मरांडी के बेटे-भाई के हत्यारे नक्सली की पत्नी का कबूलनामा: जमीन के बदले मुझे उठा लिया, बच्चों से कहा- नक्सली मत बनना

सहदेव ने अपने बच्चों से कहा था कि नक्सली मत बनना। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उनके खिलाफ इनाम लगाने वाला देश तैयार है। पुलिस को ये बात नहीं थी कि सहदेव सोरेन को मारकर अपनी सफलता का प्रमाण दिखाया जाए।

पुलिस ने सहदेव सोरेन पर 40 साल की उम्र में मौत होने का आरोप लगाया। लेकिन सच्चाई यह थी कि सहदेव को ये मौका मिल गया कि वह अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोके।

सहदेव ने कई सालों तक नक्सली संगठन में रहा और कई लोगों की हत्याओं में शामिल हुआ। लेकिन जब उसके बच्चे बड़े होने लगे, तो वह उन्हें नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था।

इसीलिए, सहदेव सोरेन को पुलिस ने मार गिराया और 40 साल की उम्र में उसे खत्म कर दिया। लेकिन सच्चाई यह है कि वह नक्सली बनने की शिक्षा नहीं दे पाया।

पुलिस ने सहदेव सोरेन पर मार गिराने का आरोप लगाया। लेकिन सच्चाई यह थी कि सहदेव सोरेन एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था।

सहदेव सोरेन की पत्नी पार्वती ने कहा है कि उसका रिश्ता सहदेव से कई साल पहले टूट गया था। लेकिन जब वह दोनों शादी में गए, तो सहदेव ने अपने बच्चों की परवरिश करने का फैसला किया।

पुलिस ने सहदेव सोरेन को नक्सली संगठन का सदस्य बताया। लेकिन सच्चाई यह थी कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था।

इसीलिए, सहदेव सोरेन को पुलिस ने मार गिराने का आरोप लगाया। लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था।
 
मुझे बहुत दुख हुआ, सहदेव सोरेन जी की मौत 😔। उनकी कहानी तो हमेशा से बात करने वाली है, लेकिन आजकल तो यह तो खेद ही है। वह अपने बच्चों की शिक्षा और परवरिश करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उनकी जिंदगी को क्या समझा। 🤕 उनकी पत्नी पार्वती ने कहा है कि वह बहुत दुखी है, और मैं भी उनके साथ हूँ। हमें अपने सरकार को यह सुनना चाहिए कि उनके नागरिकों को भी मानवता का सम्मान मिले। 🙏 सहदेव सोरेन जी की कहानी तो हमें सिखाती है कि हमें अपने परिवार और बच्चों की परवरिश करनी चाहिए, न कि नक्सली बनने की। 🤝
 
मैंने देखा है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन को मारकर अपनी सफलता का प्रमाण दिखाया है। लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था। उनकी पत्नी ने कहा है कि उसका रिश्ता सहदेव से कई साल पहले टूट गया था, लेकिन फिर भी वह दोनों शादी में गए और सहदेव ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उसका ख्याल नहीं रखा। अब उनके घर का भविष्य कैसा होगा, यह पता नहीं चलेगा। 🚨
 
अरे, ये तो बहुत भयानक है... सहदेव सोरेन की कहानी न केवल नक्सली संगठन के लिए खत्म हुई, बल्कि उनके बच्चों के भविष्य के लिए भी 🤕। जैसा कि उन्होंने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश की, वाही उन्हें उनके खिलाफ इनाम लगाने वाला देश मार गिराया। यह बहुत गलत है और हमें इस तरह की घटनाओं से सावधान रहना चाहिए। 🚫
 
सब्सक्राइब करें और प्लीज़ 40 साल में नक्सली बनने की दर 0.5% है, जबकि 25 साल में 1% है। 📈 आंकड़ों से पता चलता है कि युवाओं को नक्सली बनने की शिक्षा नहीं देने से उनकी हत्याओं में कमी आएगी। पुलिस और सरकार को हमेशा युवाओं की रिकshaw वालों की तुलना में नक्सली बनने की दर 10 गुना अधिक होने पर ध्यान देना चाहिए। 🚲

नक्सलवाद के मामले में पुलिस को अपनी रणनीति बदलनी चाहिए और हमेशा युवाओं को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए। अगर सरकार और पुलिस इस बात पर ध्यान न देती, तो नक्सली बनने की दर 20% तक बढ़ सकती है। 🚨

अगर हम युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर दें, तो नक्सली बनने की दर सिर्फ 0.5% होनी चाहिए। पुलिस और सरकार को अपनी रणनीति बदलनी चाहिए और हमेशा युवाओं की मदद करनी चाहिए। 🤝
 
मैंने जब भी नक्सलियों की बात की, तो मुझे लगा कि वे क्या चाहते हैं। लेकिन अब यह सुनकर दिल जो खुश नहीं हुआ। वह व्यक्ति सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों की परवरिश करने का फैसला किया, जैसे किसी माता-पिता से। लेकिन पुलिस ने उसकी हत्या कर दी, जैसे कोई अपराधी। मुझे लगता है कि हमारे देश में कानून की यह जगह है, जहां एक व्यक्ति अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोक सकता है। लेकिन अब वही लोग उन्हें नक्सली बनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमारे देश में बदलाव जरूरी है, जहां एक व्यक्ति अपने बच्चों को सड़क पर न जाने दे। 👎
 
मैं तो लगता है कि इस बात को समझने में भी हमारी देश की लोगों को शिक्षा नहीं मिली। सहदेव सोरेन को मारने का नतीजा यह था कि वह अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने तो उसकी बात नहीं सुनी। मुझे लगता है कि हमें अपने देश की गुंडागर्दी पर कुछ सोचने की जरूरत है।
 
क्या ये सहदेव सोरेन की मौत का राज़ है? पुलिस ने मार गिराने का आरोप लगाया, लेकिन सच्चाई यह थी कि वह अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था।

मुझे लगता है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन पर मार गिराने का आरोप लगाया, लेकिन सच्चाई यह थी कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश कर रहा था।

मुझे बहुत दुःख हुआ, जब मैंने पाठ्यपुस्तक में सहदेव सोरेन की कहानी पढ़ी। उन्होंने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनका फैसला टूट दिया।

मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन की मौत एक बड़ा झटका था, जो हमें नक्सली संगठन और उसके सदस्यों को ध्यान में लाता है।
 
मेरी धारणा है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन को मारने का फैसला किया ताकि उसके बच्चे नक्सली बनने से रोक सकें। यह एक दुखद घटना है जिसमें एक व्यक्ति की जान गई और उनके परिवार को नुकसान पहुंचा। मैं इस बात से सहमत हूं कि पुलिस को अपने जवानों की सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नक्सली गतिविधियों के खिलाफ लड़ना चाहिए।
 
सहदेव सोरेन की कहानी बहुत दुखद है। मैं समझता हूँ कि वह नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद अपने बच्चों को खतरे में डालने की कोशिश करते थे, लेकिन पुलिस ने उनके इस प्रयास को गलत समझ लिया। मुझे लगता है कि हमारी सरकार को नक्सली संगठन के खिलाफ लड़ने के लिए एक नई रणनीति बनानी चाहिए।

हमें अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए, न कि उनकी हत्या कर देना। यह हमारी समाज की सफलता के लिए बहुत जरूरी है। मैं आशा करता हूँ कि आगे के समय में हमारी सरकार और पुलिस को नक्सली संगठन के खिलाफ लड़ने के लिए एक नई दिशा अपनानी चाहिए। 💔
 
अरे दोस्त, ये तो बहुत ही गहरी और दर्दनाक बात है। नक्सली बनने से पहले, सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे मार दिया। यह तो एक बहुत बड़ा मुद्दा है और हमें इस पर विचार करना चाहिए कि हम अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने के लिए क्या कर सकते हैं।

हमें अपने समाज में नक्सलीपन के प्रभाव को कम करने के लिए काम करना चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करने और उन्हें अच्छे रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

मैं यह भी कह सकता हूँ कि पुलिस ने सहदेव सोरेन को मारकर अपनी सफलता का प्रमाण दिखाने की कोशिश नहीं की। सच्चाई यह थी कि वह एक व्यक्ति था जो अपने बचचों की परवरिश कर रहा था।

मैं आशा करता हूँ कि हमारे समाज में नक्सलीपन के प्रभाव को कम करने के लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। 🙏
 
मुझे बहुत दुख हुआ 🤕 जब मैंने पुलिस ने सहदेव सोरेन को मार गिराने की खबर सुनी। यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है कि कैसे पुलिस ने एक व्यक्ति को जिंदा मारने का आरोप लगाया। सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों की परवरिश करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी उम्र 40 साल होने पर ही उन्हें मार गिराया।

मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है कि हमारे देश में इतने लोग नक्सली संगठन में शामिल होते हैं और फिर उनको मारकर सफलता का प्रमाण दिखाया जाता है। सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों की परवरिश करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी इस कोशिश को नहीं माना।

मुझे लगता है कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे मामले कम हों और लोग जिंदा मिलें।
 
मैंने पढ़ा है कि पुलिस ने सहदेव सोरेन पर मार गिराने का आरोप लगाया है। लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत भयानक है। जैसे की उन्हें पता था कि सहदेव को अपने बच्चों से रोकने के लिए उसे मार देना होगा।

मैं समझ नहीं पा रहा कि पुलिस ने इतनी गंभीरता से इस मामले को लिया। क्या उन्हें पता था कि सहदेव सोरेन एक माता-पिता है जो अपने बच्चों की परवरिश करना चाहता था।

इसीलिए, मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद है। हमें ऐसे मामलों में शांति और समझ की जरूरत है।
 
अरे, यह तो बहुत ही दुखद स्थिति है! सहदेव सोरेन को उनके बेटियों की शिक्षा के लिए मारने का आरोप लगाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी बहुत दुखद है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने बच्चों की शिक्षा और परवरिश कैसे महत्वपूर्ण मानते हैं। मैं समझता हूं कि सहदेव सोरेन एक नक्सली संगठन का सदस्य था, लेकिन उनके बेटियों की शिक्षा को त्यागना उनके बचपन की यादों और परिवार के प्रति समर्पण का परीक्षण नहीं है। यह एक ऐसी घटना है जिसे हमें सावधानीपूर्वक देखना चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। 🚨💔
 
बड़े दिल का बुरा फायदा 🤕, यहां तक कि मारकर भी ख़त्म कर दिया जाए तो फिर भी उनकी ज़िंदगी कुछ भी अर्थ नहीं रखती।
 
मैंने देखा है कि लोग नक्सली बनने से रोकने के लिए पुलिस में गिरते हैं, लेकिन फिर उनको पता नहीं चलता की ये पुलिस कैसे करती है, और उनको मार कर बैठाया जाता है। यह बहुत ही अजीब लग रहा है की पुलिस का मकसद बच्चों को नक्सली बनने से रोकना नहीं बल्कि नक्सली बनने वालों को मारना है।
 
मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन की कहानी हमें कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखाती है। उसकी मौत ने हमें यह याद दिलाया है कि पुलिस और सरकार कितनी तेज़ हो सकती हैं जब उनके लिए कुछ फायदा होता है।

लेकिन अगर सच्चाई कहीं ढूंढने की कोशिश करते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि सहदेव सोरेन एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश करने की कोशिश कर रहा था। उसकी मौत ने हमें यह याद दिलाया है कि हमें अपने परिवार और समाज के लिए कुछ करना चाहिए।

मुझे लगता है कि अगर सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश नहीं की, तो हमें यह समझना चाहिए कि हमें भी अपने परिवार और समाज के लिए कुछ करना चाहिए।

इसीलिए, मैं इस मामले को एक अलग दृष्टिकोण से देखना चाहता। मुझे लगता है कि हमें यह समझना चाहिए कि पुलिस और सरकार की हर कार्रवाई में एक गहरी वजह होती है, जिसे हमें समझने की जरूरत है।
 
यह तो बहुत दुखद बात है। सहदेव सोरेन ने जब अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें खत्म कर दिया। यह देश में एक बड़ा मुद्दा है - हमारे बच्चों की सुरक्षा क्यों नहीं ली जाती। सहदेव सोरेन की पत्नी पार्वती ने कहा है, उनका रिश्ता कई साल पहले टूट गया था, लेकिन वह दोनों शादी में गए। इसका मतलब यह है कि सहदेव सोरेन ने अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश करते समय, उनकी पत्नी के साथ ही जीवन यात्रा कर रहे थे। यह बहुत दुखद है।
 
तो ये सहदेव सोरेन की कहानी तो बहुत दुखद है, मुझे लगता है कि पुलिस ने गलती की है। वह अपने बच्चों की परवरिश करने के लिए नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उनके खिलाफ इनाम लगाने वाला देश तैयार है। 🤕

मुझे लगता है कि सरकार ने सहदेव सोरेन को मारने की योजना बनाई थी, और उन्हें नक्सली बनने से रोकने की कहानी उनके लिए एक बड़ा खतरा था। मुझे लगता है कि सरकार ने सहदेव सोरेन को मारने की योजना बनाई थी, और उन्हें नक्सली बनने से रोकने की कहानी उनके लिए एक बड़ा खतरा था।

मुझे लगता है कि सरकार ने सहदेव सोरेन को मारने की योजना बनाई थी, और उन्हें नक्सली बनने से रोकने की कहानी उनके लिए एक बड़ा खतरा था। वह अपने बच्चों को नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सरकार ने उसे मारने की योजना बनाई थी।

मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन एक व्यक्ति था जो अपने बच्चों की परवरिश करने के लिए नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था। मुझे लगता है कि सरकार ने उसे मारने की योजना बनाई थी। 🙏

मुझे लगता है कि सहदेव सोरेन को मारने का आरोप लगाया गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि वह अपने बच्चों की परवरिश करने के लिए नक्सली बनने से रोकने की कोशिश कर रहा था। मुझे लगता है कि सरकार ने उसे मारने की योजना बनाई थी।
 
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