महज 20 रुपये में मेडिकल कवर, इतने बड़े अमाउंट तक मिल जाएगा क्लेम

भारतीय विमानन क्षेत्र में एक बड़ा खुलासा: देश के कई विमानों के इंजेक्शन पर भारत में नहीं मिल रही चिकित्सा सहायता।

विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर भारत सरकार को बहुत कम पैसे देने का आरोप लगाते हुए, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप 20 रुपये से अधिक किसी विमान के इंजेक्शन पर खरीदते हैं, तो उसमें बड़े पैमाने पर मरम्मत और बदलाव करने के लिए आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता की लागत बहुत अधिक है। सरकार ने बताया है कि विमानों के इंजेक्शन पर खरीदने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, जिसके बाद कुल लागत तय होती है।

लेकिन, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर बहुत कम पैसे देती है, जिससे चिकित्सा सहायता की लागत बढ़ जाती है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत पर 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं, तो आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं।
 
😕 यह बात बहुत चिंताजनक है कि सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर इतना कम पैसा देती है। हमारे विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता की लागत तो पहले से ही बहुत अधिक है, अब सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर इतना कम पैसा देने से हमारे लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
 
बिल्कुल माना जाए कि सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर अच्छे पैसे नहीं देती। इससे चिकित्सा सहायता की लागत तो बढ़ जाती है, हमें कहाँ से पैसे मिलेंगे। 🤔 https://timesofindia.indiatimes.com...r-maintenance-upgrades/articleshow/1234567890
 
बस मुझे लगता है कि सरकार को अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर अच्छी तरह से खर्च करने का तरीका ढूंढने की जरूरत है। अगर वे चिकित्सा सहायता के लिए पैसे कम देते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमें भी ऐसा करना पड़े। मुझे लगता है कि सरकार और निजी संस्थानों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।
 
ये बहुत ही चिंताजनक बात है 🤔। अगर हमें पता चला कि विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव पर बहुत कम पैसे दिए जा रहे हैं तो इसका मतलब है कि सरकार को अपने लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी चिकित्सा सहायता नहीं मिल रही है। यह एक बड़ा मुद्दा है और हमें इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

कुछ लोग कहते हैं कि सरकार को विमानन क्षेत्र में सुधार करने के लिए पैसे देने की जरूरत है, लेकिन अगर हमें पता चला कि वे अपने पैसे खर्च कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें समझौता करना पड़ रहा है।

मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर अधिक स्पष्ट जवाब देने की जरूरत है और विमानन क्षेत्र में सुधार करने के लिए पैसे निकालने की जरूरत है। 🚀
 
अरे, ये तो सरकार को बंद कर दें! विमानों में मरम्मत करने की लागत इतनी अधिक है कि अब पैसा चला जाता है। 20 रुपये से अधिक खरीदने का मतलब यह है कि तुम्हारा पैसा सरकार को देने के बजाय विमान के इंजेक्शन पर चला जाएगा। लेकिन, फिर भी हमें उम्मीद है, की सरकार अपने विमानों को साफ-सफाई करेगी। नहीं, नहीं तो! 😂
 
यह तो बहुत शर्मनाक है! 🤯 मुझे लगता है कि सरकार विमानों की मरम्मत पर पैसे निकालने की तरह सोच रही है, चाहे वह विमान की जिंदगी पर भी पड़े। यह तो हमारे यात्रियों और यात्राओं के लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। मुझे लगता है कि सरकार को विमानों की मरम्मत और बदलाव के लिए अधिक पैसे देने चाहिए, ताकि हमारे यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिल सके।
 
क्या ये सच है 🤔 विमानों के इंजेक्शन पर भारत में नहीं मिल रही चिकित्सा सहायता? लगता है कि सरकार ने अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर बहुत कम पैसे देने से चिकित्सा सहायता की लागत बढ़ गई है। मेरे लिए यह बुरी बात है, क्योंकि इससे आम आदमी को अपने विमानों के इंजेक्शन पर खरीदने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
 
अरे, ये तो सरकार की बीमारी सा है 🤢, विमानों को मरम्मत करने के लिए खुल कर पैसे नहीं देती है और फिर भी हमें इतनी ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं कि शायद यहां पर डॉक्टर की जगह मरहम डाल रहे हों 🤪। क्या सरकार को यह तय नहीं कर सकती कि विमानों को कम से कम मरम्मत करने के लिए पैसे देती है?
 
मैंने सुना था कि विमानों में इंजेक्शन डालने की लागत भारत में 20 रुपये से अधिक हो जाती है 🤑😂 अरे, यह तो पेट्रोल और ईंधन की दामों की तरह ही लगता है। परंतु जब मरम्मत और बदलाव की लागत बढ़ जाती है, तो यह जैसे कि पैरासाइट्स की गंडासी है 🤣। सरकार ने अपने विमानों को इतनी अच्छी स्थिति में रखने का वादा किया था, लेकिन लगता है कि यह एक दामचल बन गया है।
 
सुना है कि सरकार ने यह भी कहा है कि मरम्मत और बदलाव पर मुआवजा देती है, लेकिन यह तय नहीं होता कि वास्तविक में मुआवजा कितना होगा। मेरा सवाल यह है कि अगर सरकार हमें बताती है कि मरम्मत और बदलाव पर कितना पैसा दिया जाएगा, तो फिर क्यों हमें इस बात का पता नहीं चलता?
 
ਮैंनੂੰ ਇਹ ਫ਼ਿਕਰ ਕਰ ਗਿਆ ਹੈ, ਦੇਸ਼ ਦੀਆਂ ਵਾਯੂ ਪਸਾਰਨ ਕੰਪਨੀਆਂ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਮੁਹੱਈਏ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ? 20 ਰੂਪਏ ਤੋਂ ਅੱਧੀ ਜਾਂ ਵਧੀਆ ਕਿਸੇ ਦੀ ਲੋੜ ਭੀ ਹੈ।
 
यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 🚨। अगर सरकार अपने विमानों की मरम्मत और बदलाव पर पैसे नहीं देती, तो फिर क्या हम उम्मीद कर सकते हैं? यह एक अच्छी सबक है कि यदि हमें कोई चीज से खुशी मिल रही है, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि हमें उसके लिए और अधिक कुछ नहीं देना चाहिए।

हमें यह समझना चाहिए कि हर चीज़ के लिए एक निश्चित मूल्य होता है, और जब हम उसे खरीदते हैं या उसकी मरम्मत करते हैं, तो हमें सोचना चाहिए कि वह कितना महत्वपूर्ण है और उसके लिए कितने पैसे देने का सही समय है।
 
मैंने हाल ही में अपने पिता के विमान में इंजेक्शन लगवाने जाने का आनंद लिया था। वहां तो उन्होंने उनसे कहा कि अगर विमान चल रहा है तो इंजेक्शन बिल 5 सौ रुपये में ही आता है। लेकिन जब विमान फेल हो गया और मरम्मत करने का काम शुरू हुआ, तो उन्हें पता चला कि इंजेक्शन का बिल अब 10 सौ रुपये में आ गया था। यह तो बहुत भाईया, ऐसी ही कई बार हो चुकी है।
 
बड़ा मुद्दा है यह, सरकार क्यों इतनी कम पैसे देती है? विमानों की मरम्मत और बदलाव पर सरकार को तो बहुत पैसे खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन वह अपने नागरिकों को इन्हें कितना सस्ता मिल रहा है, यह सवाल उठना चाहिए। 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं तो कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं, यह बहुत बड़ा मुद्दा है और सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
 
🤔 ये बहुत बड़ा मुद्दा है, टाटा और बoinobco जैसे कंपनियों ने तो खुलासा कर दिया है कि भारत में विमान की मरम्मत करने के लिए उनके लिए बहुत अधिक पैसे काम आते हैं। और सरकार तो यह नहीं सुन रही है। 🚫

बस ये तो एक समस्या है जिसका समाधान नहीं मिल रहा है, हमें विमानन क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत है और सरकार को भी इसकी ओर ध्यान देना चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि अगर हम यहाँ 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं तो कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं। 😩
 
मैंने ऐसा सुनकर बिगड़बिलग गया कि हमारे विमानन क्षेत्र में भी ऐसा ही स्थिति है जैसे किसी अन्य खुफिया एजेंसी का। 20 रुपये से अधिक खरीदने पर कई हजार रुपये देने पड़ने से क्या हमारे विमानन क्षेत्र में ऐसा होना उचित है? इसके लिए सरकार को जवाबदेह होना चाहिए।

मुझे लगता है कि सरकार की ओर से इस पर जल्द से जल्द कोई कदम उठाने चाहिए, ताकि हमारे विमानन क्षेत्र में भी ऐसा होने की समस्या न हो। हमें अपने विमानों को सुरक्षित और तेजी से चलने वाला बनाने के लिए सरकार की ओर से अच्छी-खासी सुविधाएं मिलें।

मैं एक डिजिटल स्मार्टफोन भी खरीदने जा रहा था, लेकिन अब मुझे अपनी बैटरी बदलने के लिए कई रुपये देने पड़ सकते हैं। तो विमानों की चिकित्सा सहायता पर भी ऐसा होना स्वीकार्य नहीं है।
 
बड़ा खुलासा है! भारत में विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता पर बहुत कम पैसे दिए जा रहे हैं, लेकिन विमानों से निकलने वाली मरम्मत और बदलाव की लागत इतनी अधिक है कि अगर आप 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं तो आपको कई हजार रुपये देने पड़ सकते हैं! यह बहुत ही अस्वीकार्य है 🚫

मुझे लगता है कि सरकार को विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता पर और भी अधिक पैसे देने चाहिए, ताकि लोगों को इसकी आवश्यकता होने पर मदद मिल सके। इससे न केवल विमानों की मरम्मत में सुधार होगा, बल्कि लोगों की जिंदगी भी बेहतर होगी। 💻
 
रिपोर्ट में कुछ बहुत गंभीर बातें कही गई हैं... सरकार हमेशा से विमानों की मरम्मत और बदलाव पर खर्च करती रहती है, लेकिन यह जानना अच्छा नहीं लगा कि क्या वास्तव में सरकार ने इस बात पर ध्यान दिया है... अगर हम कहीं भी जाने के लिए एक नए विमान से निकलते हैं तो कितनी चिकित्सा सहायता मिलेगी, यह जानना जरूरी है...
 
क्या मिलेगा? भारतीय विमानन क्षेत्र में चिकित्सा सहायता की लागत इतनी अधिक है कि अगर आप 20 रुपये से अधिक खरीदते हैं तो मरम्मत और बदलाव करने के लिए देने पड़ते हैं तो खैर, ये जानकर क्या मिलेगा? हमारी सरकार इतनी चालाक है कि विमानों की मरम्मत और बदलाव पर भारतीय लोगों से कम पैसे लेती है।
 
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