भारतीय विमानन क्षेत्र में एक बड़ा खुलासा: देश के कई विमानों के इंजेक्शन पर भारत में नहीं मिल रही चिकित्सा सहायता।
विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर भारत सरकार को बहुत कम पैसे देने का आरोप लगाते हुए, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप 20 रुपये से अधिक किसी विमान के इंजेक्शन पर खरीदते हैं, तो उसमें बड़े पैमाने पर मरम्मत और बदलाव करने के लिए आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता की लागत बहुत अधिक है। सरकार ने बताया है कि विमानों के इंजेक्शन पर खरीदने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, जिसके बाद कुल लागत तय होती है।
लेकिन, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर बहुत कम पैसे देती है, जिससे चिकित्सा सहायता की लागत बढ़ जाती है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं, तो आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।
विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर भारत सरकार को बहुत कम पैसे देने का आरोप लगाते हुए, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप 20 रुपये से अधिक किसी विमान के इंजेक्शन पर खरीदते हैं, तो उसमें बड़े पैमाने पर मरम्मत और बदलाव करने के लिए आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता की लागत बहुत अधिक है। सरकार ने बताया है कि विमानों के इंजेक्शन पर खरीदने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, जिसके बाद कुल लागत तय होती है।
लेकिन, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर बहुत कम पैसे देती है, जिससे चिकित्सा सहायता की लागत बढ़ जाती है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं, तो आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।