US: ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में जी20 समिट का किया बहिष्कार, कोई भी अमेरिकी अधिकारी नहीं होगा शामिल, जानें वजह

जी20 समिट में शामिल नहीं होंगे ट्रंप, बोले- दक्षिण अफ्रीका को तो इसमें होना ही नहीं चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी को रद्द कर दिया है। इससे पहले, उन्होंने लंबे समय से दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर अल्पसंख्यक श्वेत अफ्रीकानर किसानों को सताने और उन पर हमले करने का आरोप लगाते रहे हैं।

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, "यह एक पूरी तरह से अपमानजनक है कि जी-20 शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जा रहा है।" उन्होंने अपने पोस्ट में अफ्रीकानर समुदाय (दक्षिण अफ्रीका के श्वेत किसान) के साथ "दुर्व्यवहार" का आरोप लगाया, जिसमें हिंसा, हत्या के साथ-साथ उनकी जमीन और खेतों की जब्ती जैसी घटनाएं हो रही हैं।

ट्रम्प ने अपने प्रशासन से कहा है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी सरकार को जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं करना चाहिए। उनकी जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को भेजे जाने की योजना थी, लेकिन अब वे भी दक्षिण अफ्रीका नहीं जाएंगे।

हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा था कि उन्होंने ट्रंप को बताया है कि अफ्रीकानर्स पर अत्याचार की सारी खबरें "पूरी तरह झूठी" हैं।

इस मामले में, जी-20 शिखर सम्मेलन की आयोजन योजना दक्षिण अफ्रीका में बनी हुई है, लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं है कि इस सम्मेलन में क्या होने वाला है। ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीकी सरकार को जी-20 से बाहर करने का भी फैसला किया है।

इस मामले में, यह प्रश्न उठता है कि क्या अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अपनाने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए।
 
यार, यह ट्रंप की बात सुनकर मैं तो फिर से उनके पीछे जाना ही चाहता। पहले तो कहा था कि उन्हें इस शिखर सम्मेलन में भाग लेना नहीं चाहिए, अब कहते हैं कि नहीं, और फिर बोलते हैं कि यह पूरी तरह से अपमानजनक है। तो वहीं कहा दीजिए, यार। इस मामले में मुझे लगता है कि ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर आरोप लगाने से पहले अच्छी तरह से जानकारी नहीं ली। और अब कह रहे हैं कि उन्हें इस शिखर सम्मेलन में भाग लेना नहीं चाहिए, तो फिर वहीं कहा दीजिए।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन से छुटकारा पाने का फैसला किया, लेकिन ये सवाल उठता है कि क्या यह सही निर्णय था।

दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने आरोपों पर इनकार कर दिया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। यह तो साफ है कि ट्रम्प को दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर आरोप लगाने वाली चीजों की जांच करनी चाहिए, लेकिन वह इतना समय लेने में असफल रहे।

जी-20 शिखर सम्मेलन की आयोजन योजना बनी हुई है, लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं है कि इस सम्मेलन में क्या होने वाला है। क्या अमेरिकी सरकार और जी-20 देशों की सरकारें अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अपनाने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए?
 
अरे, यह तो बहुत गंभीर मुद्दा है! अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जैसे लोग अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आरोप लगाने और उनके विरुद्ध हिंसा करने के लिए बोलते हैं तो दूसरे में से क्या कहे? 🤔

दक्षिण अफ्रीका जैसी देशों में खेतों पर हमला करने और जमीन जब्त करने वाले लोग भी होते हैं, लेकिन उन्हें अमेरिका से तुलना नहीं करनी चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि देशों की सरकारें और राष्ट्रपतियां अपने नागरिकों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती।

जी-20 शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका को शामिल होना उचित नहीं है, लेकिन हमें यह भी नहीं कहना चाहिए कि अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा करने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए। हमें यह तय करना होगा कि हम किस तरह से और कैसे इसके खिलाफ लड़ते हैं। 💪
 
मुझे लगता है कि यह सब सिर्फ़ अमेरिका की जंगी राजनीति का हिस्सा है। ट्रंप को दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर आरोप लगाने की जरूरत नहीं थी, लेकिन वह इसे अपने खिलाफ़ ध्यान आकर्षित करने के लिए किया होगा। और अब जब उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन से बाहर निकल दिया है, तो यह एक बड़ा झगड़ा बन गया है। मुझे लगता है कि अमेरिकी सरकार अपने खिलाफ़ आरोप लगाने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए, लेकिन ऐसा करने से पहले उन्हें यह समझने की जरूरत है कि उनके खिलाफ़ आरोप लगाने वाले देश को क्यों ठीक से समझना चाहिए। 😐🤔
 
मैं तो सोचता हूँ कि यह बात बहुत अच्छी है कि ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को जी-20 में शामिल नहीं करने का फैसला किया है। वास्तव में, अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें अक्सर अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अपनाने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए। इससे हमें यह सीखने का मौका मिलता है कि हमें ऐसे देशों के साथ क्या बर्ताव करना चाहिए जो अपने अल्पसंख्यक समुदायों के साथ इतनी बुरी तरह व्यवहार करते हैं।

और फिर, यह तो एक अच्छी बात है कि ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं नहीं सोचता कि उन्हें ऐसे आरोपों के लिए माफ़ करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सरकारें हमेशा न्याय और समानता के मूल्यों पर आधारित हों।
 
मुझे लगता है कि अमेरिका जैसे देश में ऐसी बातें करना कैसे स्वीकार्य है? ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीका को जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं करने का फैसला किया, लेकिन उसे यह नहीं पता कि वहां ऐसी भेदभावपूर्ण नीतियां हैं या नहीं। इसके अलावा, वह अफ्रीकानर्स पर आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने अपने आरोपों को रद्द कर दिया है। मुझे लगता है कि इस तरह की बातें करना एक बड़ा अपमान है, खासकर जब वह तैयार थे कि वह दक्षिण अफ्रीकी सरकार को जी-20 सम्मेलन में शामिल करेंगे। now 🙄
 
Wow 🤔👀, ट्रम्प ने यह सोच लिया है कि दक्षिण अफ्रीका में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करना ठीक नहीं है, क्योंकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों को सताने और उनकी जमीन पर हमले करने की बातें हुईं। Interesting 🤷‍♂️, दक्षिण अफ्रीका में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करना एक अच्छा विचार था, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिकी सरकार और जी-20 देशों की सरकारें अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अपनाने वाले देशों में शामिल नहीं होनी चाहिए।
 
दक्षिण अफ्रीका में जी-20 सम्मेलन आयोजित करना एक बड़ा विषय है 🤔। लेकिन फिर सोचो कि यहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शामिल नहीं होंगे। यह तो अच्छा मeaning नहीं है 🙅‍♂️। भारत में भी हमें कभी-कभार ऐसे विषयों पर सोचना पड़ता है जो दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हो सकते हैं। लेकिन फिर सोचो कि अमेरिका की सरकार तो हमेशा अपने हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेती रहती है 🤦‍♂️
 
बेबाक, ये ट्रंप की बहुत बुरी तरह से राह बन गई है 🤕। उनके आरोप दक्षिण अफ्रीका पर थे लेकिन अब उन्होंने अपने आप में गलती करने दी है। यह दिखाता है कि क्या अमेरिकी सरकार भारत की तरह रंग-राज का खेल नहीं करती ? 🤔
 
मेरे दोस्त, यह तो बहुत ही दुखद बात है 🤕। ट्रंप जी ने फिर से दक्षिण अफ्रीका को अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आरोपों से बदनाम कर दिया है। लेकिन यहां पर सवाल उठता है कि अमेरिकी सरकार इतनी तेजी से दक्षिण अफ्रीकी सरकार को अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आरोपों से बदनाम कर देती है, लेकिन वास्तविकता में क्या होता है? क्या अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें अपने बाहरी नीतियों में दक्षिण अफ्रीकी सरकार को धक्का देने के लिए तैयार हैं? 🤔
 
अरे, यह जानकर जरूर लगा, ट्रम्प क्या गलतियाँ कर रहे हैं? दक्षिण अफ्रीका किसने उनके खिलाफ ये सब आरोप लगाए? और फिर वो भी जी-20 में शामिक नहीं होने देना? यह अच्छा नहीं है कि ट्रम्प ने अपने आरोपों में सारी जिम्मेदारी दक्षिण अफ्रीका पर दाल दी। और अब यह सवाल उठता है कि अमेरिका क्या करेगी, अगर वहाँ कोई अल्पसंख्यक समुदाय से गलत होता है? 🤔😒
 
मैं समझ गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका से जी-20 समिट में शामिल नहीं होने का फैसला किया, लेकिन यह तो अच्छा भी लगता है क्योंकि उन्होंने अपने देश में ऐसा न होना चाहिए, लेकिन लोग कहते हैं कि ट्रंप को अफ्रीकानर्स पर आरोप लगाते रहे हैं, तो फिर वे दक्षिण अफ्रीका में शामिल नहीं होने देने का क्यों?
 
मुझे लगता है कि ट्रम्प जी की यह बात बहुत अजीब है 🤔, अफ्रीकनर्स पर आरोप लगाना और जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होना... यह सारी चीजें बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं . मुझे लगता है कि ऐसी बातें न कही जानी चाहिए, लेकिन फिर भी यह सुनकर शर्म आती है। और सबसे बड़ी बात यह है कि अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, तो इस मामले में कुछ गलत नहीं हुआ .
 
मेरे दोस्त, यह बहुत बड़ी बात है! ट्रंप को दक्षिण अफ्रीका को जी-20 समिट से बाहर करने का फैसला करना सही नहीं था, लेकिन इसके पीछे क्यों हुआ? यह तो साफ़ पता चल रहा है कि उन्हें अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ होने वाली बातचीत पसंद नहीं है।

मुझे लगता है कि जी-20 शिखर सम्मेलन को दक्षिण अफ्रीका में ही रखना चाहिए, लेकिन यह जरूरी है कि हम इस मामले में सावधानी बरतें। ट्रंप ने तो दक्षिण अफ्रीकी सरकार को जी-20 से बाहर करने का फैसला किया, लेकिन इसके पीछे क्या वजह थी? यह तो हमें सोचने पर मजबूर कर रहा है।

मेरा मानना है कि हमें इस मामले में सभी पक्षों की बात सुननी चाहिए और समझना चाहिए। हमें यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि वास्तव में दक्षिण अफ्रीका में होने वाली घटनाएं क्या हैं और इसके पीछे क्या वजह हैं।
 
ट्रंप ने इस बारे में सोच-विचार करने की जरूरत नहीं थी कि ये जी-20 समिट दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जाना है। ये शायद एक ऐसा फैसला लिया गया था जो अमेरिका के लिए बुरा होगा। अब यह सोचते समय ज्यादा अच्छा नहीं है कि क्यों ये समिट आयोजित किया गया है। मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इस मामले में ट्रंप को धोखा दिया। 🤦‍♂️
 
ये तो बहुत ही दुखद स्थिति है... अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं करने का फैसला किया, और इसके पीछे की वजह तो यही है... वे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को लेकर आरोप लगाते रहे हैं।

मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है, जिसमें हमें सामूहिक रूप से खड़े होने की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीका में अल्पसंख्यक समुदायों को सताने और उनके अधिकारों का उल्लंघन करने की बात तो बहुत ही गंभीर है, लेकिन जब अमेरिका जैसे एक शक्तिशाली देश इस मुद्दे पर आगे आने से बचता है... तो यह हमारे लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन जाता है।

आपको लगता है, क्या अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें इस तरह के मुद्दों पर ध्यान देनी चाहिए?
 
अरे, यह तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है 🤕, ट्रंप को जी-20 समिट में शामिल नहीं होना चाहिए, लेकिन मैंने उन्हें सिर्फ दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर आरोप लगाने देने की बात नहीं मानी, उनकी बात समझी जाए तो वह भी गलत है 😒। अगर अफ्रीकानर्स पर अत्याचार हो रहा है, तो यह जरूरी है कि अमेरिकी सरकार इस पर ध्यान दे और कुछ करे, लेकिन आरोप लगाते हुए उनकी भागीदारी रद्द करना नहीं चाहिए।
 
🤔 यह बहुत दुखद है जी20 में अमेरिका नहीं आएगी। तो दक्षिण अफ्रीका ने क्यों इस पर विश्वास किया? 🤷‍♂️ ट्रम्प की बातें सुनकर मुझे बहुत निराश हुआ। वह तो एक देश को जितना खुश कर सकता है, वाह! 💥

मुझे लगता है कि अमेरिका और जी-20 देशों की सरकारें अपनी बुद्धिमत्ता साबित करनी चाहिए। क्या उन्हें पता है कि उनकी बातों कैसा प्रभाव पड़ता है? 🤕

मैं दक्षिण अफ्रीका के लोगों को यह अच्छी तरह समझाना चाहता कि हमारे देश में भी ऐसे मुद्दे हैं। तो फिर अमेरिका ने सोचा कि वह हमें छोड़कर चलेगा? 🚫

यह एक बड़ा मौका है जी20 शिखर सम्मेलन के लिए। हमें इसे अच्छा तरीके से करना चाहिए। 🤝
 
यार🤗 पूरी तरह से सहमत हूँ, यह बहुत गलत है कि अमेरिका जी-20 में दक्षिण अफ्रीका को शामिल नहीं कर रही है। हमें खेद है कि ट्रम्प ने ऐसा बोल दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने दोस्तों से दूर होना चाहते हैं 🤝 अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका की सरकारें एक साथ मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगी, यह हमारी उम्मीद है 💕
 
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