Bihar Election 2025: NDA जीत पर चिराग का चौंकाने वाला दावा, राजद पर जमकर भड़के दागे तीखे सवाल!

नीतीश कumar ने की थी घोषणा, भारतीय जनता पार्टी में चिराग पासवान को विशेष स्थान नहीं दिया गया। राजद नेताओं ने तेजपाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की, लेकिन वह भी 2010 के रिकॉर्ड को टूटने से बच सके।

बिहार में पहले चरण में शानदार वोटिंग के बाद नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं। महागठबंधन ने कहा है कि लोगों ने इतनी भारी संख्या में मतदान किया है, जिससे उनकी सरकार बनेगी। वहीं एनडीए ने कहा है कि लोग सरकार के काम से खुश होकर भारी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते जब हम सरकार बनाएंगे, तब उनको पता चल जाएगा। उन्होंने महागठबंधन पर भरोसा करने का कोई कारण बताने से इनकार किया।

चिराग पासवान ने कहा, "राजद के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोग समझ रहे हैं कि अगर गलती से भी वो लोग सत्ता में आ गए तो पूरे बिहार में अराजकता का माहौल बना देंगे।"

पहले चरण में हम करीब 100 सीटों पर पहुंच चुके हैं। इस बार 2010 का रिकॉर्ड भी टूटेगा। लेकिन महागठबंधन ने भी कहा है कि इस बार उनकी शानदार जीत होने वाली है।

नेताओं ने अलग-अलग दावे किए हैं, लेकिन अब फैसला बिहार की जनता को करना है। एनडीए के नेता बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वहीं महागठबंधन को लगता है कि बिहार में एनडीए के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का उनको मिलने वाला है।
 
राजद नेताओं द्वारा तेजपाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बातें कुछ चिंताजनक हैं। मुझे लगता है कि 2010 के रिकॉर्ड को टूटना भी एक अच्छा काम नहीं होगा, लेकिन फिर भी लोगों ने अपने वोट बाँटने का निर्णय लिया है। मुझे लगता है कि चिराग पासवान की बातें थोड़ी भ्रामक लग रही हैं, लेकिन अभी तक देखा नहीं गया है। सिर्फ समय ही बताएगा कि कौनसी पार्टी बिहार में जीतेगी।
 
मैंने पहले कहा था कि नीतीश कुमार ने चिराग पासवान को विशेष स्थान देने की बात नहीं कही, लेकिन अब वही कहते हैं कि चिराग पासवान ने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं? 🤔

मुझे लगता है कि राजद नेताओं ने तेजपाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है, लेकिन अब वही कहते हैं कि तेजपाल यादव ने 2010 के रिकॉर्ड को टूटने से बच सका? 🤷‍♂️

मैंने पहले कहा था कि बिहार में पहले चरण में शानदार वोटिंग हुई, लेकिन अब वही कहते हैं कि नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं? 🤯

मुझे लगता है कि चिराग पासवान ने सही कहा है कि राजद के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को परेशान किया जा रहा है, लेकिन अब वही कहते हैं कि उन्हें महागठबंधन पर भरोसा करने का कोई कारण बताने से इनकार करना चाहिए? 🤔

मैंने पहले कहा था कि एनडीए को लगता है कि बिहार में एनडीए के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का उनको मिलने वाला है, लेकिन अब वही कहते हैं कि एनडीए के नेता बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रहे हैं? 🤷‍♂️

अब फैसला बिहार की जनता को करना है, लेकिन मुझे लगता है कि नेताओं के दावों पर विश्वास करना आसान नहीं है। 💭
 
अरे, तो चिराग पासवान ने कह दिया है कि अगर राजद के लोग सत्ता में आते हैं तो बिहार में अराजकता का माहौल बन जाएगा। अरे, वाह! यह तो और भी मजेदार है। 🤣

मुझे लगता है कि चिराग पासवान को पता नहीं है कि राजनीति में सबसे बड़ा खतरा क्या है, वही उनके खुद के दावे। 🤦‍♂️

लेकिन, वाह! बिहार में मतदान प्रतिशत बढ़ने से एनडीए को अच्छी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है। शायद महागठबंधन का यह दावा बस धूमधाम में फूट जाएगा। 😂

अरे, चिराग पासवान को लगता है कि राजद के लोग सत्ता में आते हैं तो अराजकता का माहौल बनेगा। लेकिन, वाह! उनकी अपनी सरकार बनने की उम्मीदें तो कितनी बड़ी होंगी? 😂
 
मैंने देखा है कि चिराग पासवान ने कहा था कि अगर राजद के कार्यकर्ताओं से परेशान होते रहें तो लोग समझते हैं कि वे सत्ता में आ गए तो बिहार पूरे अराजकता का माहौल बनाएगे। यही था 2010 के समय में जेधव प्रasad कुमार ने कहा था। लेकिन फिर से चिराग पासवान जी ऐसा नहीं करते, हो सकता है वे सच बोल रहे हों।
 
केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के दावे सुनकर मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ 🤔। उन्होंने कई बातें कहीं जो सीधे तौर पर सत्ता में आने से पहले ही उनके भविष्य के बारे में बात करने लगते हैं। लेकिन फिर भी, यह एक अच्छा दृश्य है कि उन्होंने अपनी सरकार बनाने की योजना को पूरी तरह से तैयार नहीं किया है। शायद वे अभी भी अपने रणनीति में कुछ बदलाव कर रहे हैं।
 
😒 चिराग पासवान जी दावे तो करने से करने, लेकिन क्या उन्हें कोई सबूत है? रिकॉर्ड टूटने का क्या मतलब है? और उनका कहना है कि अगर गलती से भी राजद लोग सत्ता में आ गए तो पूरे बिहार में अराजकता का माहौल बनेगा। यह तो बहुत बड़ा दावा है, लेकिन कहां से उन्होंने ऐसा पता लगाया?

और तेजपाल यादव जी ने भी बोला, लेकिन उनके दावे क्या आधार हैं? केवल रिकॉर्ड टूटने से तो कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है कि दोनों पार्टियां अपने दावों पर भरोसा करने से पहले ठीक से सत्यिकता की जांच कर लेनी चाहिए।
 
क्या ऐसा लगता है कि चिराग पासवान ने फिर से अपनी दावेदारी करने का प्रयास किया है? पहले चरण में 100 सीटों पर पहुंचने से उनका दावा नहीं खत्म हुआ, बल्कि यह सिर्फ एक और चिंहटा है। और फिर उन्होंने कहा कि अगर गलती से वो लोग सत्ता में आ गए तो पूरे बिहार में अराजकता का माहौल बनाएगे। यह तो बहुत ही चिंताजनक बात है। और अब एनडीए ने कहा है कि बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रहे है, लेकिन महागठबंधन पर लगातार धमकी दे रहे हैं। यह तो बहुत ही खतरनाक स्थिति है। मुझे लगता है कि आगे चलकर बिहार की जनता को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
 
अरे, ये तो देखो, दूसरों का दावा करने से और दूसरों को परेशान करने से क्या नतीजा निकलेगा। चिराग पासवान की बातें तो थोड़ी भी सोच-समझकर नहीं लग रही। लोगों को लगता है कि उनकी सरकार में कुछ गड़बड़ होने वाली है। पार्टियों को अपने दावों पर खड़े रहना चाहिए, न कि आपस में तालमेल बिठाने की।
 
अरे, यह तो बहुत ही रोचक देख रहा हूँ। चिराग पासवान जी के दावे कितने ही चौंकाने वाले हैं, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें अपना फायदा उठाने का समय मिल गया है। राजद नेताओं को भी तेजपाल यादव जी पर भरोसा करने का मौका मिलना अच्छा नहीं है, लेकिन वह इस बार कम से कम बिहार में अराजकता का माहौल बनाने से बच सके।

बिहार में पहले चरण में बहुत अच्छी वोटिंग देखी गई, लेकिन यह तो अभी शुरुआत है, और फैसला बिहार की जनता को करना है। एनडीए के नेताओं की बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रही है, लेकिन महागठबंधन की भी अपनी-अपनी मजबूतियाँ हैं। यह देखना रोचक होगा कि बिहार में कौन सी तरफ जीतेगा।
 
🤣😂 चिराग पासवान को राजद नेताओं से जीत देने का साहस... वाकई वे तैयार नहीं हुए। 🙄

[चिराग पासवान की बातचीत में एक मजेदार ग्राफिक]
 
मुझे लगने लगा है कि सबकुछ सही नहीं हुआ। चिराग पासवान जी ने बातें की हैं कि अगर राजद लोग सत्ता में आ गए तो बिहार में अराजकता बनेगी। लेकिन हमें पहले ऐसा नहीं देखा, और अब जब वे सरकार बनाने जा रहे हैं, तो उनकी बातों से कोई आसानी नहीं है। 🤔

मुझे लगता है कि चिराग पासवान जी की बातें थोड़ी गंभीर हैं। लेकिन फिर भी, हमें यह नहीं कह सकता कि उनकी सरकार सचमुच अच्छी होगी। 🤷‍♂️

जैसे ही चुनावों में सबसे ज्यादा वोट मिले, तो राजनेताओं ने अपने-अपने दावे किए। लेकिन फिर भी, यह एक बार फिर से चुनावों की गंभीरता की बात है। 📊
 
मुझे लगता है ki abhar mein election ki result aayegi aur logon ke vote ka result dekhna hoga. Maine dekha hai ki bhi rajd neta tega pal yadav ko mukhya mantri banane ki baat kar rahe hain, lekin ab kuchh time aaye toh janta ke vote se sach mein koi decision na ho sakti 🤔

aur chiraag paswan ki baat suni hai. Maine socha ki vah logon ko arajakat ki samasya par zikr dilane wale hain. parantu abhar mein election ka result aayegi to sabhi kaam mil jayega aur koi decision na ho sakti 🤞

maine dekha hai ki ek baar jab log apni party ko chunenge toh janta ke liye sach ki decision sahi nahi ho sakti. maine socha ki abhar mein election ka result dekhne ke baad hi sach ki decision mil sakti 📊
 
राजद नेताओं को तेजपाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करने से पहले उन्हें यह बात नहीं सुनाई दी कि 2010 का रिकॉर्ड किसने टूटाया है? क्या वे जानते हैं कि चिराग पासवान ने खुद कहा था कि अगर राजद सरकार बनती तो पूरा बिहार अराजक हो जाएगा। लेकिन अभी तक उन्होंने अपने दावे में कोई बदलाव नहीं किया है।

और चिराग पासवान ने कहा है कि अगर राजद सरकार बनती तो अराजकता का माहौल बनेगा, लेकिन वह बात अभी तक उन्होंने अपने दावे में बदली नहीं है।

मैं समझता हूँ कि चुनावों में जीत का सबसे बड़ा मतलब यह है कि जीतने वाली पार्टी ने सबसे अधिक मतों से जीत हासिल किया। लेकिन क्या हम कभी सोचने देते हैं कि चुनाव में जीतने वाली पार्टी कितनी बड़ी होती है?

बिहार की जनता ने पहले चरण में शानदार वोटिंग की, लेकिन अब यह तो देखना है कि क्या इस बार भी हमारे पास एक मजबूत और स्थिर सरकार बनेगी।
 
🤔 चिराग पासवान ने तो बहुत बड़ा दावा किया है! उन्होंने कहा है कि अगर गलती से भी राजद लोग सत्ता में आ गए तो बिहार में अराजकता बन जाएगी। यह तो बहुत ही चुनौतीपूर्ण दावा है! लेकिन मुझे लगता है कि चिराग पासवान को अपने दावों पर विश्वास करना चाहिए। 🙏

और भी, बिहार में पहले चरण में बहुत अच्छी वोटिंग देखी गई, यह तो बहुत ही सकारात्मक संकेत है। मुझे लगता है कि जनता ने अपनी आवाज़ सुनाई है, और अब यह देखना रोचक होगा कि कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी। 🎉

लेकिन, एक बात तो जरूरी है कि चिराग पासवान ने अपने दावों पर विश्वास करना चाहिए और जनता की उम्मीदों को भी पूरा करना चाहिए। 🙏 अगर हमें लगता है कि उनके दावे से सच्चाई है, तो फिर जरूरी है कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें।
 
भाई, यह तो एक बड़ी चुनौती हो रही है बिहार में। राजद नेताओं ने बहुत भारी संख्या में मतदान करने का दावा किया है, लेकिन मुझे लगता है कि यह तो एक गलत धारणा है। अगर लोगों ने इतनी भारी संख्या में मतदान करने का विकल्प नहीं था, तो वही तो उन्हें पहले चरण में शानदार वोटिंग की बात माननी चाहिए।

चिराग पासवान ने बहुत बड़ी चुनौती ली है, लेकिन मुझे लगता है कि उनको यह समझने में समय लगेगा कि वे किस स्थिति में आ गए हैं। अगर उन्होंने राजद नेताओं पर भरोसा करने का कोई कारण बताने से इनकार किया, तो यह भी एक बड़ी चुनौती है।

अब फैसला बिहार की जनता को करना है, और मुझे लगता है कि लोगों ने अपनी-अपनी पसंद के अनुसार मतदान करने का विकल्प चुना। आइए देखें कि किसकी सरकार बनेगी।
 
मानो भारतीय जनता पार्टी ने चिराग पासवान को फाइनल मैच से बाहर कर दिया है 🏆, तो राजद नेताओं ने तेजपाल यादव को शानदार प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनाया है ⚽️। लेकिन अब यह सवाल है कि आगे क्या होगा, क्या बिहार में सत्ता विरोधी लहर सचमुच महागठबंधन को टकराएगी? 😬 नेताओं के दावों से पहले, जनता की मानचित्र पर यह सवाल बना हुआ है कि आगे क्या होगा।
 
पूर्वजों ने प्रदेश की सेहत देखी है, भले हमारा रिकॉर्ड टूट गया 🤔। तेजपाल यादव अभी तक एक बीमार में नहीं मरे, ये वाकई अच्छी बात है 💊। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो अपने रिकॉर्ड से परेशान होते हैं, जैसे कि चिराग पासवान 🙄
 
मैंने देखा है कि चिराग पासवान ने तेजपाल यादव से बेहतर होने का दावा किया है, लेकिन वह कैसे करेगा? मेरी बहन ने कहा है कि उनकी पत्नी का परिवार भी राजद के साथ जुड़ा हुआ है, तो वह इतना अलग नहीं हो सकता। और ये बात तो सच है, चिराग पासवान ने अपने परिवार के बारे में भी बहुत कम बताया है।
 
अरे, ये तो बहुत बड़ा फैसला आ गया है, लेकिन हमें धीरे-धीरे सोचते हुए निकलना चाहिए। चिराग पासवान की बातें कुछ दिलचस्प हैं, लेकिन हमें उन्हें तुरंत नहीं मानना चाहिए। राजद और महागठबंधन दोनों के नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं, लेकिन फिर भी यह साफ नहीं है कि कौन जीतेगा। हमें याद रखना चाहिए कि बिहार में मतदाता बहुत ही सक्रिय है, इसलिए उनकी राय हमेशा सबसे महत्वपूर्ण रहती है।
 
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