नीतीश कumar ने की थी घोषणा, भारतीय जनता पार्टी में चिराग पासवान को विशेष स्थान नहीं दिया गया। राजद नेताओं ने तेजपाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की, लेकिन वह भी 2010 के रिकॉर्ड को टूटने से बच सके।
बिहार में पहले चरण में शानदार वोटिंग के बाद नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं। महागठबंधन ने कहा है कि लोगों ने इतनी भारी संख्या में मतदान किया है, जिससे उनकी सरकार बनेगी। वहीं एनडीए ने कहा है कि लोग सरकार के काम से खुश होकर भारी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते जब हम सरकार बनाएंगे, तब उनको पता चल जाएगा। उन्होंने महागठबंधन पर भरोसा करने का कोई कारण बताने से इनकार किया।
चिराग पासवान ने कहा, "राजद के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोग समझ रहे हैं कि अगर गलती से भी वो लोग सत्ता में आ गए तो पूरे बिहार में अराजकता का माहौल बना देंगे।"
पहले चरण में हम करीब 100 सीटों पर पहुंच चुके हैं। इस बार 2010 का रिकॉर्ड भी टूटेगा। लेकिन महागठबंधन ने भी कहा है कि इस बार उनकी शानदार जीत होने वाली है।
नेताओं ने अलग-अलग दावे किए हैं, लेकिन अब फैसला बिहार की जनता को करना है। एनडीए के नेता बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वहीं महागठबंधन को लगता है कि बिहार में एनडीए के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का उनको मिलने वाला है।
बिहार में पहले चरण में शानदार वोटिंग के बाद नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं। महागठबंधन ने कहा है कि लोगों ने इतनी भारी संख्या में मतदान किया है, जिससे उनकी सरकार बनेगी। वहीं एनडीए ने कहा है कि लोग सरकार के काम से खुश होकर भारी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते जब हम सरकार बनाएंगे, तब उनको पता चल जाएगा। उन्होंने महागठबंधन पर भरोसा करने का कोई कारण बताने से इनकार किया।
चिराग पासवान ने कहा, "राजद के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोग समझ रहे हैं कि अगर गलती से भी वो लोग सत्ता में आ गए तो पूरे बिहार में अराजकता का माहौल बना देंगे।"
पहले चरण में हम करीब 100 सीटों पर पहुंच चुके हैं। इस बार 2010 का रिकॉर्ड भी टूटेगा। लेकिन महागठबंधन ने भी कहा है कि इस बार उनकी शानदार जीत होने वाली है।
नेताओं ने अलग-अलग दावे किए हैं, लेकिन अब फैसला बिहार की जनता को करना है। एनडीए के नेता बढ़े मतदान प्रतिशत से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वहीं महागठबंधन को लगता है कि बिहार में एनडीए के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का उनको मिलने वाला है।