दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद हिरासत में लिए गए फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मस्जिद के इमाम मोहम्मद इश्तियाक की पत्नी हसीना ने कहा, "डॉ. मुजम्मिल ने पहले उसके पति से मस्जिद में पहचान बनाई और फिर उनसे दूध खरीदना शुरू।"
हसीना ने बताया, "डॉ. मुजम्मिल ने अपने दोस्त का सामान रखने की बात कहकर उनके फतेहपुरा तगा वाले घर में कमरा किराए पर लिया था। मुजम्मिल ने 1500 रुपए महीने के हिसाब से एक कमरा किराए पर सामान रखने के लिए लिया था। डॉ. मोहम्मद उमर नबी भी रोज मस्जिद में आता था।"
हसीना ने बताया, "दो-तीन साल से मुलाकात होने के कारण उनके शौहर की डॉ. मुजम्मिल से जान-पहचान हुई। मुजम्मिल ने करीब 5 महीने पहले इश्तियाक से किराए के लिए कमरे की बात की थी।"
इस दौरान डॉ. मुजम्मिल रोज मस्जिद में आता था, वहीं डॉ. उमर नबी भी मस्जिद में नमाज अदा करते हैं।
हसीना ने बताया कि उनके पति साल 2005 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी आकर रहने लग गए थे। तब यूनिवर्सिटी की तरफ से मस्जिद में रहने और काम करने के 2 हजार रुपए मासिक मिलते थे।
इसी विश्वसनीय पत्रकारिता से आपको यह भी पता चलेगा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पुलिस ने इमाम इश्तियाक के फतेहपुर तगा वाले घर से 2540 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की थी।
हसीना ने बताया, "डॉ. मुजम्मिल ने अपने दोस्त का सामान रखने की बात कहकर उनके फतेहपुरा तगा वाले घर में कमरा किराए पर लिया था। मुजम्मिल ने 1500 रुपए महीने के हिसाब से एक कमरा किराए पर सामान रखने के लिए लिया था। डॉ. मोहम्मद उमर नबी भी रोज मस्जिद में आता था।"
हसीना ने बताया, "दो-तीन साल से मुलाकात होने के कारण उनके शौहर की डॉ. मुजम्मिल से जान-पहचान हुई। मुजम्मिल ने करीब 5 महीने पहले इश्तियाक से किराए के लिए कमरे की बात की थी।"
इस दौरान डॉ. मुजम्मिल रोज मस्जिद में आता था, वहीं डॉ. उमर नबी भी मस्जिद में नमाज अदा करते हैं।
हसीना ने बताया कि उनके पति साल 2005 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी आकर रहने लग गए थे। तब यूनिवर्सिटी की तरफ से मस्जिद में रहने और काम करने के 2 हजार रुपए मासिक मिलते थे।
इसी विश्वसनीय पत्रकारिता से आपको यह भी पता चलेगा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पुलिस ने इमाम इश्तियाक के फतेहपुर तगा वाले घर से 2540 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की थी।