हरिद्वार में 26 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई: कार्तिक पूर्णिमा पर हरकी पौड़ी में भारी भीड़, भगवान विष्णु का जन्मोत्सव - Haridwar News

हरिद्वार में आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन 26 लाख 36 हजार लोगों ने गंगा के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। हरकी पौड़ी पर तड़के से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, जो शाम तक बढ़ती चली गई। ठंड के बावजूद लोगों में स्नान करने की उत्सुकता और दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु के जन्मोत्सव के प्रति समर्पण ने इस स्थान को दिव्य बना दिया।

कार्तिक पूर्णिमा को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है, जब देवता स्वयं मानव रूप में पृथ्वी पर उतरकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। गंगा स्नान और दीपदान का इस दिन विशेष महत्व होता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हरिद्वार में इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से शरीर और मन दोनों पवित्र हो जाते हैं। उनका मानना है कि आज के दिन देवता स्वयं गंगा में स्नान करते हैं, और जो व्यक्ति इस समय गंगा में डुबकी लगाता है, वह देवताओं के समान यश, सौंदर्य और समृद्धि प्राप्त करता है।

हरिद्वार में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पूरे जनपद को 11 जोन और 36 सेक्टर में बांटकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हर की पौड़ी, ब्रह्मकुंड और अन्य घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की गई है ताकि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के स्नान कर सकें।
 
बस, हरिद्वार में गंगा स्नान की मोहभंग हो गई है, चाहे ठंड के बावजूद भी लोगों ने अपना मनोबल औरतलाया है 🤣। शायद इस दिन परिवार के साथ जाकर गंगा स्नान करने का मौका मिलना दिव्य हो गया है। लेकिन, सच्चाई यह है कि हरिद्वार की बुराई-फ़रीब का अंदाज़ तो सबकुछ को प्रभावित कर रहा है, चाहे वह स्नान करने वाले या सुरक्षा बलों की बात हो।
 
मुख्य में गंगा स्नान के लिए जाना हरिद्वार का सबसे खास हिस्सा है। ठंड तो है, लेकिन मन में उत्साह और समर्पण तो विशेष रूप से दीपावली और भगवान विष्णु के जन्मोत्सव पर ही बढ़ता है! यह दिन हरिद्वार को खास बनाता है, जैसे अगर गंगा नदी भी इस दिन खूबसूरत न हो।
 
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने की मोहभरी भीड़ देखकर भी हैरान हूँ, यहाँ तो बिना ताले के पीने की प्रवृत्ति इतनी बढ़ी चुकी है कि लोग घाटों पर खड़े होकर भी पानी पीते जा रहे हैं। और यह बात तो हरिद्वार में नहीं बल्कि पूरे देश में सच है।
 
मैंने भी हरिद्वार जाकर गंगा की डुबकी ली थी। मुझे लगा कि ठंड के बावजूद वातावरण में शांति और सुखद ध्वनियाँ थीं। पूरे शहर में एक ही भावना थी, जो दिव्य बनाती है। मैंने देखा कि सभी लोगों ने अपने घरों से खुशी के बगैरते और अन्न-प्रसाद लाये थे। यह दृश्य मुझे हमेशा की याद रहेगा।
 
मेरे दोस्त, यह कार्तिक पूर्णिमा का दिन कितना खास है! हरिद्वार में इतने लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई है, और यह स्थान अब तो किसी भी अन्य जगह की तुलना में बहुत ही शांतिपूर्ण लगता है। ठंड के बावजूद लोगों की उत्सुकता और भगवान विष्णु के जन्मोत्सव पर समर्पण ने इस स्थान को दिव्य बना दिया है।

मुझे लगता है कि जीवन में यह सब कुछ, जैसे स्नान करना, पवित्र नदी में डुबकी लगाना, और भगवान की पूजा करना, हमारे मन और शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है। और जब हम ऐसा करते हैं, तो हमें अपने जीवन को नए रास्ते पर चलने का साहस मिलता है।

अगर आप कभी हरिद्वार आते, तो आपको जरूर गंगा स्नान करना चाहिए। यह आपको एक नई ऊर्जा देगा और आपके जीवन को एक नए दिशा में ले जाएगा।
 
बिल्कुल सही कहा जा रहा है हरिद्वार में गंगा के विभिन्न घाटों पर आज 26 लाख 36 हजार लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, और शाम तक बढ़ती चली गई। ठंड के बावजूद लोगों में स्नान करने की उत्सुकता और दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु के जन्मोत्सव के प्रति समर्पण ने इस स्थान को दिव्य बना दिया। 🙏

मेरा मानना है कि यह अवसर बहुत ही शांतिपूर्ण और आनंददायक है, जहां लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा में डुबकी लगाते हैं। हरिद्वार के लोग बहुत ही समृद्ध और समर्पित जीवन जीते हैं, और आज के अवसर पर उनकी भावनाएं और संस्कृति ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया है। 🌊
 
मैंने इस कार्तिक पूर्णिमा को गंगा में डुबकी लगाई, और मुझे लगता है कि यह बहुत शांतिपूर्ण अनुभव था। मैंने अपने परिवार के साथ जाना था, और हमने देवताओं के समान पवित्र होने की भावना महसूस की। ठंड के बावजूद, हरिकी पौड़ी पर लोगों ने श्रद्धांजलि देने के लिए लंबी सीढ़ियाँ चढ़ी, और मुझे लगा कि यह एक सच्चा तीर्थ स्थल है। 😊

मुझे लगता है कि इस अवसर पर हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मौका मिलता है, और श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझने से हमें एक दूसरे के प्रति अधिक करुणा और सहानुभूति विकसित करने में मदद मिलती है। यह एक बहुत बड़ा आनंद था, और मैं इस अनुभव को कभी नहीं भूलूंगा। 🙏
 
🤔 गंगा स्नान में भीड़भाड़ और पुलिस बल तैनात करने की बात है, तो इसके पीछे कुछ वास्तविकताएँ हैं? मेरा मनचलन नहीं है कि लोगों ने बस खुशियाँ मनाने के लिए स्नान की डुबकी लगाई, लेकिन शायद सरकार और व्यवसायी घर्षण कम करना चाहते हैं। क्या यह पूरी सच्चाई है? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि गंगा स्नान में जाने वाले लोगों को पहले एक प्रशिक्षण सत्र दिया जाता है, ताकि वे सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। और फिर भी, शायद उन्हें गंगा के घाटों पर निश्चित दूरी से लटका दिया जाए, ताकि वे सुरक्षित रहें। यह बात मुझे थोड़ा अजीब लग रही है... 🤔

क्या श्रद्धालुओं को लगता है कि उन्हें गंगा स्नान करने के लिए कोई विशेष अनुमति लेनी है? और पुलिस बल तैनात करने की बात है, तो इसके पीछे कौन-सा मकसद है? मुझे लगता है कि शायद यह सब कुछ एक बड़े स्टेज शो का हिस्सा है। 🎭
 
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर हरिद्वार में जो भीड़बाजी देखी गयी , वो तो एकदम सही है। लोगों में गंगा स्नान करने की उत्सुकता और दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु के जन्मोत्सव के प्रति समर्पण ने श्रद्धालुओं को एकदम पवित्र बना दिया। ठंड के बावजूद लोगों में स्नान करने की उत्सुकता है, यह तो कोई स्वागत योग्य बात है।
 
🙏 आज हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए जाने वाले लोगों की संख्या तो 26 लाख 36 हजार हो गई, और मुझे लगता है कि यह संख्या भारतीय धर्म के महत्व को दर्शाती है। लेकिन मेरी बात यह नहीं है कि हमें गंगा स्नान के लिए जाने की जरूरत है, बल्कि हमें अपने आसपास की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्धि को बनाए रखने की जरूरत है। 🌿
 
बसंत की मोहनता तो गंगा के घाटों पर निहार लेती है, फिर भी ऐसे दिन तो लगते हैं कि संसार पूरा भगवान विष्णु की आरती कर रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने वालों की संख्या बेहद बड़ी दिखाई देती है, लेकिन यह सोचकर आश्चर्यक होता है कि इतनी भीड़ कैसे जुटती है। ठंड के निशान न लगने के बावजूद लोगों में स्नान करने की इच्छा कितनी तीव्र है। यह देखने को मिलता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कैसे एक पवित्र अनुभव बन जाता है, और श्रद्धालुओं की बीमारियों या अकल्पनीय परिस्थितियों में भी वे सुरक्षित रूप से अपना नमाज़ कर सकें। 🙏
 
कार्तिक पूर्णिमा को मेरा खास अवसर मानता हूँ, जब लोग एक दूसरे के साथ भाईचारा और प्रेम का प्रदर्शन करते हैं। लोगों ने गंगा में डुबकी लगाने की प्रतीक्षा के बावजूद ठंड के मौसम में स्नान करने का फैसला किया, जो उनकी धैर्य और समर्पण को दिखाता है।
 
मैंने देखा कि हरिद्वार में कितने लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं, 26 लाख 36 हजार? वह तो बहुत सारे लोग! मैंने भी कभी-कभी नदियों में पानी खेला, लेकिन नहीं पता था कि ऐसा इतना बड़ा त्योहार होता है 🤔

मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी लोगें वहाँ जाकर गंगा में डुबकी लगाती हैं। क्या वो पानी खेलने के लिए आते हैं? और क्या दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु के जन्मोत्सव पर वो इतने उत्सुक हैं? मुझे लगता है कि हमारे पास बहुत सारी जगहें हैं जहां लोग पानी खेल सकते हैं, तो फिर हरिद्वार में इतने सारे लोगों को वहाँ जाने का क्या कारण है? 🤷‍♀️

मुझे भी कभी-कभी गंगा में पानी खेलना चाहिए, यह अच्छा लगेगा, लेकिन फिर सोचता हूँ कि मैं तो बहुत दूर रहता हूँ और नहीं जानता कि मुझे वहाँ जाने कैसे होगा। और क्या वो नदी के पानी में डूबने के लिए उत्सुक है? मुझे लगता है कि हमारे पास बहुत सारी जगहें हैं जहां लोगों को पानी खेलने के लिए जगह मिल जाए।
 
मुझे यह विचार पसंद नहीं है कि हरिद्वार में इतनी भीड़बारी और ज्यादा लोगों को गंगा में डुबकी लगाने की अनुमति देनी चाहिए। यार, इससे तो गंगा प्रदूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। और फिर भी, लोगों की उत्सुकता और इस अवसर पर समर्पण की बात तो सच है, लेकिन क्या यह सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया गया था?
 
मैंने देखा है कि हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वालों की भीड़ बहुत ज्यादा हो गई है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अच्छा है क्योंकि यह दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु के जन्मोत्सव के प्रति समर्पण को बढ़ावा देता है। 😊 मुझे लगता है कि गंगा स्नान करने से शरीर और मन दोनों पवित्र हो जाते हैं, और यहाँ पर श्रद्धालुओं ने अपनी भावनाओं को बहुत अच्छी तरह से व्यक्त किया है। मुझे खुशी है कि हरिद्वार में इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के स्नान कर सकें। यह देखकर मुझे गर्व होता है कि हमारा यह खूबसूरत शहर इतना विशेष है। 🙏
 
मुझे लगता है कि यह कार्तिक पूर्णिमा एक बहुत ही खूबसूरत और पवित्र अवसर है। मैंने भी कई बार हरिद्वार जाकर गंगा स्नान किया है, और मुझे हमेशा एक अलग महसूस होता है। यहाँ पर लोगों की विश्वास और समर्पण देखकर मुझे बहुत प्रेरित होता है कि जीवन में कैसे श्रद्धालु होने का महत्व है।
 
कार्तिक पूर्णिमा को मिलकर गंगा स्नान करने जाने वालों की भीड़ बहुत बड़ी हो गई है और पुलिस ने भी कड़े प्रबंध किए हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह स्थिति बहुत ही घनस्फुट हो गई है। श्रद्धालुओं के जाने-पहचाने कंबलों को फेंकना और पानी की कमी के चलते लोग दीवारों की मुक्कियां फोड़ना एक बहुत ही अजीब स्थिति है।
 
कार्तिक पूर्णिमा की तैयारी में ज्यादा उत्साह देखा गया है। लोगों की भीड़ को देखने वाला ना था की इतने ज्यादा लोग एक जगह इकट्ठा होंगे। ठंड के बावजूद स्नान करने की मानसिकता बहुत तीव्र है। ये दिव्यता बनाता है हरिद्वार का।
 
Back
Top