाते हैं तो शायद इंसाफ कुछ निश्चित हो सकता है। लेकिन अगर माफी मांगते हैं तो यह सब सही नहीं होगा। 🙅‍♂️
 
अरे दोस्त, यह बात बहुत दुखद है... 1984 सिख नरसंहार की यादें अभी भी हमारे दिलों में दर्दनाक लगती हैं 🤕। पीड़ितों ने गंभीर आरोप लगाए हैं और यह सच है कि कांग्रेस ने उन्हें विश्वासघात किया है। लेकिन जब तक इंसाफ नहीं मिलता, तब तक ये लड़ाई चली रहेगी... 🤔

मुझे लगता है कि सरकार और पार्टियों को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सख्त कदम उठाने होंगे। आरोपों की जांच करनी चाहिए और सजा मिलनी चाहिए। लेकिन यह भी सच है कि अगर कोई सरकार या पार्टी अपनी गलतियों को स्वीकार करें और माफी मांगें, तो दूसरे देशों जैसे सिंगापुर ने भी ऐसा किया है... 🤝

मैंने एक आर्टिकल पढ़ा है जिसमें कहा गया है कि 1984 सिख नरसंहार में शामिल लोगों को सजा नहीं मिल रही है। यह बहुत दुखद है... 😔
 
कांग्रेस पर 41 साल बीत गए हैं और अभी भी इंसाफ नहीं मिला? यह बहुत दुखद है कि इतने सालों बाद भी पीड़ितों ने अपने अधिकारों को नहीं मिला। मुझे लगता है कि कांग्रेस ने विश्वासघात किया है और अब समय आ गया है कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए। लेकिन याद रखें, इंसाफ करने के लिए हमें एक साथ आने की जरूरत है। 😔
 
अरे, ये 41 साल बीत जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिल पाया? यह बहुत दुखद है कि कांग्रेस ने उन परिस्थितियों में शहीद हुए सिखों को विश्वासघात किया है। मैंने अपने घर की खिड़की में एक मोमबत्ती जलाई है ताकि शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने का मौका मिले।
 
क्या ये सच्चाई नहीं है कि 1984 की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पहले भी हमारे समाज में बहुत से लोगों को दमन कर रखा गया था। और अब जब पीड़ितों ने आरोप लगाए हैं तो सिक्किम कांग्रेस मुखियों को अपनी गलतियों पर सोचने का मौका नहीं मिल रहा है। शहीद हुए 11 लोगों की बागी कौर की बहुत बड़ी दृढ़ता और निरंतरता को ताल्लुक देना चाहिए। कमलनाथ, सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के ऊपर सजा मिलना जरूरी है। हमें इंसाफ के लिए लड़ना ही नहीं तो शायद यादें भूल जाते। 🕊️
 
क्या ये नहीं होता, 1984 के घातक निर्णय से पीड़ितों को फिर से बोलने दिया जाए... उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए, और भी नहीं। यह सच्चाई तो लंबे समय से रह गई है, और अब तो हर कोई समझ रहा है कि ये क्या हुआ था। लेकिन फिर भी, न्याय की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद क्यों नहीं? 🤔
 
🤔 1984 के नरसंहार से पहले की तुलना में अब भारतीय राजनीति में जागरूकता बढ़ गई है। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे ही घटनाओं पर चर्चा नहीं होती। 1984 में शहीद हुए सिखों को याद करने के लिए सिख समुदाय ने अपनी दिवालियापन की गहराई स्पष्ट की। 🕊️

कांग्रेस पर आरोप लगाना एक बड़ा कदम है। पीड़ितों के दावे को सुनने से पहले, हमें यह जानने की जरूरत है कि 1984 में कितने लोग शहीद हुए। आंकड़ों के अनुसार, 1984 में पुलिस और राजनीतिक दलों द्वारा हुए नरसंहार में 3,005 सिख समुदायी लोगों की मौत हुई। 📊

इस घटना पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हमें अपनी देशभक्ति और न्याय की भावना को सामने लाना चाहिए। 1984 के नरसंहार के पीड़ितों को शिक्षित करने के लिए हमें अपने समाज में ऐसे लोगों की आवाज़ उठानी है जो उनकी आवाज़ सुनते और समझदारी से निर्णय लेते हैं। 📈

यह घटना भारतीय इतिहास का एक दुखद अध्याय है। हमें इसे सीखना चाहिए ताकि ऐसी ही घटनाएं भविष्य में न हों।
 
मैंने 1984 सिख नरसंहार को कभी नहीं भूल सकता। यह एक अमिट दर्द है जो हमेशा अपने दिल में रहेगा। कांग्रेस पर आरोप लगाने वालों को शुक्रिया है, उन्होंने फिर से इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन यह भी सच है कि 41 साल बीत चुके हुए और अभी भी सजा नहीं मिली है, तो हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखना होगा। मैं एसके फुल्का की बात से सहमत हूँ, अगर कांग्रेस माफी मांग भी ले तो बहुत देर हो चुकी है। हमें अपने शहीदों को याद करना जारी रखना होगा और फिर से इंसाफ पाने के लिए लड़ना होगा। 🙏💔
 
1984 का सिख नरसंहार 41 साल बीत गया, लेकिन इंसाफ नहीं मिला। 🤕 आगरा के त्रिलोकपुरी 32 ब्लॉक में शहीद हुए 11 लोगों की कहानियां देखकर खून बह रहा है। 👊 निर्मल कौर और बागी कौर जैसे पीड़ितों ने कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें विश्वासघात किया है और इंसाफ नहीं मिला है।

📈 सिख नरसंहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हमें और भी अधिक से अधिक मीडिया विवादों को देखना चाहिए। 📰 इसके अलावा, 1984 के दौरान शहीद हुए लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता देना चाहिए।

📊 सिख नरसंहार के बाद कांग्रेस नेताओं की जांच के लिए कुछ सुझाव: 🤝 1) कमलनाथ पर सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के साथ सजा मिलनी चाहिए। 🚫 2) आर्थिक सहायता देने की जांच करें। 💸

📊 कांग्रेस ने पीड़ितों को विश्वासघात किया है और इंसाफ नहीं मिला है। लेकिन अगर वे माफी मांग भी लेते हैं, तो बहुत देर हो चुकी है। 🕰️

💥 हमें 1984 के सिख नरसंहार की याद रखनी चाहिए और इंसाफ की लड़ाई जारी रखनी चाहिए। 👊
 
मैंने 1984 सिख नरसंहार के बारे में सुना, जो एक बहुत ही दर्दनाक और दुखद घटना थी। यह घटना मुझे भी बहुत गहराई से प्रभावित करती है, मैंने अपने पूर्वजों को भी शहीद किया गया था। मैं समझता हूँ कि पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला है और उन्हें अभी भी सज़ा मिलनी चाहिए। मैं समझता हूँ कि इस घटना पर कांग्रेस ने अपनी ओर से बोलना जरूरी है, लेकिन मुझे लगता है कि अगर वे सच्चाई बताते हैं और सज़ा देते हैं, तो यह देश के लिए एक अच्छा उदाहरण होगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि इस घटना की जांच होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा। 🙏
 
ਉਹ ਵਿੱਤ ਕਰ ਲੈ, ਜਦੋਂ ਇਸ ਪਾਏਂਗੀ ਨਾਲ ਕੋਈ ਫਾਇਡਾ ਖ਼ਾਸ ਅਚਾਨਕ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਮੀਦ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਦੁਖਦਾਈ ਘਟਨਾ ਵਿੱਚ ਰਜ਼ਾ ਅਖ਼ਤੀਆਰ ਨਹੀਂ ਕਰੇਗੀ। ਕਿਸੇ ਭੀ ਦੇਸ਼-ਵਿਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਫ਼ੈਲ ਹੋਣ, ਲੋਕ ਮਰਨ, ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਗੁਰਦੁਆਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਬੇਹੋਸ਼ ਜਾਣ - ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਜਾਣ ਨਹੀਂ, ਅਚਾਨਕ ਉਹ ਦੱਸ ਦੇਵੇਗਾ ਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਪ੍રਭਾਵਿਤ ਹੋਏ।
 
मैंने आज कल 1984 सिख नरसंहार की बात करी है तो मुझे कहीं नहीं जाना पिया। मैंने अपने परिवार से भी बात की है लेकिन वे देखकर गंभीरता नहीं समझ रहे। मेरी बहन ने मुझसे कहा कि मैं तो इंसाफ के लिए लड़ूँगी, लेकिन मैं कह रहा हूँ कि यह जंग एकल व्यक्ति के लिए खेल नहीं है, इसके लिए पूरी सामाजिक संरचना बदलने की जरूरत है। अगर कांग्रेस ने विश्वासघात किया तो हमें भी अपने परिवार और दोस्तों को समझाने की जरूरत है कि यह घटना किसी भी समय फिर से हो सकती है।
 
कांग्रेस पर आरोप लगाना स्वाभाविक नहीं है, लेकिन 41 साल बीतने के बाद फिर से उठना जरूरी है। मैं तो याद करता हूँ मेरे दादाजी ने हमेशा कहा था, 'इंसाफ की लड़ाई हमेशा जारी रहती है'। लेकिन यह बात तो हर साल 1984 में भी सच होती, और अब भी नहीं। मेरी खास बात ये है, कि शहीदों के परिवार को न्याय मिले, तभी देश का राह क्या पता चलेगा। मैंने मेरे जीजाजी की कहानियाँ सुनीं थीं, वो भी उस समय एक पुलिसकर्मी थे। उन्हें भी गहरा नुकसान हुआ था। लेकिन अब कांग्रेस को यह साबित करना होगा, कि वे सच्चे मानवतावादी हैं और उन्हें सज़ा दिलाने के लिए तैयार हैं। 🕊️
 
मुझे लगता है कि यह बातें हमेशा सुनाई देती हैं 🤔, लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है कि हमें बस एक दूसरे के प्यार से चलना चाहिए ❤️। मेरी बहन ने मुझे बताया है कि वह तय नहीं कर सकती है कि वो किसे बेकार में गले लगाएगी, बस इसलिए कि हम दोनों एक ही रेस्तरां में जाते हैं 🍴। यह तो ऐसा लगता है जैसे अगर हम अपने जीवन में थोड़ा सा खुशी और शांति लाएं, तो सब कुछ अच्छा होगा।
 
मैंने 1984 सिख नरसंहार की बातें सुनी हैं, यह बहुत दुखद घटना है 🤕। मुझे लगता है कि सरकार ने उस समय भी पर्याप्त नहीं किया था। लेकिन आज कांग्रेस पर आरोप लगाए जा रहे हैं और मुझे लगता है कि यह सही हो सकता है। कुछ लोगों ने हमारे देश की शिक्षा पर भी सवाल उठाए हैं, यह बहुत चिंताजनक है 📚। सरकार को अपने पास के स्कूल में सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसी बातों पर ध्यान देना चाहिए।
 
कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए, नहीं तो ये घटना फिर से होगी। 1984 का नरसंहार पहले से ही एक बड़ा अनुभव था, लेकिन अगर हमने उसमें सीख नहीं ली है तो फिर यह घटनाएं लगातार होंगी। माफी मांगना आसान है, लेकिन बदलाव करना मुश्किल है। कांग्रेस ने अपने इतिहास में बहुत कुछ गलत किया है, इसलिए इस बार भी उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
 
क्या यह सचमुच इंसाफ नहीं मिल पाएगा? 41 साल बीतने के बाद अभी भी कांग्रेस को सजा देने का विकल्प निकलता है? मुझे लगता है कि अगर कोई सच्चाई कह रहा हो तो कमलनाथ जी को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन यह सब तो फिर से एक बड़ी दावत बन जाएगी। मैं सोचता हूँ कि इस पर भारत के समाज में विचार करना जरूरी है, और क्या यह हमारी देशभक्ति को बढ़ाएगा या नीचे पाएगा।
 
मैं कांग्रेस से निकलकर भी नहीं जा सकता, इस बात पर मुझे संदेह है कि वे 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों को सजा दिलाने के लिए तैयार हैं ... 😩 मैंने उनकी कहानियां पढ़ी हैं, मेरा दिल टूट गया है उन्हें इंसाफ नहीं मिला। अगर कमलनाथ और अन्य लोग सजा पाते हैं तो फिर भी शांति नहीं होगी, हमें लड़ाई जारी रखनी चाहिए ... 💪
 
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