China: चीन ने ट्रंप के 'गुप्त परमाणु परीक्षण' के दावे को किया खारिज, चीनी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर पूरी तरह से खंडन किया है कि चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियार परीक्षण कर रहा है। इस आरोप को खारिज करते हुए चीन ने कहा है कि हम एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति पर कायम हैं और परमाणु परीक्षणों पर अपने प्रतिबंध का पालन करते हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य और एक परमाणु-हथियार संपन्न देश के रूप में चीन परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल ना करने की नीति का पालन करता है, एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति बनाए रखता है और परमाणु परीक्षण स्थगित करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करता है।

माओ निंग ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका भी परमाणु परीक्षण पर अपनी रोक बरकरार रखेगा और वैश्विक स्थिरता में योगदान देगा।"
 
અમે આ ખબરની જાણ લીધી, કે ચીન એટલે કે ચીન સરકાર એ આવો દાવો ખરા છે, જેમણે કહ્યું છે કે તે ગુપ્ત રીતે પરમાણુ અસ્ત્રોનું પરીક्षण કરી રહ્યું છે...

આવું લાગે છે કે, ચીન સરકાર આખરે તેના દાવિયોથી પણ જમણે છે... ચીને અંગ્રેજી ભાષામાં કહ્યાપટી, "આમેનિસ્ટ ડિફેન્સ સ્ટ્રેટજી" તરીકે ઓળખાય છે...

આ દાવો પહેલથી મન્ય ન હતો, જ્યારે અમે એસએફ આર સિવાય કોઈપણ દેશ નથી...

માઓ નીંગ જ્યારે એસએફ આર બનવું, ત્યારે અમે પણ એક દેશ છીએ...
 
भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के लिए सरकार को प्रोत्साहनों और उपक्रमों पर ध्यान देना चाहिए। 📈 #आर्थिकवर्धन

चीनी विदेश मंत्रालय की बातों सुनकर लगता है कि वे अपने परमाणु हथियारों के प्रति सच्चे हैं। 💯 परिवेक्षणों पर रोक लगाए रखना एक अच्छी बात है, हमें उम्मीद है। 🙏 #परमाणुहथियार

लेकिन अमेरिकी आरोप से मिलकर चीन को भी अपने पास कुछ दिखाना चाहिए। 😐 हमें अपने पड़ोसियों के साथ समझौता करने और उनके साथ मिलकर खुशी बनाए रखनी चाहिए। 🤝 #पड़ोसीयशांति
 
चीन को बिल्कुल सही कह देना चाहिए कि वे हमेशा परमाणु हथियारों का प्रयोग करने को तैयार नहीं हैं। यह अच्छा है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्य हैं और वैश्विक शांति में योगदान देने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी भी हमें लगता है कि अमेरिका को अपने दावों पर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। चीन ने कहा है कि वे एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति बनाए रखते हैं, लेकिन हमें उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वे कभी भी हमले में शामिल होंगे। यह एक बहुत बड़ा खतरा है और हमें इसकी सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए। 🤔
 
अरे, यह तो आसान चीज़ नहीं है कि अमेरिका को चीन के आरोपों पर विश्वास करना पड़ेगा 🙄। चीन ने खुलकर कहा है कि वे परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंधित हैं और आत्मरक्षात्मक रणनीति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अगर अमेरिका को लगता है तो फिर उन्हें भी अपने देश की सच्चाई बतानी पड़ेगी, न कि चीन पर विश्वास करना। 🤔
 
बहुत अच्छा कि चीन ने अमरिका को गलत साबित कर दिया है 🙌, ट्रंप जी के आरोपों पर पूरी तरह से खंडन किया है। ये अच्छी खबर है, हमें उम्मीद है कि अब अमरिका भी अपने शब्दों में बदलाव लाएगा। चीन ने बात की की वो एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति पर बनाए रखेगा और परीक्षण स्थगित करने की प्रतिबद्धता का सम्मान करता है... तो अब हमें उम्मीद है कि वैश्विक शांति में कोई बदलाव आएगा।
 
अरे भाई, यह तो पूरी तरह से चीन की बात है... जब अमेरिका कुछ कहता है, तो हमें बस सुनने की जरूरत है और उनकी बातों पर खंडन करने की जरूरत नहीं है। लेकिन मान लेना ही समझ लेना चाहिए कि चीन ने अपनी परमाणु रणनीति को आत्मरक्षा के रूप में तय कर लिया है और अब वैश्विक स्थिरता के लिए भी योगदान देने की कोशिश कर रहा है।

माओ निंग जी की बातें सुनने से अच्छा लगा, विशेष रूप से जब उन्होंने कहा कि अमेरिका भी अपनी रोक बरकरार रखेगी। ठीक है, चीन तो सब सही कर रहा है... 🙃😂
 
चीन की बात समझ में आती है, लेकिन लगता है कि अमेरिका ने जो आरोप लगाया था, वो तो सच नहीं था। चीन की परमाणु रणनीति पर उनकी प्रतिबद्धता देखना अच्छा होगा। अब से हमें उम्मीद करनी चाहिए कि दोनों देश एक दूसरे के साथ शांति और समझ के साथ आगे बढ़ें। परमाणु परीक्षण पर रोक बरकरार रखना बहुत जरूरी है, तो कि हमें वैश्विक शांति में मदद करने का मौका मिले। 🤝
 
मैंने जो पढ़ा है, तो यह अच्छी बात है कि चीन ने अमेरिकी आरोपों का खंडन किया है। लेकिन मुझे लगता है कि चीन को भी अपने पैरों पर खड़े होने की जरूरत है, जैसे कि वे कितने खुले में रह रहे हैं और अपने परमाणु संपदार्थ को विकसित कर रहे हैं। अगर चीन सचमुच आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति पर बना हुआ है, तो फिर उन्हें अपनी प्रतिबंधों को और मजबूत करना चाहिए। मेरी बात सुनने के लिए, आइए आगे बढ़ें और देखें कि क्या अमेरिका भी अपनी ओर से कुछ कहेगा। 🤔💬
 
अरे, यह तो बहुत ही दिलचस्प है कि अमेरिका ने चीन के खिलाफ इतने आरोप लगाए। लेकिन चीन ने पूरी तरह से इनकार कर दिया है और कहा है कि वे परमाणु परीक्षणों पर रोक रखेंगे। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है, लेकिन हमें पहले अमेरिका के दावों को और जानने की जरूरत है। क्या वास्तव में अमेरिका ने कोई सबूत प्रस्तुत किए हैं? और चीन के दावों को सत्यापित कैसे किया जाएगा? हमें इन सवालों के जवाब ढूंढने की जरूरत है और फिर ही ऐसे आरोप लगाने वाले नेताओं की आलोचना कर सकते हैं। 🤔
 
चीन को अब ये बात भूल जानी चाहिए कि वो परमाणु हथियारों को छुपाने की कोशिश करता है तो लेकिन अब वो स्थिति बदल गई है और अब वो खुद खुलकर कह रहा है कि हम एक आत्मरक्षात्मक रणनीति पर हैं और हमने परमाणु परीक्षणों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। 😐

यह अच्छा है कि चीन ने अमेरिका को अपने आरोपों को खारिज करने के लिए कहा है और अब वो स्थिति में बदलने की कोशिश कर रहा है। लेकिन चीन को अभी भी अपनी रणनीतियों को और अधिक स्पष्ट बनाने की जरूरत है। 🤔
 
अमेरिकी लोग बहुत बुरे महसूस कर रहे हैं कि उनके देश को परमाणु परीक्षण करने का अधिकार नहीं है 🤕😬। चीन ने कहा है कि वो एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति पर कायम हैं, लेकिन अमेरिकी लोग उनकी बात मानने के लिए तैयार नहीं हैं 🤔😒। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी प्रतिबद्धता को बताया, लेकिन अमेरिकी लोग अभी भी उनके लिए एक खतरा लगते हैं 😬🚨। यह दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है जिसे हमें ध्यान से रखना चाहिए ⚠️💥
 
नई दुनिया में यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है कि चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों पर जवाब देने से पहले उनकी पूरी तरह से प्रतिरोध किया है। यह तो एक अच्छा संदेश है कि चीन हमेशा बोलता रहता है और कभी भी अपने खिलाफ आरोपों में फंसने नहीं देता। माओ निंग जी की बात सुनकर लगता है कि चीन एक बहुत ही सम्मानित देश है और वो परमाणु परीक्षणों पर अपनी रोक कायम रखने की प्रतिबद्धता से अच्छी तरह से जानता है।
 
चीन ने अमरिकी आरोपों पर पूरी तरह खंडन किया, तो फिर भी मुझे लगता है कि चीन को अपने परमाणु हथियार परीक्षणों को रोकने के लिए और अधिक काम करना पड़ेगा। अमरिका ने चीन को कई बार आरोप लगाया था कि वह गुप्त रूप से परमाणु हथियार परीक्षण कर रही है, लेकिन अब यह देखना रोचक है कि चीन ने इन आरोपों को खंडित किया है। 🤔

लेकिन मेरा विश्वास है कि अमरिका और चीन को अपने बीच की भावनात्मक टकरावों से बचने के लिए काम करना होगा। दोनों देशों को अपने परमाणु हथियार परीक्षणों को रोकने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। और जैसा कि चीनी विदेश मंत्री निंग ने कहा, दोनों देशों को अपने परमाणु परीक्षणों को रोकने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। यही सबसे अच्छा तरीका है जिससे वैश्विक स्थिरता में सुधार हो सके। 💪
 
ब्रेकिंग न्यूज़! अमेरिका से चीन की गवाही आ गई है... और यह तो बहुत बड़ी बात है! मेरी राय में तो चीन का खेद होना चाहिए कि अमेरिका ने ये आरोप लगाया, लेकिन अब साफ हो गया है कि उन्होंने गलत कहा। चीन की बात समझनी चाहिए, वे एक आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति बनाए रखते हैं और परीक्षणों पर प्रतिबंधित हैं। मुझे लगता है कि अमेरिका को अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना चाहिए, नहीं तो वैश्विक स्थिरता पर असर पड़ेगा। 🤔🚫
 
बिल्कुल ये अच्छी बात है, चीन ने अमेरिकी सरकार को धमकाने की बात मना कर दी है और कहा है कि वे परमाणु हथियारों पर स्थिर रहेंगे। मुझे लगता है कि अगर हम सब एक साथ स्थिरता बनाए रखें, तो हमारे देशों की आर्थिक विकास पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है "चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियार परीक्षण कर रहा है।" तो अब चीन ने मना कर दिया है और यह अच्छी बात है क्योंकि अगर हम सभी एक साथ स्थिरता बनाए रखें तो हमारा पेट डॉलर फैलेगा।

मुझे लगता है कि चीन की इस बात की ज़रूरत नहीं है। मैं सोचता हूँ कि अगर चीन दूसरी तरह चले, तो हमारे देशों को एक्सपोर्ट पर भी अच्छा फायदा मिलेगा।
 
चीन को अमेरिका के आरोपों से तालमेल बिठाने में सफल रहा, लेकिन यह सवाल अभी भी उठता है कि चीन की परमाणु नीति वास्तव में आत्मरक्षात्मक है? चीन की जटिल आर्थिक और राजनीतिक संरचना को समझने के लिए हमें अपने दृष्टिकोण को समायोजित करना पड़ेगा। पूर्वी एशियाई geopolitics में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है जिसमें चीन की बढ़ती शक्ति और अमेरिकी कमजोरी पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
 
मुझे लगता है कि चीन ने बिल्कुल सही काम किया है। जो लोग कह रहे थे कि चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियार परीक्षण कर रहा है, वे पूरी तरह से भूल गए हैं। चीन हमेशा से शांतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है और इस बात की जरूरत नहीं है कि वह परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा। लेकिन अमेरिका की बातें सुनने वाले लोगों ने चीन पर बहुत ज्यादा आरोप लगाए हैं। अब जब चीन ने अपनी स्थिति बताई है, तो मुझे लगता है कि उन्होंने बिल्कुल सही काम किया है।

चीन की बातें सुनकर मुझे अच्छा लगा 🤔, यह जरूर है कि दुनिया में शांति बनी रहे।
 
अरे, यह अच्छा है कि चीन ने ट्रंप के आरोपों को खंडित कर दिया है। मुझे लगता है कि चीनी सरकार ने बहुत स्पष्ट और स्थिर तरीके से अपनी नीति बताई है। जैसा कि वे कह रहे हैं उन्हें परमाणु परीक्षणों पर रोक लगानी होगी और वैश्विक शांति में योगदान देना होगा।

मुझे लगता है कि अमेरिका को भी अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। अगर अमेरिका सच्चाई बोलता तो यह अच्छा होता। लेकिन अगर वे दिखाना चाहते हैं कि वे चीन पर आरोप लगाते समय स्वस्थ नीतियों का पालन नहीं कर रहे है तो यह ज्यादा चिंताजनक है।

अरे, यह भी अच्छा है कि माओ निंग ने वैश्विक शांति पर ध्यान देने की बात कही। हमें यह उम्मीद करनी चाहिए कि सभी देश एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें और वैश्विक शांति में योगदान करें।
 
अरे ये तो अच्छी बात है 🙌, चीन ने अमेरिका के आरोपों पर खंडन कर दिया है, अब हमें उम्मीद है कि अमेरिका भी अपनी रोक बरकरार रखेगी। और माओ निंग जी की बात सुनकर मुझे लगने लगा कि चीन और अमेरिका दोनों एक दूसरे की परवाह करते हैं और वैश्विक शांति के लिए मिलकर काम करेंगे। तो फिर यह अच्छी खबर है! 🙏
 
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